निवेशकों की सुरक्षा के लिए SEBI के नए नियम, ब्रोकर के डिफॉल्ट होने पर एक्शन लेंगे एक्सचेंज
ब्रोकर के डिफॉल्टर घोषित करने से पहले अधिकतम सेटलमेंट पर फोकस होगा. इसमें ब्रोकर के करीबियों का सेटलमेंट नहीं किया जाएगा.
नए एक्शन प्लान के तहत किसी ब्रोकर के डिफॉल्ड होने की आशंका होने पर एक्सचेंज को एक्शन लेना होगा.
नए एक्शन प्लान के तहत किसी ब्रोकर के डिफॉल्ड होने की आशंका होने पर एक्सचेंज को एक्शन लेना होगा.
कार्वी स्टॉक ब्रोकिंग (Karvy Stock Broking) के डिफॉल्ट होने के बाद निवेशकों को काफी परेशानी हुई थी. भविष्य में ऐसी परेशानी न हो, इसके लिए सेबी ने बड़ा प्लान तैयार किया है.
नए एक्शन प्लान के तहत किसी ब्रोकर के डिफॉल्ड होने की आशंका होने पर एक्सचेंज को एक्शन लेना होगा. इन एक्शन में टर्मिनल बंद करने, डीमैट फ्रीज़ करने और फोरेंसिक ऑडिट के निर्देश शामिल हो सकते हैं.
इसके अलावा बैंक से और दूसरी सिक्योरिटीज़ को भी निकालने पर रोक लगेगी.
ब्रोकर के डिफॉल्टर घोषित करने से पहले अधिकतम सेटलमेंट पर फोकस होगा. इसमें ब्रोकर के करीबियों से जुड़े लोगों का सेटलमेंट नहीं किया जाएगा. स्टॉक एक्सचेंज 10 करोड़ या अधिक के फंड या सिक्योरिटी शॉर्टेज पर एक्शन लेंगे.
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सेबी के प्लान के मुताबिक, किसी ब्रोकर के डिफॉल्ट होने के स्थिति में स्टॉक एक्सचेंज को फौरन ही एक्शन लेना होगा. इन एक्शन में क्या-क्या शामिल हो सकता है, इसके लिए सेबी ने एक गाइडलाइन तैयार की है.
क्या एक्शन लेना होगा
- 3 ट्रेडिंग दिन में क्लीयरिंग/ट्रेडिंग मेंबर के डायरेक्टर से दस्तावेज तलब होगा.
- जवाब के 3 ट्रेडिंग दिन बाद एक्सचेंजे की ज्वाइंट टीम को इंस्पेक्शन करना होगा.
- इंस्पेक्शन में खाता बही, सिक्योरिटीज़ और क्लाइंट रजिस्टर, बैंक का ब्यौरे की जांच होगी.
- किसको पैसा देना है, किससे पैसा मिलना है इसका ब्यौरा भी जुटाना होगा.
- जवाब के 7 ट्रेडिंग दिन के बाद जवाब का आकलन, ज़रूरत पड़े तो टर्मिनल बंद.
- टर्मिनल बंद करने का नोटिस देना होगा, पोजीशन स्क्वैयर ऑफ कराना होगा.
- टर्मिनल बंद करने की जानकारी डिपॉजिटरीज़ को देनी होगी ताकि फ्रीज़ लगे.
- कामकाज सस्पेंड होगा, किसी और ट्रेडिंग साथ भी काम पर रोक बनी रहेगी.
- एक्सचेंज ज़रूरत लगे तो क्लीयरिंग मेंबर को बैंक गारंटी भुनाने का निर्देश देंगे.
- 15 दिन में ट्रेडिंग मेंबर के खातों की जांच के लिए फोरेंसिक ऑडिटर नियुक्त करेंगे.
- डिफाल्ट के शुरुआती संकेत दिखने के 30 दिन के भीतर सेबी को रिपोर्ट देना होगा.
- टर्मिनल फ्रीज होने के बाद डिपॉजिटरीज़ ब्रोकर के लिए नया डीमैट नहीं खोलेंगे.
- वित्तीय हालत जानकर 30 दिन में निवेशकों के पैसों के निपटारे की कोशिश.
09:05 PM IST