BSE के स्टॉक पर आई टारगेट प्राइस को लेकर बड़ी अपडेट, Goldman Sachs की लेटेस्ट रिपोर्ट नहीं पढ़ी तो हो जाएगा नुकसान!

Goldman Sachs ने BSE पर अपनी नई रिपोर्ट जारी करते हुए टारगेट प्राइस ₹2,250 से घटाकर ₹2,220 कर दिया है. रिपोर्ट में कहा गया है कि NSE की नई रणनीतियां जैसे लॉट साइज कम करना और एक्सपायरी बदलना, BSE के मार्केट शेयर पर असर डाल सकती हैं.
BSE के स्टॉक पर आई टारगेट प्राइस को लेकर बड़ी अपडेट, Goldman Sachs की लेटेस्ट रिपोर्ट नहीं पढ़ी तो हो जाएगा नुकसान!

भारत के शेयर बाजार में दो प्रमुख एक्सचेंज, BSE (Bombay Stock Exchange) और NSE (National Stock Exchange) के बीच कंपटीशन एक बार फिर तेज हो गई है. इसी बीच, वैश्विक निवेश बैंक गोल्डमैन सैक्स (Goldman Sachs) ने BSE लिमिटेड पर अपनी नई रिपोर्ट जारी की है. चलिए, जानते हैं कि इस रिपोर्ट में आखिर ऐसा क्या है, जो बीएसई के हर निवेशक को जाननी चाहिए.

BSE पर ब्रोकरेज Goldman Sachs की रिपोर्ट

गोल्डमैन सैक्स ने अपनी रिपोर्ट में कंपनी के शेयर पर Neutral रेटिंग को बरकरार रखते हुए टारगेट प्राइस ₹2,250 से घटाकर ₹2,220 कर दिया गया है. गोल्डमैन सैक्स का कहना है कि अब BSE के शेयर में केवल लगभग 6% की संभावित बढ़त बची है. रिपोर्ट के मुताबिक, निकट भविष्य में कंपनी के शेयर में तेज उछाल की संभावना सीमित दिखाई दे रही है.

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NSE की रणनीतियों से बढ़ा दबाव

गोल्डमैन सैक्स की रिपोर्ट में यह स्पष्ट कहा गया है कि NSE अब अपने खोए हुए मार्केट शेयर को वापस पाने के लिए काफी आक्रामक रणनीतियां अपना रहा है. एनालिस्ट्स का कहना है कि NSE ने हाल ही में दो बड़े कदम उठाए हैं, जिनसे BSE की ग्रोथ पर असर पड़ सकता है.

पहला बदलाव F&O एक्सपायरी डे में किया गया है. NSE ने अपने इंडेक्स ऑप्शन कॉन्ट्रैक्ट्स की एक्सपायरी गुरुवार से बदलकर मंगलवार कर दी है. यह बदलाव सितंबर 2025 में लागू हुआ और इसके पहले ही महीने में NSE ने लगभग 2 प्रतिशत मार्केट शेयर वापस हासिल कर लिया.

दूसरा बड़ा कदम लॉट साइज में कमी का है. NSE ने अपने ज़्यादातर कॉन्ट्रैक्ट्स का लॉट साइज 75 से घटाकर 65 कर दिया है. यह लगभग 13 प्रतिशत की कमी है. इससे NSE के Nifty 50 और BSE के Sensex कॉन्ट्रैक्ट्स का आकार अब लगभग समान हो जाएगा. पहले BSE को छोटे लॉट साइज का फायदा था क्योंकि उसके कॉन्ट्रैक्ट्स ट्रेडिंग के लिए अपेक्षाकृत सस्ते पड़ते थे, लेकिन अब यह बढ़त कम हो जाएगी.

नए बदलावों का असर और टाइमलाइन

NSE का यह नया लॉट साइज नियम जनवरी 2026 से साप्ताहिक कॉन्ट्रैक्ट्स पर लागू होगा, जबकि मंथली और तिमाही कॉन्ट्रैक्ट्स के लिए यह नियम पहले से प्रभावी हो जाएगा. गोल्डमैन सैक्स के अनुसार, BSE ने अब तक अपने लॉट साइज में कोई बदलाव घोषित नहीं किया है, जिससे उसका तुलनात्मक लाभ धीरे-धीरे खत्म हो सकता है.

