सावधान! विदेश में रह रहा आपका बच्चा हो सकता है वर्चुअल किडनैप, महाराष्ट्र पुलिस का अलर्ट
महाराष्ट्र साइबर क्राइम ने इस बारे में एक एडवाइजरी जारी की है और लोगों से इस तरह की कॉल और वीडियो से सतर्क रहने को कहा है.
किडनैपर्स डीपफेक टैक्नोलॉजी की मदद से बच्चे का डरावना वीडियो बनाकर माता-पिता के पास भेजते हैं. (Representative photo- Reuters)
किडनैपर्स डीपफेक टैक्नोलॉजी की मदद से बच्चे का डरावना वीडियो बनाकर माता-पिता के पास भेजते हैं. (Representative photo- Reuters)
अपहरण या किडनैपिंग (kidnapping) का नाम सुनते ही मन में खौफ सा पैदा हो जाता है. बदमाश किस तरह लोगों का अपहरण करके फिरौती की रकम वसूलते हैं, यह आए दिन हम न्यूज चैनल, न्यूज पेपर या फिर फिल्मों से जानते रहते हैं. लेकिन बदलते जमाने में साथ अब कैडनैपिंग के भी तरीके बदले हैं.
क्या ऐसा भी हो सकता है कि आप अपने घर या हॉस्टल में सुरक्षित बैठे हों और किडनैप भी हो जाएं. सुनने में यह अटपटा लगे लेकिन आज के समय में यह मुमकिन है. अब साइबर क्रिमनल लोगों की वर्चुअल किडनैपिंग कर रहे हैं. और खास बात ये है कि इन वर्चुअल किडनैपिंग (virtual kidnapping) के लिए फिरौती की रकम भी वसूल की जा रही है.
फिरौती की रक़म का कॉल आजकल कुछ ऐसे लोगों को आ रहे हैं. जिसमें किडनैपर्स डीप फेक टैक्नोलॉजी (Deepfakes technology) की मदद से बच्चे का डरावना वीडियो बनाकर माता-पिता के पास भेजा जाता है. इन वीडियो में बच्चे को इस अवस्था में दिखाया जाता है कि जैसे वास्तव में उसे बंधक बनाकर उस पर अत्याचार किए जा रहे हैं.
महाराष्ट्र साइबर क्राइम पुलिस (Maharashtra cyber police) के पास कुछ ऐसे मामले सामने आए हैं जहां उन अभिभावकों को फिरौती की रकम के कॉल आ रहे हैं जिनके बच्चे विदेश में पढ़ रहे हैं या नौकरी कर रहे हैं.
सबूत के तौर पर बच्चे का मार्फ्ड वीडियो (Morphed video) बनाकर भेजा गया है. कोरोना काल में घर से हजारों मील दूर बैठे बच्चे की किडनैपिंग की खबर किसी भी माता-पिता के लिए दिल दहला देने वाली खबर हो सकती है. कई मामलों में तो डर हुए माता-पिता फिरौती की रकम भी दे देते हैं.
महाराष्ट्र साइबर क्राइम ने इस बारे में एक एडवाइजरी जारी की है और लोगों से इस तरह की कॉल और वीडियो से सतर्क रहने को कहा है. पुलिस का कहना है कि साइबर क्रिमनलों ने जालसाजी का यह नया तरीका निकाला है.
पुलिस के मुताबिक, जालसाज सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए ऐसे परिवारों की तलाश करते हैं जिनके बच्चे अकेले हैं. अकेले घरों में ही रहते हैं.
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साइबर क्रिमनल ऐसे बच्चों से ऑनलाइन दोस्ती करते हैं और उन्हें किसी खतरे का झांसा देकर अपना फोन बंद रखने की सलाह देते हैं. अब ये क्रिमनल डीपफेक की तकनीक का इस्तेमाल करके बच्चे की हू-ब-हू फर्जी तस्वीर तैयार करके उसके माता-पिता के पास भेजकर फिरौती की मांग करते हैं.
साइबर पुलिस की मानें तो वर्चुअल किडनैपिंग (Virtual Kidnapping) के कई मामले अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया में पढ़ रहे बच्चों में देखा गया है.
09:09 PM IST