सरकार प्रदूषण घटाने और गाड़ियों में पेट्रोल और डीजल की जगह अन्य तरह के वैकल्पिक इंधन के ऑप्शन पर तेजी से काम कर रही है. सरकार ने गाड़ियों में इस्तेमाल होने वाली सीएनजी में हाइड्रोजन मिलाने की इजाजत दे दी है. इस इंधन को एच-सीएनजी कहा जाएगा. ये सीएनजी की तुलना में कम प्रदूषण फैलाएगा.

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सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने ट्रांसपोर्टेशन के लिए साफ इंधन के तौर पर सीएनजी इंजनों में एच-सीएनजी के इस्तेमाल की इजाजत दी है. एच-सीएनजी में 18% हाइड्रोजन और 82 फीसदी सीएनजी का मिश्रण होगा. मंत्रालय परिवहन के लिए साफ ईंधन के तहत कई तरह के वैकल्पिक ईंधन को नोटिफाइड कर रहा है.

भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) ने भी मोटर वाहन के लिए हाइड्रोजन वाले कंप्रेस्ड नेचुरल गैस (एच-सीएनजी) की स्पेशिफिकेशन (आईएस 17314: 2019) को ईंधन के रूप में डेवलप किया है. कई सीएनजी-इंजन वाली गाड़ियों में सीएनजी की तुलना में एच-सीएनजी का इस्तेमाल करके प्रदूषण में कमी को समझने के लिए टेस्ट भी किए गए हैं.

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गाड़ियों के लिए एच-सीएनजी को एक Automotive fuel के रूप में शामिल करने को केंद्रीय मोटर वाहन नियम 1989 में बदलाव करने के लिए मंत्रालय ने 25 सितंबर 2020 को जीएसआर 585 (ई) पब्लिस किया गया है. इस संबंध में मसौदा नियम 22 जुलाई को आम लोगों को उपलब्ध कराया गया था.