क्या Koo बन पाएगा 'Made in India' Twitter? जानिए क्या है इस ऐप में खास
Twitter vs Koo India App: भारत में ट्विटर (Twitter) की बढ़ती मनमर्जियों के बीच लंबे समय से देश में इसकी तलाश चल रही है. इसी बीच इन दिनों माइक्रो ब्लॉगिंग साइट कू ऐप (Koo India) भारतीय यूजर्स की पसंद बना हुआ है. स्वदेशी कू (Koo App) पीएम मीदो (PM Modi) का आत्मनिर्भर ऐप इनोवेशन चैलेंज (Aatmanirbhar App Invotaion Challenge) जीत चुका है.
रेलवे मंत्री पीयूष गोयल सहित देश के कई मंत्री और बढ़े नेताओं ने भी कू इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है.
रेलवे मंत्री पीयूष गोयल सहित देश के कई मंत्री और बढ़े नेताओं ने भी कू इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है.
Twitter vs Koo India App: भारत में ट्विटर (Twitter) की बढ़ती मनमर्जियों के बीच लंबे समय से देश में इसके विकल्प की तलाश चल रही है. इसी बीच इन दिनों माइक्रो ब्लॉगिंग साइट कू ऐप (Koo India) भारतीय यूजर्स की पसंद बना हुआ है. स्वदेशी कू (Koo App) पीएम मीदो (PM Modi) का आत्मनिर्भर ऐप इनोवेशन चैलेंज (Aatmanirbhar App Invotaion Challenge) जीत चुका है. और इसकी लोकप्रियता इतनी बढ़ चुकी है की पीएम (PM) ने खुद मन की बात (Mann Ki Baat) कार्यक्रम में इसकी ऐप की तारीफ कर चुके हैं. रेलवे मंत्री पीयूष गोयल (Union Minister Piyush Goyal) सहित देश के कई मंत्री और बढ़े नेताओं ने भी कू इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है.
क्या आप भी सोच रहें हैं कि आखिर कू (Koo) में क्या है ऐसा खास जो ये ट्विटर (Twitter) का विकल्प माना जा रहा है? क्या कू ऐप (Koo App) भारत में ट्विटर को टक्कर दे पाएगा. क्या कू पर हमारी पर्सनल डेटा सुरक्षित रहेगा. कू को क्यो बताया जा रहा है 'Made in India' Twitter? आईए जानते हैं इस खबर में
कू ऐप के स्पेसिफिकेशन (Koo India App Specifications)
- कू ऐप की चर्चा आजकल देश में हर जगह की जा रही है. दरअसल, कू एक माइक्रो ब्लॉगिंग साइट है जिसमें ट्विटर की तरह सारी खूबियां मौजूद हैं. ये हिंदी, अंग्रेजी सहित 8 देशी भाषाओं को सपोर्ट करता है. यूजर कू ऐप से मैसेज पोस्ट करने के साथ तस्वीरें और वीडियो भी शेयर कर सकते हैं. इसके अलावा आप दूसरों के पोस्ट पर कमेंट करने के साथ उसे फॉलो भी कर सकते हैं.
- कू में शब्दों की सीमा 350 है और इसका इंटरफेस कॉफी कुछ ट्विटर जैसी ही है. कू को ऐप और वेबसाइट दोनो तरीके से इस्तेमाल किया जा सकता है. कू ऐप प्राधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आत्मनिर्भर भारत ऐप इनोंवेशन चैलेंज जीत चुका है. और इसे अबतक 10 लाख से ज्यादा यूजर्स डाउनलोड कर चुके हैं.
- भारत में कू को पसंद किए जाने के पीछे का एक बड़ी वजह भारतीय भाषाओं में अपने विचार को प्रकट करने की भी आजादी है. इसके अलावा सोशल मीडिया एक्सपर्ट्स ट्विटर और भारत सरकार के बीच टकराव को भी इसका बड़ा कारण मान रहे हैं.
- एक्सपर्ट्स का कहना है आने वाले समय में कू भारतीयों की आवाज दुनियाभर में और मजबूत करेगा. एक्सपर्ट्स कू को वैल्यूएबल, पॉवरफुल प्लेट फॉर्म बता रहे हैं. कू 100% मेड इन इंडिया ऐप है. ऐसे में माना जा रहा है कि कू पर यूजर्स की निजी जानकारीयां देश में बने सर्वर पर ही सुरक्षित रहेंगी.
- कू को Aprameya radhakrishnan और मयंक बिदावतका (Mayank Bidawatka) ने मिलकर तैयार किया है. और इन्होनें महज 10 महीनें में ही 30 करोड़ का फंड जुटा लिया है.
कू और ट्विटर में क्या है सामान? (What do Ku and Twitter have in common?)
दोनों प्लेटफार्मों के बीच कई समानताएं हैं. एंड्रॉइड और आईओएस दोनों यूजर्स के लिए उपलब्ध, कू में ट्विटर के समान इंटरफ़ेस है. कू में एक ट्रेंडिंग हैशटैग सेक्शन है जो ट्विटर पर ट्रेंडिंग टॉपिक्स के समान है.
कू और ट्विटर में क्या हैं अंतर? (What is the difference between Ku and Twitter?)
जबकि दो ऐप समान दिखते हैं, उनके काम करने के तरीके में कुछ अंतर हैं. पहला अंतर ट्विटर पर लोकर भाषाओं का एडिशनल स्पोर्ट है. देसी प्लेटफॉर्म हिंदी, तमिल, तेलेगु और कन्नड़, पंजाबी, बंगला, उड़िया, मलयालम और असमिया सहित अन्य इंडिक भाषाओं के लिए स्पोर्ट मिलेगा. प्लेटफ़ॉर्म पोस्ट करने के लिए 400 अक्षर भी देता है, जो कि ट्विटर पर यूजर्स को मिलने वाले से ज्यादा है. ऐसा इसलिए है क्योंकि प्लेटफ़ॉर्म का मानना है कि यूजर्स को लोकर भाषाओं में पोस्ट करने के लिए ज्यादा शब्दों की जरूरत होती है.
Account Setup on Koo App: कू पर अकाउंट सेटअप करना ट्विटर की तुलना में भी काफी आसान है, प्लेटफॉर्म को लॉग इन करने के लिए केवल मोबाइल नंबर और एक ओटीपी (OTP) की जरूरत होती है. यूजर्स को बाद में और डिटेल्स ऐड करने और एक प्रोफ़ाइल सेट करने का ऑप्शन दिया जाता है. ट्विटर (Twitter) पर यूजर्स को ईमेल आईडी और पासवर्ड का इस्तेमाल करके अकाउंट सेटअप करने की जरूरत होती है. अभी के लिए, कू के लिए सबसे बड़ी चुनौती इस पर लिमिटेड यूजर्स की संख्या है. ट्विटर के पास ग्लोबल पहुंच है और पिछले कुछ सालों में सूचना का प्रसार करने के लिए एक बड़ा प्लेटफॉर्म बन गया है.
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03:13 PM IST