महज 15 साल में युद्ध जीतने वाले शिवाजी कैसे बनें थे 'छत्रपति'

3 अप्रैल 1680 को महान छत्रपति शिवाजी की मृत्यु हुई थी.

कम उम्र में चुनौतियों का सामना करने वाले शिवाजी को महान शूरवीर कहते हैं

कहते हैं शिवाजी को राजनीति से लेकर धर्म तक की शिक्षा मां जीजाबाई ने दी थी.

महज 15 साल की उम्र में 1645 में उन्होंने पहला युद्ध किया था.

तोरणा फोर्ट की लड़ाई(1645) पुणे में स्थित तोरणा किला प्रचंडगढ़ के नाम से फेमस है.

कम उम्र में  युद्ध कौशल दिखाते हुए  शिवाजी ने जीत हासिल की थी.

हालांकि संगमनेर की लड़ाई (1679) उनकी आखिरी थी.

ये लड़ाई मुगलों और मराठाओं के बीच लड़ी गई थी.

6 जून, 1674 को रायगढ़ में उन्हें किंग ऑफ मराठा से नवाजा गया था.

छत्रपति, क्षत्रियकुलवंतस जैसी उपाधि उनको वीरता के कारण दी गईं थी.