सेडान जिनकी कीमत 10 लाख रुपये से ज्‍यादा उसके लिए अब ग्राहकों को अपनी जेब ढीली करनी होगी. सेंट्रल बोर्ड और इनडायरेक्‍ट टैक्‍सेज एंड कस्‍टम्‍स (CBIC) के हालिया स्‍पष्‍टीकरण के अनुसार, 10 लाख रुपये से अधिक की कारें अब ग्राहकों के लिए महंगी हो जाएंगी. सरकार ने कहा है कि वस्‍तु एवं सेवा कर (GST) का भुगतान इनवॉयस वैल्‍यू के साथ-साथ स्रोत पर संग्रहित कर (TCS) पर देना होगा न किस सिर्फ वस्‍तु के मूल्‍य पर. इसका मतलब हुआ कि ग्राहकों को अब ऑटो डीलर द्वारा वसूले जाने टैक्‍स पर भी GST देना होगा.

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कार ही नहीं टेलीकॉम सेक्‍टर पर भी होगा असर

CBIC के इस स्‍पष्‍टीकरण का असर टेलीकॉम सेक्‍टर पर भी पड़ेगा. खास तौर से टावर सेगमेंट पर इसका विशेष असर होगा. 10 लाख रुपये से अधिक की कारों की एक्‍स-शोरूम कीमत पर 1% TCS लगाया जाता है जिसमें GST भी शामिल है. इनकम टैक्‍स नियम के अनुसार, कुछ सामानों के सप्‍लायर्स प्राप्‍त राशि पर TCS कलेक्‍ट कर सकते हैं. सप्‍लाई प्राप्‍त करने वाला, TCS के अधीन अपनी इनकम टैक्‍स देनदारी पूरी करते समय डिडक्‍शन का दावा कर सकता है.

ऑटोमोबाइल उद्योग पर होगा प्रतिकूल असर

इकॉनोमिक टाइम्‍स ने अपनी एक रिपोर्ट में विशेषज्ञों के हवाले से बताया है कि इसका उद्याेग जगत, खास तौर से ऑटोमोबाइल उद्योग पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा क्‍योंकि अंतिम उपभोक्‍ताओं को बढ़ी हुई कीमतें सीधे तौर पर देनी होगी.