INSULIN के लिए तरसेंगे डायबिटिक मरीज, जानिए क्या हो सकता है इसका कारण
देश में डायबिटिक रोगियों की संख्या लगातार बढ़ रही है. वैश्विक स्तर पर इस बीमारी के करीब 40.56 करोड़ रोगी हैं. जानकारों की मानें तो टाइप 2 डायबिटिक रोगियों की संख्या 2030 तक बढ़कर 51 करोड़ के आसपास पहुंच जाएगी
बुरी खबर यह है कि जैसे-जैसे रोगियों की संख्या बढ़ेगी इंसुलिन कम ही मरीजों को उपलब्ध हो पाएगी. (फोटो : DNA)
बुरी खबर यह है कि जैसे-जैसे रोगियों की संख्या बढ़ेगी इंसुलिन कम ही मरीजों को उपलब्ध हो पाएगी. (फोटो : DNA)
देश में डायबिटिक रोगियों की संख्या लगातार बढ़ रही है. वैश्विक स्तर पर इस बीमारी के करीब 40.56 करोड़ रोगी हैं. जानकारों की मानें तो टाइप 2 डायबिटिक रोगियों की संख्या 2030 तक बढ़कर 51 करोड़ के आसपास पहुंच जाएगी. टाइप 2 डायबिटीज में रोगियों को कुछ साल बाद इंसुलिन की मदद लेनी पड़ती है. लेकिन बुरी खबर यह है कि जैसे-जैसे रोगियों की संख्या बढ़ेगी इंसुलिन कम ही मरीजों को उपलब्ध हो पाएगी. दूसरा पहलू यह भी है कि इंसुलिन की मौजूदा कीमत ही दवा के मुकाबले ज्यादा और इसकी मांग बढ़ने पर दाम और चढ़ेंगे.
कब लेनी पड़ती है इंसुलिन
डायबेटोलॉजिस्ट डॉ. एलके शंखधर की मानें तो डायबिटिक रोगियों को बीमारी के बारे में पता चलने के कुछ साल बाद इंसुलिन लेनी पड़ती है. इसका बड़ा कारण पैक्रियाज में इंसुलिन का उत्पादन घटना होता है. इसलिए शरीर में प्रचुर मात्रा में इंसुलिन की खुराक देने के लिए रोगी को इसे दिया जाता है. अगर रोगी डायबिटीज को कंट्रोल में नहीं रखता तो इससे उसका हार्ट, किडनी, आंख और नर्वस सिस्टम प्रभावित हो सकता है.
इंसुलिन की कीमत है सबसे बड़ा कारण
अमेरिका की स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी ने हाल में एक रिपोर्ट जारी की. इसमें बताया गया है कि करीब 3.3 करोड़ रोगियों को इंसुलिन का एक्सेस नहीं है. इसका बड़ा कारण बाजार में इंसुलिन की उपलब्धता में कमी और उसका दवा के मुकाबले कहीं ज्यादा महंगा होना है. डॉ. शंखधर के मुताबिक 2030 तक इंसुलिन के इस्तेमाल में काफी बढ़ोतरी होगी. 2018 में यह संख्या 51.6 करोड़ 1000 IU वायल प्रति वर्ष थी जो 2030 तक बढ़कर 63.3 करोड़ प्रति वर्ष तक पहुंच सकती है.
TRENDING NOW
FD पर Tax नहीं लगने देते हैं ये 2 फॉर्म! निवेश किया है तो समझ लें इनको कब और कैसे करते हैं इस्तेमाल
8th Pay Commission: केंद्रीय कर्मचारियों के लिए ताजा अपडेट, खुद सरकार की तरफ से आया ये पैगाम! जानिए क्या मिला इशारा
क्यों होता है टाइप 2 डायबिटीज
टाइप 2 डाइबिटीज से ज्यादातर लोग ग्रस्त हैं. इसका प्रमुख कारण ज्यादा वजन और वर्जिश आदि का न होना है. पहले वयस्कों में यह रोग ज्यादा पाया जाता था लेकिन अब बच्चे भी इसका शिकार होने लगे हैं. डॉ. शंखधर के मुताबिक 2030 तक इंसुलिन के इस्तेमाल में 20% की बढ़ोतरी होने का अनुमान है.
कितना बड़ा है इंसुलिन का बाजार
इंसुलिन करीब 100 साल पुरानी दवा है, लेकिन इसकी कीमत कभी नहीं गिरी. डॉक्टरों के मुताबिक़, 1554 अरब रुपए के ग्लोबल इंसुलिन बाजार का 99% हिस्सा 3 मल्टीनेशनल कंपनियों- नोवो नोरडिस्क, इलि लिली एंड कंपनी और सनोफी के पास है. यानि इन 3 कंपनियों के पास 96 फीसदी बाजार हिस्सेदारी है. ये 3 कंपनियां इंसुलिन की आपूर्ति करती हैं.
05:45 PM IST