इलेक्ट्रिक वाहन मैन्युफैक्चरर्स के संगठन सोसाइटी आफ मैन्यूफैक्चरर्स आफ इलेक्टि्क व्हीकल्स (एसएमईवी) ने इलेक्ट्रिक गाड़ियों पर जीएसटी की दर 12 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत किये जाने का स्वागत किया है. एसएमईवी ने जीएसटी काउंसिल के इस फैसले को पर्यावरण के अनुकूल बताया है. एसएमईवी ने इलेक्ट्रिक वाहनों की अलग से बिकने वाली स्पेयर बैटरी पर भी टैक्स घटाने की मांग की है.

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एसएमईवी के महानिदेशक सोहिंदर गिल ने कहा कि जीएसटी कम होने से बैटरी और पेट्रोलियम ईंधन से चलने वाले वाहनों के दामों में अंतर घटेगा और लोग इलेक्ट्रिक वाहनों को अधिक तेजी से अपनाएंगे. उन्होंने कहा कि, ‘‘पिछले कुछ समय से सरकार इलेक्ट्रिक गाड़ियों को बढ़ावा देने का इरादा साफ साफ दिखाना शुरू किया है. जीएसटी में यह कमी सरकार की ओर से इस दिशा में उठाया गया एक और कदम है.’’ 

उन्होंने कहा कि हम जीएसटी में 7 प्रतिशत की कमी का स्वागत करते हैं. इससे बिजली से चलने वाले और पिस्टन सिलेंडर वाले पेट्रोलियम वाहनों के बीच कीमत का अंतर कम होगा. उन्होंने कहा कि फेम-2 नीति से निराशा हुई थी लेकिन टैक्स में कमी का यह कदम ‘‘राष्ट्रीय इलेक्ट्रिक व्हीकल नीति का एक उल्लेखनीय बिंदु है.’’ उन्होंने कहा कि स्पेयर बैटरी पर भी टैरिफ घटाया जाना चाहिए जो इस समय 18 प्रतिशत है. 

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जीएसटी परिषद ने शनिवार को इलेक्ट्रिक वाहनों पर टैक्स 12 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत करने का फैसला किया. यह फैसला 1 अगस्त से प्रभावी होगा. इलेक्ट्रिक वाहनों के चार्जर पर भी जीएसटी 18 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत कर दिया गया है. जीएसटी परिषद की बैठक वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई.