Jan 23, 2024, 02:25 PM IST

लौकी की ये 5 किस्में किसानों को बनाएगी मालामाल

Sanjeet Kumar

लौकी (Bottle Gourd) एक कद्दूवर्गीय सब्जी है. इसकी खेती साल में तीन बार उगाई जाती हैं. जायद, खरीफ, रबी सीजन में लौकी की फसल ली जाती है

लौकी साल में 8 से 10 महीने उपलब्ध रहती है. किसान इसकी उन्नत किस्मों की खेती कर अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं

इस किस्म को दोनों मौसम में उगा सकते हैं. इसके फल बेलनाकार, चिकने और लंबे होते हैं. फल का औसत वजन लगभग 550 ग्राम होता है. इस किस्म की औसत उपज 350-400 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है

पूसा नवीन

इसके फल लंबे आकार और हल्के रंग के होते हैं. इसकी उपज लगभग 250-300 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है. बीज बुवाई के 60-65 दिनों बाद तुड़ाई शुरू हो जाती है

पूसा मेघदूत

फल सीधे और मध्यम आकार के लगभग 1 किग्रा वजन के होते हैं. औसत उपज 400-500 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है

अर्का बहार

इस प्रजाति के फल हल्के हरे, सीधे, 30-32 सेमी लंबे और 780-900 ग्राम वजन वाले होते हैं. इसकी औसत पैदावार 500 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है. यह दोनों मौसम के लिए बेहतर है.

काशी बहार

इस किस्म के पौध मध्यम बढ़ाव वाले होते हैं और तने पर गांठे कम दूरी पर विकसित होती है. प्रत्येक फल का वजन 800-900 ग्राम तक होता है. गर्मी के मौसम में 50-55 दिनों बाद और बरसात में 60 दिनों बाद फलों की तुड़ाई शुरू होती है. इसकी औसत उपज 450 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है.

काशी गंगा