पाकिस्तान को सता रहा 'भूख' का डर, इस बार कैसे मनाएंगे ईद, कैसे होंगी शादियां?
कारोबारियों के साथ-साथ पाकिस्तान की जनता भी मानती है कि इस बार ईद मनाना भी मुश्किल है. क्योंकि, भारत से बंद हुए प्रोडक्ट्स की वजह से महंगाई बढ़ सकती है.
घरेलू महिला नजमा का कहना है कि बढ़ती महंगाई ने पहले ही किचन का बजट बढ़ा दिया है. (फोटो: रॉयटर्स)
घरेलू महिला नजमा का कहना है कि बढ़ती महंगाई ने पहले ही किचन का बजट बढ़ा दिया है. (फोटो: रॉयटर्स)
पाकिस्तान ने भारत के साथ कारोबारी रिश्ते खत्म करके खुद के पैर पर कुल्हाड़ी मारी है. अपने ही फैसले के बाद अब पाकिस्तान को डर सताने लगा है. डर इस बात का है कि ईद कैसे मनाएंगे. डर इसका भी है कि घर का बजट बिगड़ने से कैसे बचाएंगे और महंगाई डायन से अब कैसे बचा जाए. आलम यह है कि हर पाकिस्तानी घबराया हुआ है ईद पर इस बार महंगाई डायन की नजर है. दरअसल, धारा 370 के विरोध में कारोबारी रिश्ते खत्म करने के बाद पाकिस्तान में एक बार फिर खाने-पीने की महंगाई बढ़ने की आशंका है.
कारोबारियों के साथ-साथ पाकिस्तान की जनता भी मानती है कि इस बार ईद मनाना भी मुश्किल है. क्योंकि, भारत से बंद हुए प्रोडक्ट्स की वजह से महंगाई बढ़ सकती है. साथ ही घर का पूरा बजट बिगड़ सकता है. पहले ही महंगाई का बोझ झेलना मुश्किल हो रहा है. ऐसे में अब महंगाई की दोहरी मार झेलना उनके बस से बाहर है. घरेलू महिला नजमा का कहना है कि बढ़ती महंगाई ने पहले ही किचन का बजट बढ़ा दिया है. जबकि, आमदनी में कोई इजाफा नहीं हुआ. दूध से लेकर सब्जी और मीट तक महंगे हैं और ऐसे में भारत के साथ कारोबार बंद होने से रसोई का खर्च और बढ़ने वाला है. समझ नहीं आ रहा कैसे घर चलाएंगे.
ईद से पहले बाजार से गायब रौनक
दुकान कारोबारियों का कहना है कि भारत के साथ कारोबारी रिश्ते खत्म करने का असर दिख रहा है. ईद में अब 3-4 दिन बचे हैं और बाजार में कोई रौनक नहीं है. सब्जी और प्याज के लिए पाकिस्तान भारत पर निर्भर है, जो ईद के लिए सबसे जरूरी सामान है. आशंका जताई जा रही है कि प्याज के दाम काफी बढ़ सकते हैं. प्याज कारोबारी इफ्तीकार ने न्यूज एजेंसी ANI से कहा कि इमरान खान क्या चाहते हैं हम क्या खाएं? घास? पाकिस्तान पहले ही कई सालों से भारी कर्ज के तले दबा हुआ है.
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ईद के बाद शादियों पर खतरा
पाकिस्तान के एक बैंकर अश्फाक का कहना है कि ज्यादातर खाने-पीने के सामान के लिए हम भारत पर निर्भर है. खासकर प्याज, टमाटर और केमिकल के लिए पूरी तरह भारत पर निर्भरता है. ऐसे में ईद के मौके पर आम आदमी की जेब पर बोझ बढ़ सकता है. इस बार ईद बिल्कुल फीकी रह सकती है. ईद के ठीक बाद शादियों का सीजन भी आने वाला है. ऐसे में उस पर खतरा मंडरा रहा है. शादियों के सीजन के ठीक बाद मुहर्रम है. समझ नहीं आ रहा है पाकिस्तानी की सरकार खुद के पैर में क्यों कुल्हाड़ी मार रही है.
भारत पर नहीं होगा कोई असर
पाकिस्तान के फैसला का भारत पर कोई खास असर नहीं होना है. क्योंकि, मार्च 2019 में ही पाकिस्तान से इंपोर्ट 92 फीसदी गिरकर 2.84 मिलियन डॉलर रह गया है. भारत ने पाकिस्तान से इंपोर्ट होने वाले सामान पर 200 फीसदी की इंपोर्ट ड्यूटी लगा दी थी. इसके अलावा पुलवामा अटैक के बाद भारत पहले ही पाकिस्तान से मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा छीन चुका है. वहीं, 22 जुलाई को स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान की रिपोर्ट के मुताबिक दक्षिण एशियाई देशों में होने वाला एक्सपोर्ट भी 14 फीसदी गिरकर 2.672 बिलियन डॉलर रह गया है.
रोटी, नान, पेट्रोल-डीजल सब महंगा
पाकिस्तानी सरकार ने अगस्त की शुरुआत में पेट्रोल-डीजल के दाम में 5 रुपए से ज्यादा की बढ़ोतरी की थी. एक तरफ जहां देश में तंगहाली है, वहीं पेट्रोल की कीमतें 117.83 रुपए प्रति लीटर पहुंच चुकी हैं. वहीं, डीजल का भाव 132.47 रुपए प्रति लीटर है. इसके अलावा केरोसिन और लाइट डीजल के दाम में भी 5 रुपए से लेकर 8.90 पैसे तक की बढ़ोतरी की गई थी. इसके अलावा पाकिस्तानी सरकार ने नान और रोटी के दाम भी बढ़ाए हैं. पहले 8 रुपए की मिलने वाली नान अब 15 रुपए में बिक रही है. वहीं, रोटी के दाम 12 रुपए पहुंच गए हैं. ऐसे में महंगाई का एक और झटका पाकिस्तान की आवाम को भूख से बिलखता छोड़ सकता है.
(रिपोर्ट: ANI)
05:12 PM IST