Aug 14, 2023, 03:08 PM IST
गाजर की खेती पूरे देश में की जाती है. इसका उपयोग सब्जी, सलाद, जूस, अचार बनाने में किया जाता है
गाजर में Vitamin A ज्यादा मात्रा में पाया जाता है. आंखों और मानसिक स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद है
गाजर की अलग-अलग किस्में भी हैं, जिनकी खेती अगस्त से लेकर नवंबर के महीने तक की जा सकती है
पूसा मेघाली- इसकी मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में खेती की जाती है. यह नारंगी रंग की होती है और बिजाई के 100 से 120 दिन में तैयार हो जाती है. एक हेक्टेयर में 250 क्विंटल तक उत्पादन होता है
नैन्टिस- यह किस्म बिजाई के 100 से 120 दिन में तैयार हो जाती है. इसे मैदानी क्षेत्रों में बोया जाता है और एक हेक्टेयर में 150-200 क्विंटल तक उत्पादन होता है
यह यूरोपियन किस्म है.फसल 75 से 90 दिन में तैयार हो जाती है. इसे मैदानी क्षेत्रों में बोया जाता है और एक हेक्टेयर में 150 क्विंटल तक उत्पादन होता है
गाजर की ये किस्म बुआई के 90 से 100 दिन में तैयार हो जाती है. प्रति हेक्टेयर 250-300 क्विंटल तक उत्पादन होता है
गाजर की ये किस्म बुआई के 90 से 100 दिन में तैयार हो जाती है. प्रति हेक्टेयर 250-300 क्विंटल तक उत्पादन होता है. इसके अलावा, पूसा रुधिर, पूसा आंसिता, पूसा यमदग्नि, इंपरेटर और हाइब्रिड किस्में हैं
बाजार में गाजर 40-50 रुपये किलो बिकता है. इस हिसाब से आप सिर्फ एक हेक्टेयर में ही गाजर की खेती में लाखों का मुनाफा कमा सकते हैं