कमाई के अनुमान में मामूली गिरावट

गोल्डमैन सैक्स ने BSE के वित्त वर्ष 2026 के लिए औसत डेली प्रीमियम अनुमान में लगभग 7 प्रतिशत की कटौती की है. साथ ही, अर्निंग्स यानी कमाई के अनुमान में भी लगभग 3 प्रतिशत की गिरावट की गई है. रिपोर्ट में कहा गया है कि यह बदलाव NSE की नई रणनीतियों के कारण संभावित मार्केट शेयर दबाव को ध्यान में रखकर किया गया है.

लॉन्ग टर्म में उम्मीदें बरकरार

गोल्डमैन सैक्स का मानना है कि सितंबर 2025 में BSE का मार्केट शेयर करीब 27 प्रतिशत है, जो धीरे-धीरे बढ़कर 40 प्रतिशत तक पहुंच सकता है. पहले यह लक्ष्य जुलाई 2026 तक का था, लेकिन अब इसे मार्च 2027 तक आगे बढ़ा दिया गया है. इसका मतलब है कि BSE के लिए ग्रोथ की संभावना अभी भी बनी हुई है, बस उसे NSE के नए बदलावों का मुकाबला रणनीतिक तरीके से करना होगा.

निवेशकों को क्या करना चाहिए?

रिपोर्ट के अनुसार, BSE पर फिलहाल Neutral रेटिंग बरकरार है, जिसका मतलब है कि निवेशक अभी जल्दबाज़ी में खरीद या बिक्री का निर्णय न लें. यह रिपोर्ट शॉर्ट टर्म में सीमित रिटर्न और लॉन्ग टर्म में मुनाफे के अवसर दोनों को दिखाती है. गोल्डमैन सैक्स ने कहा कि BSE की क्लाइंट ग्रोथ और टेक्नोलॉजिकल अपडेट इसे मीडियम टर्म में मजबूत बना सकते हैं.

कुल मिलाकर, गोल्डमैन सैक्स की रिपोर्ट यह दिखाती है कि भारत के एक्सचेंज मार्केट में कंपटीशन और भी तेज होने वाली है. NSE अपने कदमों से फिर से अपनी पकड़ मजबूत कर रहा है, जबकि BSE को अपनी रणनीति में लचीलापन दिखाना होगा. निवेशकों के लिए यह समय सावधानी और धैर्य दोनों का है.

खबर से जुड़े FAQs

1. Goldman Sachs ने BSE के लिए नया टारगेट प्राइस क्या दिया है?

Goldman Sachs ने BSE का टारगेट घटाकर ₹2,250 से ₹2,220 कर दिया है.

2. क्या अब BSE के शेयर में बढ़त की संभावना है?

हां, रिपोर्ट के अनुसार BSE में लगभग 6% तक का संभावित अपसाइड दिखाया गया है.

3. NSE के नए फैसले से BSE को नुकसान क्यों होगा?

NSE ने अपने F&O कॉन्ट्रैक्ट्स की lot size घटाई है, जिससे BSE का कम प्रीमियम वाला फायदा खत्म होता दिख रहा है.

4. BSE का मार्केट शेयर कितना है और आगे कितना हो सकता है?

फिलहाल करीब 27% है, जो 2027 तक 40% तक पहुंच सकता है.

5. क्या अब भी BSE में निवेश करना सही रहेगा?

Goldman Sachs ने ‘neutral’ रेटिंग दी है, यानी फिलहाल न बहुत बड़ा फायदा दिखता है न कोई बड़ा खतरा.

(डिस्‍क्‍लेमर: यहां स्‍टॉक्‍स में निवेश की सलाह ब्रोकरेज हाउस द्वारा दी गई है. ये जी बिजनेस के विचार नहीं हैं. निवेश से पहले अपने एडवाइजर से परामर्श कर लें.)

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सुष्मित सिन्हा

सुष्मित सिन्हा

Sushmit Sinha currently serves as a Chief Sub Editor at Zee Business Digital, where he oversees coverage of the stock market, mutual funds, and personal finance. He has

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