
1998 से गैस डिस्ट्रीब्यूशन का काम करने वाली IGL कंपनी के स्टॉक पर एक साथ 2 ब्रोकरेज कंपनियां बुलिश हैं. देश के घर-घर तक इस कंपनी की पहुंच है और 27 साल से ये कंपनी इसी सेगमेंट में काम कर रही है. अब कंपनी के स्टॉक पर ब्रोकरेज की राय आई है. दो बड़ी ब्रोकरेज फर्म्स, UBS और मोतीलाल ओसवाल (Motilal Oswal) ने IGL के शेयर पर बुलिश राय जाहिर की है. दोनों ने ही इस शेयर में खरीदारी की सलाह देते हुए 250 रुपये का टारगेट प्राइस सेट किया है.
ब्रोकरेज का मानना है कि कंपनी के लिए एक बड़ा पॉजिटिव ट्रिगर आने वाला है, जिससे कंपनी के मुनाफे में जबरदस्त उछाल देखने को मिल सकता है. यह ट्रिगर टैक्स से जुड़ा है, जिसका फायदा कंपनी को सीधे तौर पर मिलेगा.
IGL के लिए सबसे बड़ी और पॉजिटिव खबर गुजरात से आने वाली गैस पर लगने वाले टैक्स में बदलाव है. ग्लोबल ब्रोकरेज फर्म UBS ने अपनी रिपोर्ट में इसे "The end of a tax overhang" कहा है, यानी एक बड़ी निगेटिव चीज अब खत्म होकर पॉजिटिव में बदल रही है.
| Shareholding Pattern (%) | Jun-25 | Mar-25 | Jun-24 |
|---|---|---|---|
| Promoter | 45.0 | 45.0 | 45.0 |
| DII | 29.0 | 31.2 | 30.1 |
| FII | 16.8 | 14.7 | 16.2 |
| Others | 9.2 | 9.2 | 8.7 |
इसे आसान भाषा में समझें तो IGL अपनी गैस का एक हिस्सा गुजरात से सोर्स करती है. अब तक इस गैस को गुजरात से बाहर बेचने पर कंपनी को 15% का वैल्यू एडेड टैक्स (VAT) चुकाना पड़ता था. मोतीलाल ओसवाल ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक,1 अक्टूबर, 2025 से इस 15% VAT को हटाकर इसकी जगह सिर्फ 2% का सेंट्रल सेल्स टैक्स (CST) लगाया गया है. हालांकि, इस पर अभी आधिकारिक पुष्टि का इंतजार है, लेकिन अगर ऐसा होता है तो यह IGL के लिए एक बहुत बड़ी राहत होगी.
इस बदलाव से कंपनी के EBITDA (ब्याज, टैक्स, डेप्रिसिएशन और अमोर्टाइजेशन से पहले की कमाई) में प्रति scm (standard cubic meter) पर 16-20% का सीधा उछाल देखने को मिल सकता है. UBS का अनुमान है कि इससे कंपनी के EBITDA में करीब 20% की बढ़ोतरी हो सकती है. वहीं मोतीलाल ओसवाल का मानना है कि इस टैक्स बदलाव से IGL को प्रति scm लगभग 1 रुपये का EBITDA मार्जिन गेन हो सकता है.
टैक्स में बदलाव के अलावा IGL को एक और रेगुलेटरी बदलाव से फायदा मिलने की उम्मीद है. पेट्रोलियम एंड नेचुरल गैस रेगुलेटरी बोर्ड (PNGRB) जल्द ही पाइपलाइन टैरिफ को लेकर नए नियम लागू करने जा रहा है, जिसे "टू-जोन टैरिफ" व्यवस्था कहा जा रहा है.
कंपनी के मैनेजमेंट ने अपनी 1QFY26 की अर्निंग्स कॉल में खुद यह संकेत दिया था कि इस नए टैरिफ सिस्टम से कंपनी के EBITDA मार्जिन में 0.7 रुपये से 1.3 रुपये प्रति scm तक का इजाफा हो सकता है. इसका मतलब है कि टैक्स बचत के साथ-साथ यह टैरिफ सुधार कंपनी के मुनाफे को और बढ़ाएगा. ब्रोकरेज का मानना है कि कंपनी इस फायदे का कुछ हिस्सा ग्राहकों को डिस्काउंट के रूप में दे सकती है, लेकिन फिर भी इसका बड़ा हिस्सा कंपनी के मार्जिन में जुड़ेगा.
