सिर्फ दिमाग को प्रभावित नहीं करती Anxiety, आपके शरीर पर होते हैं इसके Side Effects
चिंता (Anxiety) हमारे स्वास्थ्य को कई तरह से प्रभावित करती है. यह सिर्फ मानसिक ही नहीं शारीरिक स्वास्थ्य पर भी असर डालती है और इन दोनों के परिणामों से उबरना बेहद मुश्किल हो जाता है. एंग्जायटी में पैनिक अटैक, सांस लेने में तकलीफ व पाचन संबंधी दिक्कतो समेत कई खतरनाक बीमारी हो सकती हैं.
WHO की रिपोर्ट के मुताबिक, वैश्विक आबादी का अनुमानित 4% वर्तमान में एंग्जायटी का अनुभव करता है.
WHO की रिपोर्ट के मुताबिक, वैश्विक आबादी का अनुमानित 4% वर्तमान में एंग्जायटी का अनुभव करता है.
Anxiety Side Effects: किसी बात को लेकर बहुत ज्यादा सोचना एंग्जायटी है. काम का प्रेशर, फाइनेंशियल प्रॉब्लम, फैमिली या रिलेशनशिप की प्रॉब्लम्स, हेल्थ से संबंधित जैसी कई समस्याएं एंग्जायटी की वजह हो सकती हैं. चिंता (Anxiety) हमारे स्वास्थ्य को कई तरह से प्रभावित करती है. यह सिर्फ मानसिक ही नहीं शारीरिक स्वास्थ्य पर भी असर डालती है और इन दोनों के परिणामों से उबरना बेहद मुश्किल हो जाता है. एंग्जायटी में पैनिक अटैक, सांस लेने में तकलीफ व पाचन संबंधी दिक्कतो समेत कई खतरनाक बीमारी हो सकती हैं. आइए जानते हैं एंग्जायटी से हमारे शरीर में होने वाले साइड इफैक्ट्स के बारे में.
लक्षण और पैटर्न
WHO की रिपोर्ट के मुताबिक, वैश्विक आबादी का अनुमानित 4% वर्तमान में एंग्जायटी का अनुभव करता है. 2019 में, दुनिया में 301 मिलियन लोगों को एंग्जायटी प्रॉब्लम्स थी, जिससे चिंता विकार सभी मानसिक विकारों में सबसे आम हो गया. एंग्जायटी प्रॉब्लम्स से संबंधित कई लक्षण हो सकते हैं.
- ध्यान केंद्रित करने या निर्णय लेने में परेशानी
- चिड़चिड़ा, तनावग्रस्त या बेचैन महसूस करना
- मतली या पेट में परेशानी का अनुभव होना
- दिल की धड़कन होना
- पसीना आना, कांपना या कांपना
- नींद न आना
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चिंता से होने वाले इफैक्ट्स
1. दिल के रोग (Heart Function)
आमतौर पर चिंता के दौरान व्यक्ति को दिल की धड़कन और सांस में तेज़ी महसूस होती हैं. लगातार उच्च स्ट्रेस हार्मोन की वजह से उच्च रक्तचाप और हृदय रोग या दिल के दौरे जैसी कोरोनरी बीमारियाँ के होने का ख़तरा बढ़ जाता हैं.
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2. पाचन संबंधी समस्याएं
शरीर हार्मोन एड्रेनालाईन और कोर्टिसोल जारी करता है, जो खतरे का सामना करने में मदद कर सकता है. ये हार्मोन दिल की धड़कन बढ़ने और सांस लेने के लिए जिम्मेदार होते हैं. हालांकि, तनाव या चिंता के कारण इन हार्मोनों को बार-बार जारी करने से दीर्घकालिक स्वास्थ्य प्रभाव हो सकते हैं. वे आपके पाचन और रक्त शर्करा को भी नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकते हैं. लोगों को पेट दर्द, मतली या पाचन संबंधी परेशानी का अनुभव हो सकता है.
3. पैनिक अटैक
चिंता करने वाले लोग पैनिक अटैक का अनुभव कर सकते हैं. पैनिक अटैक में दिल की धड़कन तेज होना, तेज पसीना आना और रोगी को ऐसा महसूस हो सकता है कि वे मरने वाले हैं. अगर आपको पैनिक अटैक आ रहा है, तो आपको सांस लेने में परेशानी हो सकती है या ऐसा महसूस हो सकता है कि आपका दम घुट रहा है.
4. Obsessive-compulsive disorder (OCD)
जब हम बहुत ज्याद किसी चीज के बारे में सोचते हैं तो एंग्जायटी होने लगती है और ऐसी स्थिति में कई बार लोग OCD जैसी बीमारी का भी शिकार हो जाते हैं. OCD में व्यक्ति को जुनूनी विचार पैदा हो सकते हैं जो व्यक्ति को परेशान करते हैं और किसी रूटीन को बार-बार करने की अत्यधिक इच्छा या मजबूरी पैदा करता है. यह उसकी आदतों में दिखायी देता है, चाहे वह लगातार सफाई करना हो, अनावश्यक रूप से हाथ धोना, दराज में वस्तुओं को एक निश्चित तरीके से व्यवस्थित करना, कपड़े तह करना आदि.
5. याददाश्त खोना
यदि आप लगातार चिंतित रहते हैं या सामान्यीकृत चिंता विकार (GAD) से ग्रसित हैं, तो यह आपकी मैमोरी को प्रभावित कर सकता है. इसके परिणामस्वरूप, आप स्वयं को बार-बार गलतियाँ करते हुए पा सकते हैं, महत्वपूर्ण अपॉइंटमेंट को भूल सकते हैं, और व्यस्त कार्यक्रम का सामना करने में दिक्कत महसूस कर सकते हैं.
02:11 PM IST