आप जो भी कमाएं, पहले उसमें से एक हिस्सा बचाएं और फिर जो पैसा बचे, उससे अपने रोजमर्रा के खर्चे पूरे करें.
सैलरी का 50% घर के किराए और ग्रॉसरी में, 30% सेविंग में और बचा हुए 20% आउटिंग, फूड, ट्रैवल आदि पर खर्च कर सकते हैं.
जब कार खरीदें तो 20% डाउन पेमेंट करें. 4 साल के अंदर भुगतान कर दें. 10% से ज्यादा हिस्सा कार EMI में खर्च ना करें.
अपनी सालाना सैलरी का करीब 10 गुना बड़ा लाइफ इंश्योरेंस जरूर लेना चाहिए. साथ ही मेडिकल इंश्योरेंस भी जरूर लें.
EMI इनहैंड सैलरी के 30% हिस्से से ज्यादा नहीं होनी चाहिए. अगर ये ज्यादा होगी तो आपका बाकी खर्चों का बजट बिगड़ सकता है.
इक्विटी, म्यूचुअल फंड में कुल निवेशा का सिर्फ 20-30% ही लगाएं. सारे पैसे एक ही जगह ना लगाकर अलग-अलग जगह लगाएं.
अपनी सैलरी का कम से कम 3-5% हिस्सा इमरजेंसी फंड में हर महीने निवेश करते जाएं, क्योंकि इमरजेंसी कभी भी आ सकती है.