ग्लोबल ब्रोकरेज हाउस UBS ने IGL पर अपनी 'BUY' रेटिंग को बरकरार रखा है और 250 रुपये का टारगेट प्राइस दिया है. UBS ने अपनी रिपोर्ट में साफ कहा है कि टैक्स का ओवरहैंग अब खत्म हो चुका है और यह कंपनी के लिए एक बड़े टेलविंड (सकारात्मक हवा) में बदल रहा है. ब्रोकरेज के मुताबिक, इससे EBITDA में 20% तक का उछाल आ सकता है. साथ ही, पाइपलाइन टैरिफ सुधार से कंपनी को और भी फायदे होंगे.
घरेलू ब्रोकरेज फर्म मोतीलाल ओसवाल ने भी IGL पर 'BUY' रेटिंग देते हुए 250 रुपये का टारगेट प्राइस दिया है. मोतीलाल ओसवाल ने अपनी रिपोर्ट का टाइटल ही "Tax tweak could deliver margin bonanza" दिया है, जिसका मतलब है कि टैक्स में बदलाव से मार्जिन में बंपर उछाल आ सकता है.
खास बात यह है कि मोतीलाल ओसवाल ने अभी तक इस टैक्स बेनिफिट को अपने अनुमानों में शामिल नहीं किया है. ब्रोकरेज का कहना है कि अगर यह टैक्स बदलाव हकीकत में बदलता है, तो उनके FY26, FY27 और FY28 के लिए PAT (Profit After Tax) अनुमानों में क्रमशः 8%, 15% और 15% की बढ़ोतरी हो सकती है. ये एक बहुत बड़ा अपग्रेड होगा. ब्रोकरेज ने कंपनी का वैल्यूएशन 16x FY27E कंसोलिडेटेड P/E और ज्वाइंट वेंचर्स की वैल्यू को जोड़कर 250 रुपये प्रति शेयर निकाला है.
ब्रोकरेज की राय और कंपनी से जुड़ी पॉजिटिव खबरों को देखें तो IGL का शेयर मौजूदा स्तरों से एक शानदार रैली दिखा सकता है. 250 रुपये का टारगेट प्राइस मौजूदा भाव से करीब 15-20% का अपसाइड दिखाता है. दो बड़े स्ट्रक्चरल बदलाव (टैक्स और टैरिफ) कंपनी के पक्ष में काम कर रहे हैं, जिससे आने वाली तिमाहियों में कंपनी के वित्तीय नतीजे काफी मजबूत हो सकते हैं. शॉर्ट से लॉन्ग टर्म के निवेशक इस शेयर में पैसा लगाने पर विचार कर सकते हैं.
(डिस्क्लेमर: यहां दी गई राय ब्रोकरेज हाउस और एक्सपर्ट्स के अपने विचार हैं. किसी भी तरह का निवेश करने से पहले अपने वित्तीय सलाहकार से सलाह जरूर लें.)
UBS और मोतीलाल ओसवाल, दोनों ब्रोकरेज फर्म्स ने IGL के शेयर पर 250 रुपये का टारगेट प्राइस दिया है.
ब्रोकरेज दो मुख्य कारणों से बुलिश हैं: पहला, गुजरात से सोर्स की गई गैस पर टैक्स का 15% से घटकर 2% होना और दूसरा, पाइपलाइन टैरिफ सुधार से कंपनी के मार्जिन में बढ़ोतरी की उम्मीद.
अनुमान है कि टैक्स बदलाव से IGL के EBITDA/scm में 16-20% तक का उछाल आ सकता है, जो लगभग 1 रुपये प्रति scm के बराबर है.
मोतीलाल ओसवाल के मुताबिक, उन्होंने अभी तक इस टैक्स बेनिफिट को अपने अनुमानों में शामिल नहीं किया है, जिसका मतलब है कि खबर की पुष्टि होने पर शेयर में और तेजी की गुंजाइश है.
ब्रोकरेज की राय के मुताबिक, मौजूदा स्तरों पर खरीदारी की जा सकती है क्योंकि कंपनी के लिए कई पॉजिटिव ट्रिगर्स लाइन में हैं जो शेयर को ऊपर ले जा सकते हैं. हालांकि, निवेश से पहले वित्तीय सलाहकार से पूछना जरूरी है.
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