चीन को एक और बड़ा झटका, फाइनेंस मिनिस्ट्री ने इस फंड में FDI पर रोक लगाई
लद्दाख में Line of actual control पर चीनी सैनिकों की बर्बरता पर चीन के खिलाफ भारत ने मोर्चाबंदी तेज कर दी है. चीन को आर्थिक मोर्चे पर पीछे धकेलने के लिए भारत हर पुरजोर प्रयास कर रहा है.
चीन समेत अन्य पड़ोसी देश की कंपनी को निवेश के लिए सरकार की मंजूरी की जरूरत होगी. (Reuters)
चीन समेत अन्य पड़ोसी देश की कंपनी को निवेश के लिए सरकार की मंजूरी की जरूरत होगी. (Reuters)
लद्दाख में Line of actual control पर चीनी सैनिकों की बर्बरता पर चीन के खिलाफ भारत ने मोर्चाबंदी तेज कर दी है. चीन को आर्थिक मोर्चे पर पीछे धकेलने के लिए भारत हर पुरजोर प्रयास कर रहा है. इस बीच, फाइनेंस मिनिस्ट्री ने चीन समेत भारत की सीमा से लगे किसी भी देश से पेंशन कोष (Pension Fund) में विदेशी निवेश (FDI) पर प्रतिबंध लगाने का प्रस्ताव किया है.
पेंशन कोष नियामक और विकास प्राधिकरण (PFRDA) के नियमन के तहत पेंशन फंड में 49 प्रतिशत विदेशी निवेश की इजाजत है. इस अधिसूचना के मसौदे के मुताबिक चीन समेत अन्य पड़ोसी देश की कंपनी को निवेश के लिए सरकार की मंजूरी की जरूरत होगी. समय-समय पर जारी FDI (प्रत्यक्ष विदेशी निवेश) नीति का प्रावधान ऐसे मामलों पर लागू होगा.
न्यूज एजेंसी pti के मुताबिक सरकार ने इस मुद्दे पर पक्षों से राय मांगी है. इन देशों से कोई भी विदेशी निवेश सरकार की इजाजत पर निर्भर करेगा. सरकार की अधिसूचना जारी होने की तारीख से यह प्रतिबंध लागू हो जाएगा. भारत और चीन के बीच गलवान घाटी में हिंसक झड़प के बाद बढ़ते तनाव के बीच वित्त मंत्रालय ने यह प्रस्ताव किया है.
प्रस्तावित बदलाव औद्योगिक संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग (DPIIT) के अप्रैल में जारी दिशानिर्देशों के अनुरूप है. फिलहाल, केवल बांग्लादेश और पाकिस्तान से होने वाले निवेश को लेकर ही सरकारी मंजूरी की जरूरत का प्रावधान है.
ऐसा ही प्रयास Indian railways ने भी किया है. रेलवे ने कानपुर-मुगलसराय के बीच सिग्नल लगाने का काम कर रही चीनी कंपनी को बड़ा झटका दिया है. रेलवे ने कानपुर और मुगलसराय के बीच 417 किलोमीटर लंबे ट्रैक पर सिग्नल और दूरसंचार के काम में देरी के कारण कंपनी का ठेका रद्द करने का फैसला किया है.
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बता दें कि इस ट्रैक पर मालगाड़ियों की आवाजाही ज्यादा होगी. इसे ‘ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर’ नाम दिया गया है. इस पर सिग्नल और दूरसंचार का काम रेलवे ने 2016 में चीन की कंपनी बीजिंग नेशनल रेलवे रिसर्च एंड डिजायन इंस्टीट्यूट (Beijing National Railway Research & Design Institute of Signal & Communication) को दिया था. यह ठेका 471 करोड़ रुपये का है.
न्यूज एजेंसी pti ने रेलवे के हवाले से कहा कि कंपनी को 2019 तक काम पूरा कर लेना था, लेकिन अब तक वह सिर्फ 20 प्रतिशत ही काम कर पाई है. रेलवे ने यह कदम ऐसे समय उठाया है, जब इस हफ्ते पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में चीन के सैनिकों के साथ भयंकर टकराव में एक कर्नल सहित भारतीय सेना के 20 जवान शहीद हो गए.
02:02 PM IST