Share Market पर अगले सप्ताह रहेगा बॉन्ड, क्रूड ऑयल और आर्थिक आंकड़ों का असर
Share Market: विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) के निवेश के रुख, फरवरी में गाड़ियों की बिक्री के आंकड़ों, सेवा और विनिर्माण क्षेत्र के आंकड़ों पर भी निवेशकों की निगाहें रहेंगी.
विभिन्न राज्यों में कोरोना वायरस की स्थिति से भी बाजार की दिशा प्रभावित हो सकती है. (PTI)
विभिन्न राज्यों में कोरोना वायरस की स्थिति से भी बाजार की दिशा प्रभावित हो सकती है. (PTI)
Share Market: लंबी अवधि में बॉन्ड (Bond) पर प्राप्ति के रुख से लेकर कच्चे तेल की कीमतें तथा वृहद आर्थिक (Macroeconomic) आंकड़े इस सप्ताह शेयर बाजार की दिशा तय करेंगे. विश्लेषकों ने यह राय जताते हुए कहा है कि शेयर बाजारों में कई दिन की गिरावट के बाद अब निवेशक कुछ ‘शांत’ रहेंगे. पीटीआई की खबर के मुताबिक, इसके अलावा विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) के निवेश के रुख, फरवरी में गाड़ियों की बिक्री के आंकड़ों, सेवा और विनिर्माण क्षेत्र के आंकड़ों पर भी निवेशकों की निगाहें रहेंगी. इसके साथ ही विभिन्न राज्यों में कोरोना वायरस की स्थिति से भी बाजार की दिशा प्रभावित हो सकती है.
बाजार में अभी गिरावट रहेगी (Market will be down now)
खबर के मुताबिक, मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के प्रमुख (रिटेल रिसर्च) सिद्धार्थ खेमका ने कहा कि कमजोर वैश्विक रुख के बीच बाजार में अभी गिरावट रहेगी. निवेशकों की बॉन्ड प्राप्ति, भूराजनीतिक तनाव और मुद्रास्फीति के आंकड़ों पर रहेगी. इसके अलावा उनकी निगाह अमेरिका में नई प्रोत्साहन घोषणा से जुड़े घटनाक्रमों पर भी रहेगी. 1 फरवरी को आम बजट पेश होने के बाद शेयर बाजारों में कई बार तेजी का सिलसिला चला. लेकिन बीते सप्ताह बाजार में बड़ी गिरावट आई. इस दौरान सेंसेक्स और निफ्टी तीन प्रतिशत से ज्यादा टूट गए. शुक्रवार को बीएसई के 30 शेयरों वाले सेंसेक्स में 1,940 अंक की जबर्दस्त गिरावट आई. यह सेंसेक्स में करीब 10 माह में एक दिन की सबसे बड़ी गिरावट है.
करेक्शन का दबाव भी झेलना पड़ सकता है (May also face correction pressure)
कोटक सिक्योरिटीज के उपाध्यक्ष और बुनियादी शोध प्रमुख रुस्मिक ओझा ने कहा कि भारतीय बाजार में वैश्विक बॉन्ड प्राप्ति बढ़ने की तत्काल प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है. निकट भविष्य में भारतीय बाजारों को वैश्विक स्तर पर ‘करेक्शन’ का दबाव भी झेलना पड़ सकता है. हालांकि, उसके बाद बाजार में सुधार आएगा. सोमवार को बाजार दिसंबर तिमाही के सकल घरेलू उत्पाद के आंकड़ों पर भी प्रतिक्रिया देगा. अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में जीडीपी की वृद्धि दर 0.4 प्रतिशत रही है.
जीडीपी आंकड़े अनुमान से कम (GDP figures lower than estimates)
इसी तरह, एचडीएफसी सिक्योरिटीज के प्रब्रंध निदेशक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी (CEO) धीरज रेली ने कहा कि तीसरी तिमाही के जीडीपी आंकड़े हमारे 0.8 प्रतिशत की बढ़ोतरी के अनुमान से कम हैं. हालांकि, कुछ अनुमानों में तो बढ़ोतरी दर 1.4 से दो प्रतिशत रहने की बात कही गई थी. इन आंकड़ों से शेयर बाजार कुछ निराश होगा. विश्लेषकों ने कहा कि इसके अलावा बाजार की निगाह ब्रेंट कच्चे तेल के रुख तथा रुपये के उतार-चढ़ाव पर भी रहेगी.
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03:40 PM IST