वेब सीरीज के कंटेंट को लेकर है शिकायत तो यहां करें रिपोर्ट, यूजर्स को मिली ताकत
कोरोना की वजह से एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री में OTT प्लेटफॉर्म का नया दौर शुरू हुआ है. सिनेमा हॉल्स बंद होने की वजह से इस साल की ज्यादातर मूवीज़ को ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर रिलीज़ किया जा रहा है.
15 leading OTT Platforms ने एक सेल्फ रेगुलेशन कोड ( Self-regulation code) साइन किया है
15 leading OTT Platforms ने एक सेल्फ रेगुलेशन कोड ( Self-regulation code) साइन किया है
कोरोना की वजह से एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री में OTT प्लेटफॉर्म का नया दौर शुरू हुआ है. सिनेमा हॉल्स बंद होने की वजह से इस साल की ज्यादातर मूवीज़ को ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर रिलीज़ किया जा रहा है. इसके चलते OTT प्लेटफार्मों पर सेंसरशिप का मुद्दा कुछ समय से चर्चा का विषय बन गया है.
फिल्स मेकर्स के मुताबिक, इस प्लेटफार्म के फायदे भी हैं, जिस पर अब हर तरीके के कंटेट बनाने का आजादी मिल रही है, जो की पहले मूवीज़ को नहीं मिली थी. हालांकि, दूसरे पहलू से देखें तो कला के नाम पर इसका आसानी से फायदा उठाया जा सकता है.
ज्यादातर दर्शकों को ये भी शिकायत है कि इन दिनों OTT Platforms पर दिखाया जाने वाला कंटेंट अभद्र और गाली गलौज से भरपूर होता है. अब इसके लिए दर्शक सीधा प्लेटफ़ॉर्म पर ही शिकायत कर सकेंगे. दर्शकों की शिकायत सुनने और उस पर एक्शन लेने के लिए अब हर OTT Platform का अपना एक कंज्यूमर कंप्लेंट (Consumer Complaint) पैनल होगा.
Netflix, Zee5, Amazon Prime Video समेत देश के 15 leading OTT Platforms ने एक सेल्फ रेगुलेशन कोड ( Self-regulation code) साइन किया है, जिसके तहत अब यह प्लेटफ़ॉर्म सेल्फ सेंसरशिप करें सकेंगे. इस सेल्फ सेंसरशिप के तहत प्लेटफ़ॉर्म पर रिलीज़ हुई हर एक वेब सीरिज़ और फ़िल्म को मेच्योरिटी रेटिंग दी जाएगी और उसकी पूरी डिस्क्रिप्शन दर्शक को दी जाएगी. मसलन किस तरह की भाषा का इस्तेमाल किया गया है, सेक्स और वायलेंस कितना है.
दर्शकों को अगर कहीं भी आपत्ति हो तो वो अपनी शिकायत प्लेटफ़ॉर्म पर दर्ज कर सकते हैं. इन शिकायतों को सुनने के लिए हर एक OTT प्लेटफ़ॉर्म पर एक कमेटी भी बनाई जाएगी.
Internet and Mobile Association of India के साथ हर एक OTT प्लेटफ़ॉर्म ने यह कोड ऑफ कंडक्ट साइन किया है. पिछले कई सालों से दर्शक OTT प्लेटफ़ॉर्म पर क्रियेटिव फ्रीडम के नाम पर परोसे जाने वाले गाली गलौज, सेक्स और वायलेंस से भरपूर वेब सीरीज पर आपत्ति जता रहे हैं. लेकिन, फ़िल्मों की तरह वेब कंटेंटकी कोई सेंसरशिप नहीं हो रही थी.
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लॉकडाउन में सिनेमा हॉलों पर ताला और डिजिटल प्लेटफार्म का ज्यादा इस्तेमाल किया जा रहा है. ऐसे में सरकार ने OTT platforms को 100 दिन का समय देते हुए चेतावनी दी थी कि अगर सेल्फ सेंसरशिप कमेटी नहीं बनी और उसका सही से पालन नहीं किया गया तो फ़िल्मों की तरह OTT content की सेंसरशिप भी फ़िल्मों की तरह सरकारी हाथों में चली जाएगी. इससे बचने के लिए प्लेटफ़ॉर्म ने IMAI के साथ सेल्फ सेंसरशिप कोड को तय किया. ताकि Creative Liberty बनी रहे.
05:31 PM IST