Commonwealth Games 2022 India: दर्द और आंसुओं के साथ विजय यादव ने जीता देश के लिए मेडल, बेटे की उपलब्धि पर भावुक हुईं मां
Commonwealth Games 2022 India: कॉमनवेल्थ गेम्स (CWG 2022 India) में विजय कुमार यादव की इस धमाकेदार प्रदर्शन के बाद पूरे देश में जश्न का माहौल बना हुआ है.
बेटे की कामयाबी पर परिवार में जश्न का माहौल. (फोटो सोर्स- एएनआई)
बेटे की कामयाबी पर परिवार में जश्न का माहौल. (फोटो सोर्स- एएनआई)
Commonwealth Games 2022 India: कॉमनवेल्थ गेम्स (CWG 2022 India) में विजय कुमार यादव ने ब्रॉन्ज मेडल (Vijay Kumar Yadav won bronze medal) जीतने में सफलता हासिल की. जूडो खिलाड़ी विजय ने 60 किलो भारवर्ग में यह मेडल अपने नाम किया. विजय कुमार यादव की इस शानदार प्रदर्शन के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी उन्हें बधाई दी. इसके अलावा विजय की इस उपलब्धि से उनका पूरे परिवार और गांव में जश्न का माहौल बना हुआ है.
विजय यादव ने शानदार प्रदर्शन करते हुए विरोधी की गलतियों का पूरा फायदा उठाया और 58 सेकंड के भीतर ही जीत दर्ज कर ली. पुरुषों के 60 किलो रेपेशाज में यादव ने स्कॉटलैंड के डिनलान मुनरो को हराकर ब्रॉन्ज मेडल के मुकाबले में जगह बनाई थी. यादव को क्वार्टर फाइनल में ऑस्ट्रेलिया के जोशुआ काज ने मात दी थी.
Varanasi, UP | We are extremely elated that he bagged a bronze medal in #CommonwealthGames2022. He was very hardworking from his childhood itself. He never used to tell me about his injuries, says Vijay Kumar Yadav's mother pic.twitter.com/oBsijq7GCd
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) August 2, 2022
बेटे की कामयाबी पर परिवार में जश्न का माहौल
विजय कुमार के पिता दशरथ यादव और मां चिंता देवी अपने बेटे के लिए बेहद खुश हैं. वाराणसी यूपी के रहने वाले विजय कुमार यादव के लिए यहां तक पहुंचने का सफर कतई आसान नहीं था. न्यूज एजेंसी एएनआई ने इस जीत के बाद विजय यादव के माता-पिता से बात की. परिवार और गांव के अन्य लोग विजय के इस जीत को दिल खोलकर सेलिब्रेट कर रहे हैं.
मुश्किलों से भरा रहा है विजय का सफर
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कॉमनवेल्थ में अपना नाम बनाने वाले विजय यादव ने कठिन परिस्थतियों में हिम्मत से काम लेते हुए यहां तक का सफर तय किया है. विजय की मां के मुताबिक कई बार ऐसा होता था कि वह चोटिल होने के बावजूद घर में उसकी जानकारी नहीं देते थे. परिवार वालों को दुख न पहुंचे इस वजह से वह कई बातों को छिपा लिया करते थे.
पिता दशरथ यादव ने कही यह बात
पिता दशरथ यादव ने बेटे की जीत पर कहा कि वह मेडल जीतने के लिए कड़ी मेहनत कर रहा था. दशरथ यादव का कहना है कि उनके तीन बेटों में विजय सबसे छोटा है और बचपन में काफी शरारती था, लेकिन खेल की तरफ उसकी रुचि हमेशा से थी, जिसका सपोर्ट मैंने भी किया. कमजोर आर्थिक स्थिति के कारण विजय को बचपन से लेकर आज तक कई तरह की मुश्किलों का सामना करना पड़ा है.
12:54 PM IST