Budget 2024 Auto Industry Announcements: 1 फरवरी 2024 को देश का यूनियन बजट (Union Budget) होने वाला है. ऐसे में सबकी निगाहें बजट से होने वाले ऐलानों पर रहेंगी. बजट में वित्त मंत्री निर्माला सीतारमण के पिटारे से क्या निकलेगा और वो क्या ऐलान करेंगी, इस पर हर किसी का फोकस होगा और वो कल यानी 1 फरवरी को ही पता चलेगा. लेकिन ऑटो इंडस्ट्री (Auto Industry) के लिहाज से अभी तक बीते बजट में क्या-क्या ऐलान हो चुके हैं. इससे पहले के बजट में वित्त मंत्री ने ऑटो इंडस्ट्री के लिए क्या ऐलान किए हैं और आने वाले बजट से ऑटो इंडस्ट्री की क्या उम्मीदें हैं, इसकी डीटेल्स इस खबर में ले सकते हैं. 

2023 के बजट में क्या हुआ खास?

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साल 2023 के बजट में मोदी सरकार की ओर से ऑटो इंडस्ट्री के लिए कई बड़े ऐलान किए गए थे. बीते बजट में सरकार का पूरा फोकस ग्रीन एनर्जी पर था. इसके लिए हरित हाइड्रोजन मिशन के तहत 5 MMT का सालाना प्रोडक्शन का टारगेट रखा था. इसके अलावा पुराने व्हीकल्स के स्क्रैप को लेकर भी घोषणा की गई थी. वहीं इलेक्ट्रिक व्हीकल्स को सस्ता करने को लेकर भी ऐलान किया गया था. 

2022 के बजट में किन बातों पर था फोकस?

साल 2022 के बजट की बात करें तो इस दौरान बैटरी स्वैपिंग पॉलिसी को लेकर ऐलान किया गया था. इसके लिए प्राइवेट कंपनियों को बैटरी स्वैपिंग स्टेशन और टेक्नोलॉजी स्थापित करने के लिए प्रोत्साहित किया गया था. इसके अलावा पब्लिक ट्रांसपोर्ट में इलेक्ट्रिक व्हीकल की हिस्सेदारी बढ़ाने की बात की गई थी. 

2021 के बजट में हुआ ये ऐलान

इस बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने व्हीकल स्क्रैप पॉलिसी का ऐलान किया था. इसके अलावा स्टील प्रोडक्ट्स पर आयात शुल्क को कम किया गया था, वहीं कई राज्यों में हाईवे के निर्माण का भी ऐलान किया गया था. 

साल 2020 की बात करें तो इस बजट में इस दौरान कोरोना महामारी का दुनियाभर में प्रकोप था. इस दौरान देश का ऑटोमोबाइल सेक्टर भी अच्छी हालत में नहीं था. तो ऐसे में बजट में ऑटोमोबइल इंडस्ट्री को लेकर कोई खास ऐलान नहीं हुआ था. 

2018-19 में हुए ये ऐलान

साल 2019 के आम बजट में सरकार की ओर से इलेक्ट्रिक व्हीकल्स को लेकर ऐलान हुए. जीएसट की दर को 12 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी तक किया गया. इसके अलावा सरकार ने 10 हजार करोड़ रुपए के विशेष एलोकेशन का ऐलान किया, जो इलेक्ट्रिक व्हीकल्स को बढ़ावा देने के लिए दिया गया था. वहीं साल 2018 की बात करें तो तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए 1 लाख करोड़ रुपए का आवंटन किया था. 

2024 में ऑटो इंडस्ट्री की क्या हैं उम्मीदें?

वाहन क्षेत्र की कुछ प्रमुख कंपनियों का मानना है कि सरकार को आगामी बजट में ग्रीन ट्रांसपोर्टेशन को बढ़ावा देने की पॉलिसी को जारी रखने की जरूरत है. उनका कहना है कि इसके अलावा इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर के डेवलपमेंट की रफ्तार को भी कायम रखने की जरूरत है. हरित परिवहन के लिए नीतिगत प्रोत्साहन पर ध्यान जारी रखना चाहिए. इससे देश में इलेक्ट्रिक वाहनों की स्वीकार्यता तेजी से बढ़ाने में मदद मिलेगी