पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम में प्रदूषण को कम करने की एक बड़ी पहल की गई है. जल्द देश के 65 शहरों में 5645 इलेक्ट्रिक बसें चलेंगी. दरअसल, इलेक्ट्रिक वाहनों से जुड़ी अंतर मंत्रालयी समिति ने शहर के अंदर चलाने के लिए इतनी बड़ी संख्या में बसों के लिए मंजूरी दे दी है. नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत  ने हाल में अपने एक ट्वीट में यह जानकारी दी है. इसमें कहा गया है कि आठ स्टेट ट्रांसपोर्ट के तहत ये बसें चलेंगी. 

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इसमें एक अहम बात यह भी है कि ये सारी इलेक्ट्रिक बसें मेड इन इंडिया होंगी. यानी इनका मैनुफैक्चरिंग भारत में होगा. ये बसें चुनिंदा शहरों और स्टेट ट्रांसपोर्ट को सब्सिडी रेट पर दी जाएंगी. बताया जा रहा है कि इससे मेक इन इंडिया मुहिम को भी प्रोमोट किया जाएगा. इतनी बड़ी संख्या में इलेक्ट्रिक बसों के लिए किए गए इस पहल के पीछे केंद्र सरकार का भारत में इलेक्ट्रिक गाड़ियों के प्रति जोर देना भी खास वजह है.

नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने अपने ट्वीट में लिखा है, "ईवीएस के लिए अंतर-मंत्रालयी समिति ने आज 65 शहरों में इंट्रासिटी परिचालन के लिए 5,645 इलेक्ट्रिक बसों को मंजूरी दी और 8 राज्य परिवहन उपक्रमों को इसमें शामिल किया गया है. यह ऑटोमोबाइल सेक्टर के लिए एक प्रेरणास्रोत होगा. इससे हमारे शहरों में प्रदूषण कम होगा और मेक इन इंडिया को बल मिलेगा," 

नीति आयोग ने पहले 150 सीसी तक के सभी दोपहिया वाहनों को 31 मार्च 2025 तक इलेक्ट्रिक व्हीकल में बदलने का प्रस्ताव दिया था. इस स्वतंत्र इकाई ने यह भी प्रस्ताव दिया था कि भारत में  31 मार्च 2023 तक सभी थ्री व्हीलर्स पूरी तरह इलेक्ट्रिक व्हीकल में बदल जाए.