शेयर बाजार में ट्रेडिंग हुई सस्ती, सेबी ने ब्रोकरेज, एक्सचेंज फीस घटाई
सेबी बोर्ड ने ब्रोकर्स फीस 33.33% घटाकर 15 रुपए प्रति करोड़ भुगतान से 10 रुपए प्रति करोड़ भुगतान कर दी है. वहीं एग्री कमोडिटी डेरिवेटिव भुगतान की फीस 15 रुपए से घटाकर 1 रुपए कर दी है.
सेबी ने नए स्टार्टअप के लिए शेयर बाजार में सूचीबद्ध होना और पूंजी जुटाना आसान बनाने के लिए नए प्रावधानों को भी मंजूरी दी. (फोटो : PTI)
सेबी ने नए स्टार्टअप के लिए शेयर बाजार में सूचीबद्ध होना और पूंजी जुटाना आसान बनाने के लिए नए प्रावधानों को भी मंजूरी दी. (फोटो : PTI)
बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (Sebi) ने घरेलू शेयर बाजार को मजबूती देने के लिए सूचीबद्ध होने वाले ब्रोकरों, शेयर बाजारों और कंपनियों से लिए जाने वाले शुल्क को कम करने की मंजूरी दे दी है. बोर्ड ने ब्रोकर्स फीस 33.33% घटाकर 15 रुपए प्रति करोड़ भुगतान से 10 रुपए प्रति करोड़ भुगतान कर दी है. वहीं एग्री कमोडिटी डेरिवेटिव भुगतान की फीस 15 रुपए से घटाकर 1 रुपए कर दी है.
सेबी ने नए स्टार्टअप के लिए शेयर बाजार में सूचीबद्ध होना और पूंजी जुटाना आसान बनाने के लिए नए प्रावधानों को भी मंजूरी दी. नए प्रावधानों से निवेशकों को इन निकायों में निवेश का अधिकार मिलना आसान हो जाएगा.
सेबी के बोर्ड ने बैठक में कई कदम उठाये. बोर्ड ने ऋण पुनर्संरचना से गुजर रही कंपनियों के लिये प्रावधान आसान करने को भी मंजूरी दी. इसके लिये चुनिंदा मामलों में अनिवार्य खुली पेशकश से छूट दी गयी.
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बोर्ड की बैठक के बाद वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बोर्ड के सदस्यों और सेबी के शीर्ष अधिकारियों को संबोधित किया. उन्हें सेबी के चेयरमैन अजय त्यागी ने भारतीय प्रतिभूति बाजार की हालिया प्रगति से अवगत कराया. सेबी ने एक बयान में कहा कि जेटली ने उसकी कई नयी मुहिमों की सराहना की.
सेबी बोर्ड ने रीयल एस्टेट तथा बुनियादी संरचना निवेश न्यास की सूचीबद्धता के प्रावधानों को भी आसान करने की मंजूरी दी. बोर्ड ने म्यूचुअल फंड उद्योग में पूरी प्रक्रिया को स्पष्ट और एकरूप बनाने के लिये म्यूचुअल फंडों द्वारा पूंजी बाजारों तथा ऋण प्रतिभूतियों के मूल्यांकन से संबंधित एक अन्य मुख्य प्रस्ताव को भी मंजूरी दी.
सेबी बोर्ड ने म्यूचुअल फंडों, पोर्टफोलियो प्रबंधकों और चुनिंदा वैकल्पिक निवेश कोषों को जिंस डेरिवेटिव्स में व्यापार करने की मंजूरी दे दी. इनके अलावा संरक्षकों को सेबी से अब स्थायी पंजीयन मिल सकेगा. डिपोजिटरी भागीदारों के लिये प्रावधान संशोधित किये जाएंगे. बोर्ड की मंजूरी के बाद इन बदलावों को क्रियान्वयित करने के लिये सेबी द्वारा अधिसूचित किये जाने की जरूरत होगी.
एजेंसी इनपुट के साथ
01:09 PM IST