
Why is stock market falling today: केंद्रीय बजट आने में बस कुछ दिन रह गए हैं और भारतीय शेयर बाजारों में लगातार चौतरफा बिकवाली जारी है. बाजार में गजब की वॉलेटिलिटी है. खासकर, आज सोमवार (27 जनवरी) को बाजार में जबरदस्त गिरावट आई. सेंसेक्स-निफ्टी 1-1% तक गिरते नजर आए. यहां तक कि ब्रॉडर मार्केट्स में सबसे ज्यादा नुकसान दिखा. मिडकैप और स्मॉलकैप इंडेक्स 4-4% तक की गिरावट पर पहुंच गए थे. बाजार खुलने से लेकर दोपहर 1 बजे के आसपास तक निवेशकों को 7.69 लाख करोड़ स्वाहा हो चुके थे.
भारतीय शेयर बाजार लाल निशान में खुले थे. बाजार में चौतरफा बिकवाली देखी गई. लार्जकैप की अपेक्षा मिडकैप और स्मॉलकैप में अधिक बिकवाली थी. ऑटो, आईटी, फार्मा, मेटल, एनर्जी, इन्फ्रा और कमोडिटी इंडेक्स में सबसे ज्यादा दबाव था. केवल रियल्टी और एफएमसीजी इंडेक्स ही हरे निशान में थे.
विशेषज्ञों के अनुसार, तकनीकी लिहाज से बाजार लगातार हायर लेवल्स पर बिकवाली के दबाव का सामना कर रहा है और डेली चार्ट पर निचले स्तर पर पहुंच रहा है, जो नकारात्मक है. कोटक सिक्योरिटीज के इक्विटी रिसर्च प्रमुख श्रीकांत चौहान ने कहा कि इस समय रणनीति यह होनी चाहिए कि कमजोर लॉन्ग पोजीशन को 22,950 के स्तर के नीचे कम करें, हालांकि, सप्ताह के दौरान अगर निफ्टी 22,600 तक गिर जाता है, तो हमें मध्यम से लंबी अवधि के नजरिए से चुनिंदा शेयरों को खरीदना चाहिए."
ये भी देखना अहम है कि सितंबर के अंत से बाजार में जो करेक्शन शुरू हुआ, उसके बाद से बाजार अपने ऑल टाइम हाई से कितना गिर चुके हैं. आप नीचे चार्ट में देख सकते हैं कि महत्वपूर्ण इंडेक्स अपने रिकॉर्ड हाई से कितना गिर चुके हैं. Nifty PSE (Public Sector Enterprises) में सबसे बड़ी गिरावट देखी गई है, जो अपने उच्चतम स्तर से -32.8% नीचे है.
| इंडेक्स | ऑल-टाइम हाई (ATH) | ऑल-टाइम हाई से गिरावट |
| Nifty Midcap100 | 60,925 | -14.40% |
| Nifty Smallcap100 | 19,716 | -17% |
| Nifty | 26,277 | -12.50% |
| Bank Nifty | 54,467 | -11.50% |
| Nifty PSE | 11,814 | -32.80% |
| Midcap Select | 13,407 | -13.30% |
1. बाजार में गिरावट के पीछे कुछ कारण लगातार कॉन्स्टैन्ट बने हुए हैं, जिनमें FIIs की लगातार निकासी है. विदेशी संस्थागत निवेशक हाथ खोलकर बिकवाली कर रहे हैं. FPIs की ओर से जनवरी में 69 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा की बिकवाली आ चुकी है. रुपये में गिरावट, भारतीय बाजारों के हायर वैल्यूएशन और डॉलर इंडेक्स में तेजी के चलते बाहर निवेश कर रहे हैं. एक ये प्रेशर तो है ही, तो बाजार में जहां भी तेजी आ रही है, तो निवेशक यहां पर मुनाफा बुक कर रहे हैं या फिर मौजूदा पोजीशन से निकल रहे हैं, इसलिए बाजार में लगातार उतार-चढ़ाव दिख रहा है.
2. दूसरा, तीसरी तिमाही के नतीजों में ऐसा कोई दमदार रिजल्ट नहीं आया है, जो बाजार में नया जोश भरे. कई सेक्टर अच्छा कर रहे हैं, कई कंपनियों ने अच्छा प्रदर्शन किया है, लेकिन इसके बावजूद कोई जबरदस्त खुश कर देने वाले रिजल्ट के न होने के चलते बाजार में निगेटिव सेंटीमेंट बना हुआ है.
3. इसके अलावा, शुक्रवार को अमेरिकी बाजारों में भी मुनाफावसूली आ गई थी. इससे भी ग्लोबल ट्रिगर्स निगेटिव थे. नए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से कोलंबिया के ऊपर नए प्रतिबंध लगाए गए हैं, जिसके चलते ग्लोबल बाजारों में अनिश्चिचतता का माहौल है.
4. साथ ही इस हफ्ते अमेरिकी फेडरल रिजर्व बैंक की मीटिंग भी होने वाली है, जिसमें ब्याज दरों पर फैसला लिया जाएगा. ऐसी अटकलें हैं कि इस बार ब्याज दरों में कोई कटौती नहीं होगी, लेकिन डोनाल्ड ट्रंप की ओर से पिछले दिनों रेट कटौती की मांग उठाई गई थी. रेट कट पर अनिश्चितता के चलते भी निवेशक अभी सतर्क हैं.