म्यूचुअल फंड्स को सेबी ने दी नसीहत, कहा- आप बैंक नहीं हैं, उनके जैसा नहीं करें व्यवहार
म्यूचुअल फंड को देश के टॉप 50 शहरों के अलावा दूसरे जगहों पर इस पॉपुलर बनाने के लिये और कोशिश किये जाने की जरूरत है.
सेबी ने कहा कि म्यूचअल फंड इंडस्ट्री नेट मनी फ्लो के साथ बेहतर प्रदर्शन कर रहा है.(रॉयटर्स)
सेबी ने कहा कि म्यूचअल फंड इंडस्ट्री नेट मनी फ्लो के साथ बेहतर प्रदर्शन कर रहा है.(रॉयटर्स)
मार्केट रेगुलेटर सेबी (SEBI) ने आज म्यूचुअल फंड्स (Mutual Funds) के लिए कहा कि वह बैंक नहीं हैं और उनके जैसा व्यवहार करने की कोशिश करने से बचना चाहिए. सेबी चेयरमैन अजय त्यागी ने एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (AMFI) के मेंबर को अपने संबोधन में कहा कि डेट म्यूचअल फंड (बॉन्ड, सरकारी सिक्योरिटीज जैसे निश्चित आय वाले प्रॉडक्ट में निवेश करने वाले) को हमेशा यह याद रखना चाहिए कि निवेश और लोन में अंतर है. पीटीआई की खबर के मुताबिक, उन्होंने कहा कि म्यूचुअल फंड बैंक नहीं है और उनकी तरतह व्यवहार करना उचित नहीं है.
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के चेयरमैन ने कहा कि बैंकों के उलट म्यूचुअल फंड के लिये पूंजी पर्याप्तता की जरूरत नहीं है और न ही उनके पास बैंकों के लिये रिजर्व बैंक की तरह कोई आखिरी लोन देने वाला है. उनका कहना था कि डेली बेसिस पर नेट एसेट वैल्यू (एनएवी) के रूप में उनके पोर्टफोलियो का वास्तविक प्रतिबिंब पारदर्शिता और निवेशकों के विश्वास का आधार है.
त्यागी ने यह भी कहा कि म्यूचुअल फंड को देश के टॉप 50 शहरों के अलावा दूसरे जगहों पर इस पॉपुलर बनाने के लिये और कोशिश किये जाने की जरूरत है. म्यूचअल फंड इंडस्ट्री नेट मनी फ्लो के साथ बेहतर प्रदर्शन कर रहा है. पिछले पांच साल में हर साल औसतन 1.89 लाख करोड़ रुपये का म्यूचुअल फंड में फ्लो हो रहा है.
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त्यागी ने कहा कि चालू वित्त वर्ष में अगस्त 2020 तक यह 1.99 लाख करोड़ रुपये है. त्यागी ने कहा कि म्यूचुअल फुंड स्कीम्स का आकर्षण शहरी केंद्रों की ओर है. इसलिए आने वाले समय में हमें देश के बड़े शहरों के अलावा दूसरे इलाकों में इसे लोकप्रिय बनाने के लिये और कशिश होनी चाहिए.
11:12 PM IST