कैंसर की पहली स्टेज से लेकर चौथी स्टेज तक क्या होता है? कैसे कर सकते हैं इस बीमारी से बचाव! एक्सपर्ट से समझिए
कैंसर को लेकर जागरुक करने के लिहाज से हर साल 4 फरवरी को 'वर्ल्ड कैंसर डे' मनाया जाता है. यहां एक्सपर्ट से समझिए क्या कितने तरह का होता है कैंसर, इसके किस स्टेज में क्या होता है और कैंसर से कैसे बचाव कर सकते हैं.
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कैंसर एक ऐसी बीमारी, जिसका नाम सुनते ही लोग सिहर उठते हैं. हालांकि, विज्ञान ने अब इसका उपचार खोज लिया है. इसके बावजूद जब कोई इस बीमारी का शिकार होता है तो उसे लगता है कि मानो अब उसकी दुनिया खत्म हो चुकी है. कैंसर को लेकर जागरुक करने के लिहाज से हर साल 4 फरवरी को 'वर्ल्ड कैंसर डे' मनाया जाता है. इसके तहत लोगों को बताया जाता है कि वो कैसे खुद को इस बीमारी से बचा सकते हैं. इसके शुरुआती लक्षण क्या होते हैं? आखिर जीवन शैली में किस तरह के बदलाव इस तरह की बीमारी का सबब बन सकते हैं? इस तरह की बीमारी से खुद को कैसे बचाएं ?
कई प्रकार का होता है कैंसर
इस मामले में सीके बिड़ला अस्पताल के डॉ. पूजा बब्बर ने बताया कि हम कैंसर को कई प्रकार में विभाजित कर सकते हैं. एक कार्सिनोमा है. यह आमतौर पर सॉलिड अंगों में होता है. जैसे लिवर, किडनी, स्टमक, दूसरा सॉफ्ट टीशू जैसे फैट, मांसपेशियां, मसल्स, इसे सारकोमा कहते हैं और एक होता है ब्लड कैंसर. इसे विज्ञान की भाषा में ल्यूकेमिया कहते हैं. अगर हम कैंसर को एक सामान्य परिभाषा के तहत समझने की कोशिश करें, तो सबसे पहले आपको यह समझना होगा कि कोई भी कोशिका अपनी निर्धारित गति के अनुरूप वृद्धि करती है, लेकिन जब किसी कारणवश वह अपने निर्धारित गति से हटकर तेज गति से वृद्धि करने लग जाए, तो उसे हम कैंसर कहते हैं.
आमतौर पर होते हैं 4 स्टेज
डॉ. पूजा बब्बर के मुताबिक मुख्य रूप से किसी भी कैंसर के चार स्टेज होते हैं, लेकिन आज कल जीरो या यूं कहे कि पांच स्टेज भी आ चुके हैं. जैसे मेलेनोमा नामक कैंसर में स्टेज फाइव है और कुछ कैंसर में स्टेज जीरो भी होता है. इसमें कैंसर की शुरुआत होती है. इस स्थिति में चिंता की कोई बात नहीं होती है. शुरुआती दौर में एक परत होती है, जो बनना शुरू होती है, इसलिए हमारी यह कोशिश होती है कि हम किसी भी मरीज में कैंसर को जीरो स्टेज पर ही पकड़ लें, ताकि हम आसानी से उपचार कर या यूं कहे कि बिना कीमोथेरेपी के ही उसे ठीक कर सकें.
पहली स्टेज से चौथी स्टेज में क्या-क्या होता है
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डॉ. पूजा कहती हैं कि अगर स्टेज वन की बात करें, तो किसी भी मरीज में स्टेज वन उस स्थिति को कहते हैं, जब कैंसर अपने सामान्य रूप में हो. जैसे ब्रेस्ट कैंसर, अगर ब्रेस्ट में गांठ दो सेंटीमीटर से कम है, तो वो स्टेज वन में है. इसका मतलब यह है कि अभी उसकी बस शुरुआत हुई है. स्टेज टू उस स्थिति को कहते हैं, जब वो बढ़ना शुरू कर देता है. स्टेज दो में गांठ की लंबाई पांच से सात सेंटीमीटर तक पहुंच जाती है. हालांकि, इसका उपचार किया जा सकता है. स्टेज फोर में गांठ फैलना शुरू कर देता है. ऐसी स्थिति में मरीज का विधिवत रूप से उपचार करना होता है. यह सबसे खतरनाक स्टेज माना जाता है. ऐसे में आप मरीज का उपचार कर सकते हैं, लेकिन उसे पूरी तरह से ठीक नहीं कर सकते हैं, लेकिन आज कल कुछ ऐसी तकनीक आ चुकी है, जिसके तहत आप मरीज का उपचार कर सकते हैं.
कैसे करें कैंसर से बचाव
कैंसर की वजहों की बात करें तो आज से 40-50 साल पहले कैंसर बहुत कम लोगों को होता था, लेकिन आज कैंसर की बीमारी आम होती जा रही है, तो इसका सबसे प्रमुख कारण जीवनशैली में आया बदलाव है. खानपान व पर्यावरण में बदलाव कैंसर का एक प्रमुख कारण है. ऐसे में अगर हम चाहते हैं कि इससे बचे रहें, तो इसके लिए हमें अपनी जीवनशैली में बदलाव करना होगा. इसके लिए आपको यह कोशिश करनी चाहिए कि प्रदूषण से दूर रहें और मादक पदार्थों का सेवन करने से बचें, क्योंकि सभी नशीलों पदार्थों में कारसीनो होता है, ये हमारी कोशिका को खत्म कर सकते हैं. वहीं, खानपान में पोषण का अभाव भी कैंसर का कारण बन सकती है.
04:25 PM IST