Budget 2022 expectations: आगामी बजट (budget 2022) से हर किसी को बहुत उम्मीदें हैं. ऑटोमोबाइल सेक्टर को भी वित्त मंत्री से कई राहत मिलने की उम्मीदें हैं. इसमें डीलरशिप और उससे जुड़ी कुछ डिमांड भी हैं जिसको लेकर बजट में प्रावधान करने की मांग उठी है. फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन यानी FADA ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) के सामने अपने कुछ मुद्दे उठाए हैं. फाडा (Federation of Automobile Dealers Association) का कहना है कि कुछ ऐसे मुद्दे हैं जिससे ऑटो मोबाइल सेक्टर और ऑटो डीलरशिप के ग्रोथ असर डाल रहे हैं.

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टू व्हीलर पर जीएसटी हो कम

डीलरशिप एसोसिएशन का कहना है कि सरकार को बजट में टू व्हीलर इंडस्ट्री और ऑटो खुदरा व्यापार को वापस पटरी पर लाने के लिए दोपहिया वाहनों पर GST दरों को 18% तक रेगुलेट करने की जरूरत है. फाडा का कहना है कि टू व्हीलर का इस्तेमाल विलासिता के रूप में नहीं बल्कि निम्न वर्ग और ग्रामीण वर्ग द्वारा अपनी हर रोज की जरूरतों के लिए किया जाता है। इसलिए 28% GST + 2% उपकर का औचित्य टू-व्हीलर कैटेगरी के लिए अच्छा नहीं है..

सेकेंड हैंड कार पर घटे जीएसटी

फेडरेशन की डिमांड है कि बजट में सरकार सेकेंड हैंड कारों पर लगने वाली जीएसटी को कम करने की डिमांड की है. फिलहाल 4000 mm से कम की कार पर जीएसटी 12 प्रतिशत और 4000 mm से ज्यादा लंबी कार पर 18 प्रतिशत लगता है. पुरानी कारों का कारोबार नई कार बाजार के आकार के 1.4 गुना पर कब्जा कर चुका है. सालाना 50 से 55 लाख कारो के साथ 1.75 खरब रुपये का कारोबार है. इसमें जो ऑथोराइज्ड डीलर होते हैं, वह व्यापार का सिर्फ 10-15% हिस्सा लेते हैं, जो कि संगठित क्षेत्र भी है. यह क्षेत्र टैक्स का भी भुगतान करता है. फाडा की मांग (budget 2022 expectations) है कि ऐसी कारों पर 5 प्रतिशत जीएसटी रेट लागू होना चाहिए.

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एलएलपी, मालिकाना और साझेदारी फर्म के लिए कम हों कॉर्पोरेट टैक्स

फाडा का कहना है कि सरकार ने 400 करोड़ रुपये तक के टर्नओवर वाली प्राइवेट लिमिटेड कंपनियों के लिए कॉरपोरेट टैक्स घटाकर 25% कर दिया है. सभी एलएलपी, प्रोपराइटरी और पार्टनरशिप फर्मों को भी यही बेनिफिच दिया जाना चाहिए. उनका कहना है कि ऑटो डीलरशिप कम्यूनिटी के ज्यादातर व्यापारी इस कैटेगरी में आते हैं. यह उन कारोबारियों के मनोबल और भावना को बढ़ावा देने में मदद करेगा जो 50 लाख लोगों को रोजगार देते हैं. इनें 25 लाख कर्मचारी प्रत्यक्ष रोजगार पर हैं.