Bharat NCAP: कार या दूसरी गाड़ियों में ड्राइवर और पैसेंजर्स की सेफ्टी पर सरकार ने अहम कदम उठाया है. सरकार ने कार सहित गाड़ियों की क्रैश टेस्टिंग के लिए भारत एनसीएपी रेटिंग सिस्टम (Bharat NCAP) का ड्राफ़्ट जारी कर दिया है. ऑटोमोबाइल कंपनियों को अब इस भारत एनसीएपी की क्रैश टेस्ट रेटिंग से होकर गुजरना होगा. इसी से पता चलेगा कि किस कंपनी की कौन सी गाड़ी पैसेंजर्स के लिए कितनी सुरक्षित है. भारत एनसीएपी को पेश करने के लिए ड्राफ्ट जीएसआर नोटिफिकेशन को अप्रूवल मिल गया है. सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी (nitin gadkri) ने इस बारे में शुक्रवार को जानकारी दी. 

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ज़ी बिज़नेस ने पहले दी थी खबर

आपको बता दें, ज़ी बिज़नेस ने बीते 30 मार्च को खबर दी थी कि सरकार स्वदेशी कार क्रैश टेस्ट रेटिंग सिस्टम Bharat NCAP की तैयारी कर रही है.खबर के मुताबिक,ग्लोबल NCAP से बेहतर होगी यह रेटिंग. इस कदम के बाद अब कारों को विदेश भेजने की जरूरत नहीं होगी. BharatNCAP में क्रैश, सेफ्टी समेत सभी फ़ीचर के आधार पर रेटिंग होगी.यहां बता दें, टेस्टिंग प्रोटोकॉल अंतरराष्ट्रीय क्रैश टेस्ट प्रोटोकॉल जैसा ही होगा. इसमें मौजूदा भारतीय नियमों को ध्यान रखा जाएगा. कार निर्माता अपने वाहनों की टेस्टिंग भारत की इन-हाउस टेस्टिंग सुविधाओं में कर सकेंगे. सरकार का कहना है कि क्रैश टेस्ट के आधार पर न सिर्फ सेफ्टी बल्कि एक्सपोर्ट को भी बढ़ावा मिलेगा. 

भारत एनकैप अंतरराष्ट्रीय नियमों से बेहतर होगा 

पिछले महीने सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने बताया था कि सरकार गाड़ियों के क्रैश टेस्ट रेटिंग सिस्टम (New Car Assessment Programme) लाने वाली है. ज़ी बिजनस को मिली जानकारी के मुताबिक स्वदेशी क्रैश टेस्ट रेटिंग सिस्टम इसी साल आएगा. नियम अगले साल से लागू होंगे. कहा गया है कि भारत एनकैप (Bharat NCAP) अंतरराष्ट्रीय नियमों से बेहतर होगा.  सरकार शुरुआत में ऑप्शनल रख सकती है लेकिन बाद में जरूरी हो सकता है. टेस्ट के लिए चार्ज देना होगा. टेस्ट में फ्रंट और साइड क्रैश को शामिल किया जाएगा. इतना ही नहीं एक्सीडेंट की सूरत में रेस्क्यू कितना आसान हो इसके लिए रेटिंग होगी.

भारत एनकैप उससे ज्यादा सुरक्षित 

लैटिन एनकैप और यूरो एनकैप क्रैश टेस्ट के नियम ग्लोबल एनकैप से ज्यादा सख्त हैं. भारत एनकैप उससे ज्यादा सुरक्षित है. यह भी कहा गया है कि विदेशों में बर्फ़बारी लंबे समय तक होती है ऐसे में भारत में Skid के नियमों में ढील दी जाएगी. भारत में बनने और बिकने वाली कारों क लिए सेफ्टी नियमों में कहा गया है कि भारत एनकैप (Bharat NCAP) रेटिंग के लिए छह एयरबैग जरूरी होगा.साथ ही एडवांस्ड इमरजेंसी ब्रेकिंग भी जरूरी है.

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इसके अलावा, सभी फ्रंट फेसिंग सीटों के लिए थ्री-पॉइंट सीट बेल्ट भी जरूरी किया गया है. इलेक्ट्रॉनिक स्टेबिलिटी कंट्रोल (ईएससी) के बिना अब गाड़ियां नहीं आएंगी. लैटिन एनकैप क्रैश टेस्ट में बेहतर सेफ्टी रेटिंग पाने के लिए कार में ईएससी, ऑटोनॉमस इमरजेंसी ब्रेकिंग, ब्लाइंड स्पॉट डिटेक्शन और स्पीड असिस्टेंस सिस्टम जैसे फीचर की जरूरत रहती है.