नीति आयोग के चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर (सीईओ) अमिताभ कांत ने कहा कि बैटरी की कीमतों में कमी के चलते अगले 3-4 साल में इलेक्ट्रिक गाड़ियों की लागत पेट्रोल और डीजल इंजन गाड़ियों के लगभग बराबर हो जाएगी. इसलिए भारत को ई-व्हीकल्स की ओर बढ़ने के लिए तैयार रहना चाहिए. अमिताभ कांत ने कहा कि भारत में प्रत्येक 1,000 लोगों पर 28 कारें हैं. यह आंकड़ा अमेरिका और यूरोप की तुलना में काफी कम है, जहां 1,000 लोगों पर 980 और 850 गाड़ियां हैं. उन्होंने कहा कि इसका मतलब है कि भारत में शहरीकरण के और बढ़ने की संभावना है. भविष्य में सब कुछ बिजली से जुड़ा होगा.

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नीति आयोग के सीईओ कांत ने सीआईआई के एक कार्यक्रम में कहा, "हम ई-व्हीकल की ओर बढ़ेंगे क्योंकि बैटरी की कीमत 276 डॉलर प्रति किलोवाट से घटकर 76 डॉलर प्रति किलोवाट रह जाएगी. अगले 3 से 4 साल में ई-व्हीकल्स की लागत वर्तमान पेट्रोल-डीजल इंजन कारों के लगभग बराबर हो जाएगी." ई-व्हीकल्स में आमतौर पर लिथियम आयन बैटरी का इस्तेमाल होता है.

उन्होंने कहा कि जब ऐसा होगा तो जरूरी है कि भारत उस समय के लिए तैयार रहे. इसके लिए देश को समय रहते कड़ी मेहनत करनी चाहिए ताकि समय आने पर हमारे थ्री-व्हीलर, फोर-व्हीलर और बसें, सभी इलेक्ट्रिक व्हीकल्स में तब्दील हो जाएं. इससे हम कच्चे तेल की खपत में भारी कमी कर सकेंगे.

अमिताभ कांत ने जोर देकर कहा, "हमने एक पॉलिसी फ्रेमवर्क तैयार किया है, जिससे आने वाले दिनो में लोग इलेक्ट्रिक वाहन की ओर जाएंगे. इसके लिए लोगों को आर्थिक प्रोत्साहन दिया गया है."