भूख से 'बिलखता' पाकिस्तान! मटन 1100 रुपए/किलो, आसमान पर पहुंचे दूध-सेब के दाम
इमरान खान की सरकार महंगाई रोकने में नाकाम है. आलम यह है कि पाकिस्तान के कुछ इलाकों में भूखमरी के हालत बन रहे हैं. दूध 190 रुपए लीटर बिक रहा है तो वहीं, सेब के दाम 400 रुपए प्रति किलो पर पहुंच गए हैं.
देश की आर्थिक समस्याओं का असल असर पाकिस्तान की जनता पर हो रहा है. (फोटो: रॉयटर्स)
देश की आर्थिक समस्याओं का असल असर पाकिस्तान की जनता पर हो रहा है. (फोटो: रॉयटर्स)
महंगाई डायन की मार इन दिनों पाकिस्तान पर जोर से पड़ रही है. एक तरफ रमजान, दूसरी तरफ भूख से बिलखता पाकिस्तान. कुछ ऐसा ही वहां की आवाम का हाल है. इमरान खान की सरकार महंगाई रोकने में नाकाम है. आलम यह है कि पाकिस्तान के कुछ इलाकों में भुखमरी के हालत बन रहे हैं. पाकिस्तान रुपया लगातार फिसल रहा है. लोग पाई-पाई को मोहताज हैं. दूध 190 रुपए लीटर बिक रहा है तो वहीं, सेब के दाम 400 रुपए प्रति किलो पर पहुंच गए हैं. सबसे चौंकाने वाला आंकड़ा मटन का है. मटन के दाम इन दिनों 1100 रुपए प्रति किलो पहुंच गए हैं.
क्यों बढ़ रही है महंगाई
देश की आर्थिक समस्याओं का असल असर पाकिस्तान की जनता पर हो रहा है. रमजान के महीने में खाने-पीने की इन चीजों की मांग ज्यादा है. मार्च के मुकाबले मई में प्याज 40%, टमाटर 19 % और मूंग की दाल 13% ज्यादा कीमत पर बिक रही हैं. गुड़, शक्कर, फल्लियां, मछली, मसाले, घी, चावल, आटा, तेल, चाय, गेंहू की कीमतें 10 % तक बढ़ गई हैं. बाजार पर रिसर्च करने वाली स्थानीय संस्थाओं के मुताबिक ऑटो, सीमेंट और फार्मास्यूटिकल्स जैसे उद्योगों के कच्चे माल के आयात की कीमतें और बढ़ेंगी.
रुपया बिगाड़ रहा हालात
गिरते रुपए के कारण पाकिस्तान में महंगाई बहुत बढ़ रही है. पाकिस्तान ब्यूरो ऑफ स्टैटिस्टिक्स (Pakistan Bureau of Statistics) के मुताबिक, कन्ज्यूमर प्राइज इंडेक्स 9.4 प्रतिशत हो गया है, जिससे लोगों की खरीदने की क्षमता लगभग खत्म हो रही है. व्यापारियों का बाजार पर से विश्वास उठ रहा है. पिछले 17 साल में पाकिस्तानी शेयर बाजार का सबसे खराब इतिहास रहा है.
सेंट्रल बैंक ने दी चेतावनी
अब पाकिस्तान के सेंट्रल बैंक (स्टेट ऑफ पाकिस्तान) ने चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर महंगाई को नहीं रोका गया तो देश के आर्थिक हालात काबू से बाहर हो जाएंगे. आपको बता दें कि SBP ने ब्याज दरें बढ़ाकर 12.25 फीसदी कर दी है. ये कदम महंगाई को काबू करने के लिए ही उठाया गया है. अखबार डॉन के मुताबिक, स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान ने चेतावनी भरे लहजे में कहा है कि कमजोर होते पाकिस्तानी रुपया की वजह से महंगाई बढ़ रही है. भविष्य में महंगाई को लेकर चल रही अपेक्षाओं के कारण राजकोषीय घाटा बढ़ जाएगा.
मई में 29% गिरा पाकिस्तानी रुपया
पाकिस्तानी रुपया मई में 29 % कमजोर हुआ है. यह एशिया की 13 अहम मुद्राओं में सबसे कमजोर मुद्रा बन गई है. एक डॉलर का मूल्य करीब 150 पाकिस्तानी रुपए हो गया है. जबकि 70 भारतीय रुपए एक डॉलर के बराबर हैं. डॉलर के मुकाबले नेपाली रु 112, बांग्लादेश टका 84 और अफगानी (अफगानिस्तानी मुद्रा) 79 होते हैं.
पाकिस्तान के पास नहीं है पैसा
पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार भी घटकर 8.8 अरब डॉलर पर पहुंच गया है. पाकिस्तान सरकार ने स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान से इस वित्त वर्ष में अब तक 4.8 लाख करोड़ रुपए कर्ज लिया हुआ है. यह पिछले साल इसी समय तक 2.4 गुना अधिक था. राजस्व वसूली में कमी, सुरक्षा पर अधिक धन खर्च होने और विदेशी कर्ज में अधिक ब्याज दर अदा करने के कारण इस वित्त वर्ष के पहली तीन तिमाही में राजकोषीय घाटा काफी अधिक होने का अनुमान जताया जा रहा है.
11:57 AM IST