Shark Tank समझना हो जाएगा आसान, बस जान लें इन 10 शब्दों के मतलब

जब किसी प्रोडक्ट को बनाने वाला यानी मैन्युफैक्चरर उस पर अपनी ब्रांडिंग ना करते हुए ग्राहक की ब्रांडिंग करता है तो उसे वाइट लेबलिंग कहते हैं.

1- White labeling

स्टार्टअप की दुनिया में किसी ब्रांड का पब्लिक जाना उसे कहते हैं जब वह आईपीओ लाता है. इसके जरिए कंपनी जनता से पैसे जुटाती है.

2- Go Public

एक ब्रिज लोन दो हफ्तों से लेकर 2-3 साल तक का हो सकता है. दो राउंड की फंडिंग के बीच में पैसों की कमी को पूरा करने के लिए स्टार्टअप ब्रिज लोन लेते हैं.

3- Bridge Loan

जैसा कि नाम से ही साफ है, जो लोग शुरुआती दौर में ही किसी प्रोडक्ट को ट्राई करते हैं, उन्हें अर्ली एडॉप्टर कहते हैं. आइडिया टेस्टिंग के लिए यह काम के होते हैं.

4- Early Adopters

जब एक निवेशक किसी स्टार्टअप में पैसे डालता है तो वह ये देखता है कि कब वह अपनी हिस्सेदारी बेचकर मुनाफा कमाएगा, इसे ही एग्जिट स्ट्रेटेजी कहते हैं.

5- Exit Strategy

आसान भाषा में जब कोई कंपनी अपनी दिशा बदलती है तो उसे Pivot कहते हैं. जब बिजनेस मॉडल ठीक से ना चले तो स्टार्टअप के लिए Pivot करना जरूरी होता है.

6- Pivot

जब कोई यूनीक प्रोडक्ट पहली बार मार्केट में उतरता है और लोग उसे तेजी से इस्तेमाल करने लगते हैं तो उसे फर्स्ट मूवर एडवांटेज कहते हैं. जैसे पेटीएम.

7- First Mover Advantage

एक कंपनी के ब्रांड से पता चलता है कि उसके तहत क्या बेचा जा रहा है. यह कंपनी के नाम से अलग भी हो सकता है. इससे ग्राहकों के दिमाग में कंपनी की एक तस्वीर बनती है.

8- Brand

जब ग्राहकों को ब्रांड से जोड़ने की लागत तमाम पुराने और नए ग्राहकों की वैल्यू से कम होती है, तो ये कहा जाता है कि उस स्टार्टअप ने प्रोडक्ट मार्केट फिट टेस्ट कर लिया है.

9- Product Market fit

कई स्टार्टअप में नॉन-डिस्क्लोजर एग्रीमेंट साइन करवाया जाता है. इसके तहत दो पार्टियां इस बात पर सहमत होती हैं कि एक तय समय तक स्टार्टअप की कुछ बातों को सीक्रेट रखा जाएगा.

10- Non-disclosure Agreement