चिप (semiconductor) की कमी पूरे ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री पर असर डाल रही है. ऑटो मैनुफैक्चरर्स के संगठन सियाम (SIAM) ने गुरुवार को कहा कि ऑटोमोबाइल मैनुफैक्चरर्स सेमीकंडक्टर की कमी के चलते पर्याप्त यूनिट का प्रोडक्शन करने के लिए जूझ रहे हैं, जिसके चलते भारत में पैसेंजर वाहनों की थोक बिक्री में सितंबर में सालाना आधार पर 41 प्रतिशत की गिरावट हुई. पीटीआई की खबर के मुताबिक, पिछले महीने यात्री वाहनों (पैसेंजर वाहनों) की बिक्री 1,60,070 यूनिट रही थी, जो एक साल पहले की इसी अवधि में 2,72,027 यूनिट थी.

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

दोपहिया वाहनों की रवानगी भी घटी

खबर के मुताबिक, सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (SIAM) के ताजा आंकड़ों के मुताबिक, डीलरों को दोपहिया वाहनों (two wheelers) की रवानगी भी सितंबर 2020 में 17 प्रतिशत गिरावट के साथ 15,28,472 इकाई रही, जो सितंबर 2020 में 18,49,546 यूनिट थी. इस दौरान मोटरसाइकिल की रवानगी में 22 प्रतिशत की गिरावट हुई.

इंडस्ट्री के लिए एक बड़ी चिंता का कारण

सियाम के अध्यक्ष केनिची आयुकावा ने कहा कि भारतीय ऑटोमोबाइल उद्योग को नई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है. जहां एक ओर हम वाहनों की मांग में सुधार देख रहे हैं, वहीं दूसरी ओर सेमीकंडक्टर चिप्स की कमी इंडस्ट्री के लिए एक बड़ी चिंता का कारण बन रही है. कई सदस्यों ने अपनी उत्पादन योजनाओं में कटौती की है. उन्होंने कहा कि त्योहारी मौसम की मांग के साथ कुछ पॉपुलर मॉडलों के लिए ग्राहकों को लंबा इंतजार करना पड़ रहा है.

क्या होते हैं सेमीकंडक्टर

सेमीकंडक्टर चिप्स सिलिकॉन (silicone) से बने होते हैं. इलेक्ट्रिसिटी के ये अच्छे कंडक्टर होते हैं. इन्हें माइक्रो सर्किट (Microcircuit) में फिट किया जाता है. सेमीकंडक्टर चिप्स के बिना कोई भी इलेक्ट्रॉनिक आइटम या फिर गैजेट चल नहीं सकता. ये सभी एक्टिव कॉम्पोनेंट्स, इंटिग्रेटेड सर्किट्स, माइक्रोचिप्स, ट्रांजिस्टर और इलेक्ट्रॉनिक सेंसर इन्हीं चिप्स से बने होते हैं.

Zee Business Hindi Live TV यहां देखें

बता दें ये सेमीकंडक्टर ही हाई-एंड कंप्यूटिंग (high-end computing),ऑपरेशन कंट्रोल (operation control), डेटा प्रोसेसिंग, स्टोरेज, इनपुट और आउटपुट मैनेजमेंट, सेंसिंग, वायरलेस कनेक्टिविटी और कई अन्य कामों में हेल्प करते हैं. ऐसे में ये चिप्स आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, क्वांटम कंप्यूटिंग, एडवांस्ड वायरलेस नेटवर्क्स, ब्लॉकचेन एप्लिकेशंस, 5G, IoT, ड्रोन, रोबोटिक्स, गेमिंग और वियरेबल्स का अभिन्न हिस्सा बन चुके हैं.