पाकिस्तान के साथ 'अपनों' ने किया धोखा! कंगाली में सबसे 'खास दोस्त' ने पहुंचाई गहरी चोट
चोट किसी दुश्मन ने नहीं बल्कि उसके सबसे खास दोस्त ने पहुंचाई है. कंगाली और कर्ज में डूब पाकिस्तान अगर कहीं से सहारा था तो वो था उसका बेस्ट फ्रेंड चीन.
पाकिस्तान पर बढ़ते कर्ज को देखते हुए चीन ने निवेश घटाया है. (फोटो: रॉयटर्स)
पाकिस्तान पर बढ़ते कर्ज को देखते हुए चीन ने निवेश घटाया है. (फोटो: रॉयटर्स)
आर्थिक सुस्ती, कर्ज का बोझ, महंगाई और कंगाली... पाकिस्तानी का ये दर्द किसी से छुपा नहीं है. लेकिन, पाकिस्तान को अब एक और गहरी चोट पहुंची है. चोट किसी दुश्मन ने नहीं बल्कि उसके सबसे खास दोस्त ने पहुंचाई है. कंगाली और कर्ज में डूबे पाकिस्तान को अगर कहीं से सहारा था तो वो था उसका बेस्ट फ्रेंड चीन. लेकिन, अब चीन ने भी पाकिस्तान के जख्मों पर नमक छिड़का है. दरअसल, हर मोर्चे पर पाकिस्तान का साथ देने वाला चीन, अब पाकिस्तान में पैसा फंसाने से बच रहा है. यही वजह है कि पिछले एक महीने में पाकिस्तान का विदेशी निवेश गिरकर आधा रह गया है.
58 फीसदी गिरा विदेशी निवेश
पाकिस्तान के अखबार डॉन (Dawn) के मुताबिक, मौजूदा वित्त वर्ष 2019-20 के जुलाई-अगस्त महीने में चीन से आने वाला निवेश घट गया है. स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान (State Bank of Pakistan) के आंकड़ों के मुताबिक, देश में कुल विदेशी निवेश यानी FDI (Foreign Direct Investment) 57.8 फीसदी गिर गया है. साल 2018 में पाकिस्तान का विदेशी निवेश 19.79 डॉलर (करीब 1405.09 करोड़ रुपए) था, जो अब घटकर 8.34 करोड़ डॉलर (करीब 592.14 करोड़ रुपए) पर आ गया है. चीन ने जुलाई-अगस्त में सिर्फ 2.89 करोड़ डॉलर (करीब 205.19 करोड़ रुपए) का निवेश किया है.
पाकिस्तान को संभालने की कोशिश नाकाम
दरअसल, चीन ने पिछले साल तक पाकिस्तान के आर्थिक हालात सुधारने के लिए अरबों डॉलर का निवेश किया. नकदी संकट से जूझ रहे पाकिस्तान को बचाने के लिए इस साल मार्च में चीन ने उसे दो अरब डॉलर का कर्ज भी दिया. लेकिन, अब चीन भी अपने हाथ खींच रहा है. पाकिस्तान पर बढ़ते कर्ज को देखते हुए चीन ने निवेश घटाया है. पाकिस्तान में महंगाई के चलते कई कारोबार ठप पड़ चुके हैं. पाकिस्तान की आवाम पर महंगाई का बोझ बढ़ रहा है. ऐसे में चीन का हाथ खींचने उसके लिए काफी निगेटिव प्वाइंट है.
TRENDING NOW
पाकिस्तान में चीन का बड़ा निवेश
- चाइना-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर (CPEC) परियोजना 2013 में शुरू हुई तो दोनों देशों के बीच इस पर सहमति बनी.
- परियोजना को जमीन पर उतारने के लिए 2014 में पाकिस्तान के तत्कालीन राष्ट्रपति ममनून हुसैन और प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने कई बार चीन का दौरा किया.
- नवंबर 2014 में चीन ने ऐलान किया कि वो ऊर्जा और इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट में CPEC के तहत 46 अरब डॉलर की वित्तीय मदद करेगा.
- सितंबर 2016 में चीन ने ऐलान किया कि CPEC के लिए 51.6 अरब डॉलर का एक नया समझौता हुआ है.
- नवंबर 2016 में CPEC की कुछ योजनाएं शुरू हो गईं. चीन से ट्रक भरकर सामान पाकिस्तान के बंदरगाह ग्वादर पर आने लगे.
- इसके बाद चीन ने फिर ऐलान किया कि वह अप्रैल में पाकिस्तान में 62 अरब डॉलर का निवेश बढ़ाएगा.
- मार्च में भी चीन ने पाकिस्तान को दो अरब डॉलर का कर्ज दिया.
06:06 PM IST