Yes Bank की आरोपी बचाओ पॉलिसी? वकीलों की मोटी फीस और दूसरे लीगल खर्चे क्यों उठाएगा बैंक?
Yes Bank अपने अधिकारियों को बचाने की कोशिश भी कर रहा है. आरोपी अधिकारियों को निकालने के बजाए उन्हें जबरन छुट्टी पर भेजा है. लेकिन, अभी भी कई अधिकारी ऐसे हैं जो बैंक के कोर मैनेजमेंट का हिस्सा रहे हैं, लेकिन उनकी छुट्टी नहीं की गई.
Yes Bank का बोर्ड भले ही बदला हो, लेकिन बैंक को चलाने वाली कोर मैनेजमेंट टीम पुरानी है. कई बड़े अधिकारियों का नाम जांच एजेंसियों की चार्जशीट में हैं. कई और अभी जांच के घेरे में हैं. जबकि कई के खिलाफ रेगुलेटर्स के आदेश भी आए हैं. इतना सब कुछ होने के बाद भी मजाल है कि मैनेजमेंट उन्हें हिलाने की कोशिश करे. और तो और जी बिजनेस को मिली जानकारी के मुताबिक, कंपनी की पॉलिसी ये है कि भले ही कर्मचारी आरोपी हों. वकीलों की मोटी फीस और दूसरे लीगल खर्चे खुद बैंक उठाएगा. पढ़िए ज़ी बिज़नेस के संवाददाता तरुण शर्मा की ये रिपोर्ट.
Yes Bank की आरोपी बचाओ पॉलिसी?
- बड़े अधिकारियों को बचाने का पूरा लीगल खर्च बैंक भर रहा है.
- जांच एजेंसियों से बचाने की कानूनी लड़ाई का खर्च बैंक दे रहा है.
- करीब आधा दर्जन अधिकारियों पर ED, CBI की जांच जारी है.
- दिखावे के लिए कई कर्मचारियों से लोन घोटालों पर जवाब तलब किया गया.
- DHFL, Cox&King, Oyster, Avantha ग्रुप के लोन की जांच जारी है.
- करीबन 31 लोन जिनकी कीमत 71000 करोड़ रुपए है, NPA में तब्दील हो चुके हैं.
- इन NPA लोन में DHFL, गौतम थप्पर के लोन हैं, जिन पर जांच जारी है.
- यस बैंक ने Zee Business के सवालों का जवाब नहीं दिया.
यस बैंक की आरोपी बचाओ पॉलिसी? वकीलों की मोटी फीस और दूसरे लीगल खर्चे क्यों उठाएगा यस बैंक ?
— Zee Business (@ZeeBusiness) December 2, 2021
जानिए पूरी खबर तरुण शर्मा से
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ED की जांच में फंसे अधिकारी को छुट्टी पर भेजा
Yes Bank अपने अधिकारियों को बचाने की कोशिश भी कर रहा है. आरोपी अधिकारियों को निकालने के बजाए उन्हें जबरन छुट्टी पर भेजा है. लेकिन, अभी भी कई अधिकारी ऐसे हैं जो बैंक के कोर मैनेजमेंट का हिस्सा रहे हैं, लेकिन उनकी छुट्टी नहीं की गई. एन्फोर्समेंट डायरेक्टोरेट की जांच के बाद होलसेल बैंकिंग हेड आशीष अग्रवाल को छुट्टी पर भेजा गया था. यस बैंक केस में ED की चार्जशीट में आशीष अग्रवाल का नाम शामिल है. अग्रवाल ने बतौर चीफ क्रेडिट रिस्क ऑफिसर कई लोन पास किए थे. मंजूर किए 31,855 करोड़ रुपए के 71 लोन NPA हुए. ED ने माना कि अग्रवाल ने जिम्मेदारी ठीक से नहीं निभाई थी. साथ ही उन्होंने मनी लॉन्ड्रिंग में एक तरह से मदद की थी.
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SEBI के नियम तोड़ने वाले कौन से नाम अभी भी यस बैंक में कायम हैं?
- संजय नांबियार, ग्रुप लीगल काउंसेल, यस बैंक
- निरंजन बनोड़कर, CFO, यस बैंक
- शिवानंद शेट्टीगर, कंपनी सेक्रेटरी, यस बैंक
- आशीष अग्रवाल, हेड, व्होलसेल बैंकिंग, यस बैंक
10:26 AM IST