एशिया के सबसे बड़े Solar प्लांट का PM मोदी ने किया उद्घाटन, दिल्ली तक को मिलेगी बिजली
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को देश को बड़ी सौगात दी. उन्होंने मध्य प्रदेश में 750 मेगावॉट क्षमता की रीवा अल्ट्रा मेगा सौर परियोजना (Rewa Ultra mega solar project) को देश को समर्पित किया.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को देश को बड़ी सौगात दी. उन्होंने मध्य प्रदेश में 750 मेगावॉट क्षमता की रीवा अल्ट्रा मेगा सौर परियोजना (Rewa Ultra mega solar project) को देश को समर्पित किया. उन्होंने कहा कि आज रीवा में वाकई इतिहास रच दिया है. रीवा की पहचान मां नर्मदा के नाम से और सफेद बाघ से रही है. अब इसमें एशिया के सबसे बड़े सोलर पावर का नाम भी जुड़ गया है. रीवा का ये सोलर प्लांट इस पूरे क्षेत्र को, इस दशक में ऊर्जा का बहुत बड़ा केंद्र बनाने में मदद करेगा.
पीएम ने कहा कि इस सोलर प्लांट से मध्य प्रदेश के लोगों को, यहां के उद्योगों को तो बिजली मिलेगी ही, दिल्ली में मेट्रो रेल तक को इसका लाभ मिलेगा. ये तमाम प्रोजेक्ट जब तैयार हो जाएंगे, तो मध्य प्रदेश निश्चित रूप से सस्ती और साफ-सुथरी बिजली का हब बन जाएगा. इसका सबसे अधिक फायदा मध्य प्रदेश के गरीब, मध्यम वर्ग के परिवारों, किसानों, आदिवासियों को होगा.
Pm ने कहा कि सौर ऊर्जा आज की ही नहीं, बल्कि 21वीं सदी की ऊर्जा जरूरतों का एक बड़ा माध्यम होने वाला है. क्योंकि सौर ऊर्जा, Sure है, Pure है और Secure है. Sure इसलिए क्योंकि ऊर्जा के दूसरे स्रोत खत्म हो सकते हैं, लेकिन सूर्य सदा पूरे विश्व में चमकता रहेगा. Pure इसलिए, क्योंकि ये पर्यावरण को सुरक्षित रखने में मदद करता है. Secure इसलिए क्योंकि ये हमारी ऊर्जा जरूरतों को सुरक्षित करता है.
पीएम मोदी ने कहा कि जैसे-जैसे भारत विकास के नए शिखर की तरफ बढ़ रहा है, हमारी आशाएं-आकांक्षाएं बढ़ रही हैं, वैसे-वैसे हमारी ऊर्जा की, बिजली की जरूरतें भी बढ़ रही हैं. ऐसे में आत्मनिर्भर भारत के लिए बिजली की आत्मनिर्भरता बहुत जरूरी है. जब हम renewable energy के बड़े projects लॉन्च कर रहे हैं, तब हम ये भी सुनिश्चित कर रहे हैं कि साफ-सुथरी ऊर्जा के प्रति हमारा संकल्प जीवन के हर पहलू में दिखे. हम कोशिश कर रहे हैं कि इसका फायदा देश के हर कोने, समाज के हर वर्ग, हर नागरिक तक पहुंचे.
पीएम ने कहा कि LED बल्ब से करीब 600 अरब यूनिट बिजली की खपत कम हुई है. बिजली की बचत के साथ लोगों को रोशनी भी अच्छी मिल रही है. साथ ही हर साल करीब 24,000 करोड़ रुपये की बचत मध्यम वर्ग को हो रही है. बिजली सबतक पहुंचे, पर्याप्त पहुंचे. हमारा वातावरण, हमारी हवा, हमारा पानी भी शुद्ध बना रहे, इसी सोच के साथ हम निरंतर काम कर रहे हैं.
यही सोच सौर ऊर्जा को लेकर हमारी नीति और रणनीति में भी स्पष्ट झलकती है. दुनिया की, मानवता की, भारत से इसी आशा, इसी अपेक्षा को देखते हुए, हम पूरे विश्व को जोड़ने में जुटे हुए हैं. इसी सोच का परिणाम इंटरनेशनल सोलर अलायंस है.
Inaugurating a Solar Project in Rewa, Madhya Pradesh. https://t.co/QXLmVlV5nb
— Narendra Modi (@narendramodi) July 10, 2020
वन वर्ल्ड, वन सन, वन ग्रिड, के पीछे की यही भावना है. सौर ऊर्जा ने आम ग्राहक को उत्पादक भी बना दिया है, पूरी तरह से बिजली के बटन पर कंट्रोल दे दिया है. बिजली पैदा करने वाले माध्यमों में सामान्य जन की भागीदारी न के बराबर रहती है, लेकिन सौर ऊर्जा में सामान्य जन की जरूरत की बिजली पैदा हो सकती है.
सौर ऊर्जा ने आम ग्राहक को उत्पादक भी बना दिया है, पूरी तरह से बिजली के बटन पर कंट्रोल दे दिया है. बिजली पैदा करने वाले माध्यमों में सामान्य जन की भागीदारी न के बराबर रहती है, लेकिन सौर ऊर्जा में सामान्य जन की आवश्यकता की बिजली पैदा हो सकती है.
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बता दें कि यहां बनने वाली बिजली में से 24 प्रतिशत दिल्ली मेट्रो को जबकि शेष 76 प्रतिशत बिजली मध्य प्रदेश के राज्य बिजली वितरण कंपनियों (डिस्कॉम) को जाएगी.
इसी साल जनवरी में 750 मेगावाट की क्षमता के साथ यहां बिजली उत्पादन शुरू हो गया था, लेकिन पीएम मोदी से समय नहीं मिलने की वजह से इसका लोकार्पण नहीं हो पाया था. यह परियोजना रीवा अल्ट्रा मेगा सोलर लिमिटेड (Rewa ultra mega solar limited), एमपी ऊर्जा विकास निगम लिमिटेड (MP urja vikas nigam ltd) और भारत के सौर ऊर्जा निगम का एक संयुक्त उद्यम है.
इस परियोजना में एक सौर पार्क के अंदर स्थित 500 हेक्टेयर भूमि पर 250-250 मेगावाट की तीन सौर उत्पादन इकाइयां शामिल हैं. यह परियोजना सालाना लगभग 15 लाख टन कार्बन डाईऑक्साइड के बराबर कार्बन उत्सर्जन को कम करेगी.
रीवा अल्ट्रा को Solar park बनाने के लिये 138 करोड़ रुपये की मदद दी गई थी. पार्क बनने के बाद रीवा अल्ट्रा मेगा सोलर लिमिटेड ने नीलामी से कंपनियों को चुना.
इस प्रोजेक्ट से बनने वाली बिजली की दर 15 साल तक 0.05 रुपये प्रति यूनिट की बढ़ोतरी के साथ पहले साल 2.97 रुपये प्रति यूनिट होगी. इस हिसाब से 25 साल के लिए 3.30 रुपये प्रति यूनिट की दर से बिजली मिलेगी. परियोजना सालाना लगभग 15 लाख टन कार्बन डाई ऑक्साइड (CO2) के बराबर कार्बन उत्सर्जन को कम करेगी.
12:55 PM IST