Vodafone के केस जीतने पर शेयर खरीदना चाहिए? जानिए क्या है अनिल सिंघवी की राय
Vodafone Plc ने पिछली तारीख से Arbitration Tax लगाने के 20,000 करोड़ रुपये के मध्यस्थता मामले में जीत हासिल की है.
यह आदेश Vodafone Idea की पेरेंट कंपनी के लिए है. (Reuters)
यह आदेश Vodafone Idea की पेरेंट कंपनी के लिए है. (Reuters)
Vodafone Plc ने पिछली तारीख से Arbitration Tax लगाने के 20,000 करोड़ रुपये के मध्यस्थता मामले में जीत हासिल की है. सूत्रों के मुताबिक हेग स्थित अंतरराष्ट्रीय अदालत ने यह व्यवस्था दी है कि आयकर विभाग (Income tax) का कदम सही नहीं है. कोर्ट के मुताबिक वोडाफोन ने पिछली तारीख से कर लगाने के 20,000 करोड़ रुपये के मध्यस्थता मामले में भारत के खिलाफ जीत हासिल की है.
इस बीच Vodafone Idea के शेयर में शुक्रवार को उछाल देखा गया. हालांकि इसमें एक ट्विस्ट है. जी बिजनेस के मैनेजिंग एडिटर अनिल सिंघवी के मुताबिक यह आदेश Vodafone Idea की पेरेंट कंपनी के लिए आया है.
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अनिल सिंघवी के मुताबिक केस जीतने के बाद अगर कोई यह समझ रहा है कि Vodafone plc इस रकम का निवेश भारत में करेगी तो ऐसा बिल्कुल नहीं है. इन्वेस्टर को इस आदेश को समझना होगा और उसके बाद ही इसके शेयर में निवेश करना चाहिए. क्योंकि यह आदेश पेरेंट कंपनी के लिए है न कि यहां रजिस्टर्ड कंपनी के लिए. इस खबर के दम पर Vodafone Idea के शेयर लेना जोखिमभरा हो सकता है.
हालांकि केंद्र सरकार के सूत्रों का कहना कि इस फैसले का मतलब यह नहीं है कि भारत को कोई हर्जाना अदा करना है. ऐसा इम्प्रेशन बनाया जा रहा है, जो पूरी तरह गलत है.
आर्बिट्रेशन मामले में वोडाफोन PLC को ₹20,000 करोड़ की राहत#VodafoneGroupPlc @AnilSinghvi_ pic.twitter.com/EeYJEHgYUv
— Zee Business (@ZeeBusiness) September 25, 2020
ट्रिब्यूनल ने अपने फैसले में कहा कि भारत सरकार को वोडाफोन से बकाया मांगना बंद करना चाहिए और कानूनी लड़ाई लड़ने में हुए खर्च के आंशिक मुआवजे के तौर पर कंपनी को 54.7 लाख डॉलर का भुगतान करना चाहिए. इस मामले में भारत सरकार को 85 करोड़ रुपए अदा करने होंगे.
12:56 PM IST