बड़ी खबर: कोरोना वैक्सीन बनाने में अमेरिका को मिली सफलता, मरीजों में बढ़ी इम्युनिटी
कोरोनावायरस (coronavirus) से फैली महामारी कोविड-19 (Covid-19 Pandemic) को रोकने के लिए चल रहे वैक्सीन के ट्रायल में अब अमेरिका से अच्छी खबर आई है.
अमेरिकी सरकार मॉडर्ना वैक्सीन को समर्थन दे रही है.
अमेरिकी सरकार मॉडर्ना वैक्सीन को समर्थन दे रही है.
दुनिया भर में कोरोना वायरस की वैक्सीन को लेकर ट्रायल जारी हैं और अब इनके परिणाम भी सामने आने लगे हैं. कोरोनावायरस (coronavirus) से फैली महामारी कोविड-19 (Covid-19 Pandemic) को रोकने के लिए चल रहे वैक्सीन के ट्रायल में अब अमेरिका से अच्छी खबर आई है. कोरोना वैक्सीन के इंसानों पर चल रहे ट्रायल के बहुत ही सकारात्मक नतीजे मिले हैं. US रिसर्चर्स का दावा है कि वैक्सीन बिल्कुल सुरक्षित है और अच्छी इम्यूनिटी बढ़ी है.
मॉडर्ना इंक (Moderna Inc.) का भी नाम जुड़ गया है. अमेरिका में सबसे पहले टेस्ट किए गए COVID-19 की इस वैक्सीन के पहले दो ट्रायल के परिणाम से वैज्ञानिक खुश हैं. अब इस वैक्सीन की फाइनल टेस्टिंग की जाएगी. मंगलवार को आई रिपोर्ट से पता चला है कि इस वैक्सीन ने लोगों के इम्यून सिस्टम पर ठीक वैसा ही काम किया है जैसा कि वैज्ञानिकों को उम्मीद थी.
मार्च में 45 लोगों पर किए गए इस वैक्सीन के पहले ट्रायल के परिणाम का सभी शोधकर्तोओं को बेसब्री से इंतजार था. मंगलवार को आए निष्कर्षों में इस वैक्सीन से इम्यूनिटी बढ़ने की उम्मीद बढ़ी है. रिसर्च टीम ने New England Journal of Medicine को बताया कि इन वालंटियर्स में संक्रमण को रोकने वाली न्यूट्रलाइजिंग एंटीबॉडी विकसित हुई. जिन लोगों पर ट्रायल किया गया है उनमें अब तक कोई साइड इफेक्ट नहीं दिखाई दिए हैं. हालांकि, कुछ लोगों में दूसरी डोज के बाद थकान, सिरदर्द, ठंड लगना, बुखार और इंजेक्शन जैसे बहुत मामूली बदलाव हुए हैं. यह होना आम बात है.
जानकारों का कहना है कि वैक्सीन की जरूरत इसलिए है ताकि इस महामारी को खत्म किया जा सके, कोरोना वायरस की वजह से करोड़ो लोग संक्रमित हैं और साढ़े पांच लाख से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. मॉडर्ना पहली ऐसी कंपनी है, जिसने कोरोना वैक्सीन का मानव परीक्षण 16 मार्च को शुरू किया था. वायरस के जेनेटिक सीक्वेंस जारी होने के 66 दिन बाद ही मॉडेर्ना ने कोरोना की वैक्सीन बना ली थी और उसका परीक्षण शुरू कर दिया था. नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एलर्जी एंड इंफेक्शियस डिसीज के निदेशक डॉ एंटॉनी फोसी ने इसे अच्छी खबर बताया है. उन्होंने कहा कि वैक्सीन का कोई साइड इफेक्ट नहीं हुआ है, इससे ऊंचे स्तर की एंटीबॉडी बनेगी.
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डॉक्टर एंथनी फॉसी ने न्यूज एजेंसी रॉयटर्स से कहा, 'चाहे आप इसे कैसे भी लें, लेकिन यह अच्छी खबर है.' ये प्रायोगिक वैक्सीन नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ और मॉडर्ना इंक ने मिलकर तैयार की है. इसकी सबसे जरूरी और फाइनल टेस्टिंग 27 जुलाई के आसपास की जाएगी. हालांकि, ये वैक्सीन पूरी तरह से कब तक आ जाएगी इसके बारे में अभी कुछ नहीं कहा जा सकता है. लेकिन, सरकार को उम्मीद है कि साल के अंत तक इसके परिणाम आ जाएंगे. इस वैक्सीन को बहुत तेजी से विकसित करने की कोशिश की जा रही है. इस वैक्सीन के दो डोज दिए जाएंगे.
डॉ एंटॉनी ने कहा कि अगर आपकी वैक्सीन ठीक हुए मरीजों की तुलना में अधिक प्रतिक्रिया पैदा कर सकता है तो यह जीत की बात है. इस घोषणा के बाद मॉडर्ना के शेयर में 15 फीसदी का उछाल देखा गया. अमेरिकी सरकार मॉडर्ना वैक्सीन को समर्थन दे रही है. इसके लिए सरकार ने करीब 50 अरब डॉलर दिए हैं.
05:51 PM IST