Nov 17, 2023, 03:47 PM IST
देश के ज्यादातर किसान पारंपरिक फसलों जैसे- धान, गेहूं की खेती करते हैं. इसमें मेहनत ज्यादा और मुनाफा कम मिलता है
रजनीगंधा फूल की खेती किसानों को धान-गेहूं की तुलना में कई गुना ज्यादा कमाई करा सकती है. रजनीगंधा (Rajanigandha) की डिमांड भी तगड़ी है
इसके फूल गुलदस्ता बनाने में इस्तेमाल किए जाते हैं. इसके फूल से बने सुगंधित तेल की खाड़ी देशों में बहुत ज्यादा मांग है. इसलिए इसकी खेती फायदेमंद है
रजनीगंधा कंद से तैयार किया जाने वाला पौधा है. इसकी खेती के लिए खेत का चुनाव बहुत जरूरी है. कंद की रोपाई का बेहतर समय मार्च-अप्रैल होता है
फूल के साइज के अनुसार रजनीगंधा की किस्मों को चार वर्गों में बांटा गया है- एकहरा, डबल, अर्थ डबल और धारीदार
खेत में सड़ा हुआ कम्पोस्ट, नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटाश देना लाभदायक होता है. गर्मी में एक-एक हफ्ते के अंतराल पर सिंचाई करनी चाहिए
ताजा फूल प्रति हेक्टेयर करीब 80-100 क्विंटल प्रति वर्ष मिलता है जबकि सेंटेड तेल के रूप में कंकरीट 27.5 किग्रा प्रति हेक्टेयर तक पाया जा सकता है
रजनीगंधा का फूल बाजार में अच्छे भाव में बिकता है. इसकी खेती से किसान रोजाना 20 से 30 हजार रुपये की कमाई कर सकते हैं