Facebook और ट्विटर के लिए भी जरूरी हो सकता है Aadhaar, जानें क्या है मामला
केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से मांग की है कि सोशल मीडिया अकाउंट आधार नंबर से लिंक होने चाहिए. तर्क है कि इससे गलत खबर फैलाने वालों की पहचान करने में आसानी होगी और उन पर लगाम लगाई जा सकती है.
सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार ने मांग की है कि फेसबुक और दूसरे सोशल मीडिया अकाउंट्स को आधार से लिंक कर दिया जाए ताकि फेक न्यूज और उसे फैलाने वालों पर लगाम लगाई जा सके.
सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार ने मांग की है कि फेसबुक और दूसरे सोशल मीडिया अकाउंट्स को आधार से लिंक कर दिया जाए ताकि फेक न्यूज और उसे फैलाने वालों पर लगाम लगाई जा सके.
बैंक, पासपोर्ट, आईटी रिटर्न भरने से लेकर तमाम जगह आधार नंबर का इस्तेमाल होता है. लेकिन आने वाले दिनों में हो सकता है कि जब आप फेसबुक, व्हाट्सऐप, यूट्यूब, ट्विटर जैसे सोशल नेटवर्किंग साइट पर लॉगइन करें तो आपसे आपका आधार नंबर मांगा जाए. हो सकता है कि सोशल मीडिया पर किसी पोस्ट से पहले भी आधार नंबर मांगा जाए. ऐसा इसलिए क्योंकि सरकार सोशल मीडिया पर फेक न्यूज और फेक न्यूज फैलाने वालों पर लगाम लगाना चाहती है.
फेसबुक, ट्वविटर, व्हाट्सऐप और इंस्टाग्राम जैसी सोशल नेटवर्किंग साइट्स आजकल अपनी सूचनाओं से ज्यादा अफवाहें फैलाने के लिए खबरों में रहती हैं. कोई भी, कभी भी, कुछ भी सोशल मीडिया पर पोस्ट कर देता है. न तो उसकी पहचान हो पाती है, न ही ये मालूम हो पाता है कि इस आग लगाने वाली पोस्ट का असली रचयिता कौन है.
और देखते-देखते ऐसी ही तमाम फेक न्यूज जंगल में आग की तरह फैल जाती हैं, जिन्हें रोक पाना सरकार के लिए भी मुश्किल हो जाता है. पिछले काफी दिनों से इसी को लेकर देश की हाई कोर्ट्स में हंगामा मचा हुआ था, लेकिन अब ये हंगामा सुप्रीम कोर्ट में पहुंच गया है.
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#LIVE | #AapkiKhabarAapkaFayda में देखिए सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार ने की मांग आधार से लिंक हो फेसबुक! #Facebook #Aadhaar https://t.co/N7yjDC3NUj
— Zee Business (@ZeeBusiness) August 20, 2019
सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार ने मांग की है कि फेसबुक और दूसरे सोशल मीडिया अकाउंट्स को आधार से लिंक कर दिया जाए ताकि फेक न्यूज और उसे फैलाने वालों पर लगाम लगाई जा सके. मजे की बात ये है कि फेसबुक और व्हाट्सऐप इस बात पर अपनी लाचारी जता चुके हैं कि फेक न्यूज फैलाने वालों को वे ट्रेस नहीं कर सकते. ये पता नहीं लगा सकते कि किसी भी फेक न्यूज का सोर्स कहां है.
क्यों पड़ी जरूरत
- सोशल मीडिया पर रोज़ाना फेक न्यूज फैलाई जाती है.
- लोग इन फेक न्यूज को असली समझ भरोसा कर लेते हैं.
- फेक न्यूज का असर सामाजिक और आर्थिक, दोनों होता है.
- असामाजिक तत्व गलत मकसद से इसका इस्तेमाल करते हैं.
- आतंकवादी संगठन भी नफरत फैलाने के लिए सोशल मीडिया का सहारा लेते हैं.
सोशल मीडिया को आधार से लिंक करने की मांग के बाद डाटा सिक्योरिटी और निजिता का जिन्न एक बार फिर बाहर निकल आया है. हालांकि मामला अभी सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है, इस पर जो भी फैसला आएगा सभी के लिए मान्य होगा. लेकिन जब सोशल मीडिया पर हर किसी की जिंदगी एक खुली किताब की तरह है तो फिर ये निजिता का मुद्दा बेमानी सा लगता है.
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आधार से लिंक होगा फेसबुक
केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से मांग की है कि सोशल मीडिया अकाउंट आधार नंबर से लिंक होने चाहिए. तर्क है कि इससे गलत खबर फैलाने वालों की पहचान करने में आसानी होगी और उन पर लगाम लगाई जा सकती है.
08:05 PM IST