Silver ETF में निवेश से पहले सावधान! भारी प्रीमियम पर ट्रेडिंग कर रहे फंड्स

Silver ETFs: फिजिकल चांदी की सीमित आपूर्ति और उच्च निवेश मांग ने यह असंतुलन पैदा किया है.
Silver ETF में निवेश से पहले सावधान! भारी प्रीमियम पर ट्रेडिंग कर रहे फंड्स

Silver ETFs: भारत में त्योहारी सीजन के बीच सिल्वर एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड्स (Silver ETFs) की मांग तेजी से बढ़ी है. इस कारण ये ईटीएफ अंतरराष्ट्रीय बेंचमार्क कीमतों की तुलना में भारी प्रीमियम पर कारोबार कर रहे हैं. एक्सिस म्यूचुअल फंड (Axis Mutual Fund) की हालिया रिपोर्ट के अनुसार, फिजिकल चांदी की सीमित आपूर्ति और उच्च निवेश मांग ने यह असंतुलन पैदा किया है.

रिपोर्ट के अनुसार, 2025 की पहली छमाही में वैश्विक स्तर पर चांदी में निवेश प्रवाह रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गया है. लगभग 95 मिलियन औंस की बढ़ोतरी दर्ज की गई है, जो 2024 के पूरे निवेश से ज्यादा है. इससे ग्लोबल ETF होल्डिंग्स अब 1.13 अरब औंस (40 अरब डॉलर से ज्यादा कीमत) तक पहुंच गई हैं.

औद्योगिक और निवेश मांग में उछाल

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वैश्विक मांग को मुख्य रूप से सोलर फोटोवोल्टिक, इलेक्ट्रिक व्हीकल्स, 5G इन्फ्रास्ट्रक्चर, सेमीकंडक्टर्स और इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे क्षेत्रों से समर्थन मिल रहा है. हालांकि, ग्लोबल माइनिंग आउटपुट में केवल मामूली बढ़ोतरी हुई है और यह 2026 तक पीक पर पहुंचने की उम्मीद है.

भारत में मजबूत फिजिकल डिमांड

भारत में त्योहारी मौसम (दिवाली, धनतेरस आदि) के चलते चांदी के सिक्कों, बार, आभूषण और मूर्तियों की मांग बढ़ गई है. सितंबर 2025 में चांदी का आयात पिछले वर्ष की तुलना में दोगुना हो गया है. ज्वैलर्स और सर्राफा व्यापारी रिकॉर्ड उच्च कीमतों के बावजूद स्टॉक सुरक्षित करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं.

सऊदी अरब का असर

सऊदी अरब के केंद्रीय बैंक द्वारा हाल की खरीद ने चांदी में केंद्रीय बैंकों की रुचि को उजागर किया है, जिससे मांग में बदलाव हुआ है. एक्सिस एमएफ ने कहा कि यह कमी ईटीएफ तक पहुंच गई है.

भारतीय ईटीएफ में प्रीमियम की स्थिति

आमतौर पर भारतीय और ग्लोबल कीमतों में अंतर सीमित होता है और आर्बिट्राज के जरिये यह दूर हो जाता है. लेकिन फिजिकल चांदी की कमी और त्योहारी मांग के चलते, यह प्रीमियम बना हुआ है. एक्सिस एमएफ के अनुसार, ETF आर्बिट्रेजर भी इस अंतर को नहीं पाट पा रहे हैं.

जोखिम और सलाह

एक्सिस एमएफ ने कहा है कि अगर सप्लाई सामान्य हो जाती है और घरेलू प्रीमियम खत्म हो जाता है तो बढ़ी हुई प्रवेश कीमत निकट भविष्य में एनएवी (NAV) में सुधार का जोखिम उठा सकती है. फंड हाउस ने कहा कि मध्यम से लंबी अवधि के निवेशकों के लिए चांदी को एक रणनीतिक विविधीकरण और बचाव के साधन के रूप में देखा जा रहा है.

Conclusion

भारत में Silver ETFs फिलहाल प्रीमियम पर कारोबार कर रहे हैं, जो बाजार की असमान मांग और सीमित आपूर्ति का नतीजा है. निवेशकों को सतर्क रहने की जरूरत है, खासकर अगर वे शॉर्ट टर्म गेन के इरादे से खरीदारी कर रहे हैं.

अक्सर पूछे जाने वाले सवार- FAQs


Q1. सिल्वर ETF क्या है?
सिल्वर ETF एक प्रकार का म्यूचुअल फंड होता है जो स्टॉक एक्सचेंज पर ट्रेड होता है और इसका उद्देश्य चांदी की कीमत को ट्रैक करना होता है.

Q2. भारत में सिल्वर ETF प्रीमियम पर क्यों ट्रेड कर रहे हैं?
भारत में फिजिकल चांदी की मांग तेज है, जबकि वैश्विक आपूर्ति सीमित है.

Q3. क्या यह प्रीमियम स्थिति सामान्य है?
नहीं, सामान्य परिस्थितियों में भारतीय और ग्लोबल कीमतों में बड़ा अंतर नहीं होता. लेकिन फिलहाल फिजिकल चांदी की भारी मांग और सीमित सप्लाई के कारण यह प्रीमियम बना हुआ है.

Q4. ETF प्रीमियम से निवेशकों को क्या नुकसान हो सकता है?
अगर भविष्य में सप्लाई सामान्य हो गई और प्रीमियम घट गया, तो जिन निवेशकों ने ऊंचे दाम पर ETF खरीदी है, उन्हें NAV गिरने से नुकसान हो सकता है.

Q5. क्या अभी सिल्वर ETF में निवेश करना सही है?
अगर आपका नजरिया मध्यम से लंबी अवधि का है, तो सिल्वर ETF एक रणनीतिक डाइवर्सिफिकेशन और इंफ्लेशन हेज के तौर पर सही विकल्प हो सकता है.

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