सरकार के टैक्स बोनांजा से झूमा बाजार, समझारी से करें निवेश, मिलेगा मोटा मुनाफा
वित्त मंत्री ने कंपनियों को शेयर बायबैक (share buyback) पर राहत दी है. शेयर बायबैक टैक्स से छूट देने का ऐलान किया है. शेयर बायबैक पर 20% टैक्स लगता है.
पिछले हफ्ते वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने देश की अर्थव्यवस्था को बूस्ट का डोज दिया था. उन्होंने कॉरपोरेट जगत को 1.5 लाख करोड़ का राहत पैकेज की घोषणा की थी.
पिछले हफ्ते वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने देश की अर्थव्यवस्था को बूस्ट का डोज दिया था. उन्होंने कॉरपोरेट जगत को 1.5 लाख करोड़ का राहत पैकेज की घोषणा की थी.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने इकोनॉमी को टैक्स बोनांजा (tax bonanza) दिया है. वित्त मंत्री (Finance Minister) के बूस्टर डोज ने मार्केट को भी रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंचा दिया है. सरकार ने निवेश (Investment) के लिए भारत के बाजार खोल दिए हैं. कॉरपोरेट टैक्स में कटौती से न केवल इकोनॉमी में बूस्ट आएगा, साथ ही रोजगार के नए रास्ते खुलेंगे. मार्केट एक्सपर्ट मानते हैं कि इस समय बाजार में निवेश का एक अच्छा मौका है.
बता दें कि पिछले हफ्ते वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने देश की अर्थव्यवस्था (Indian Economy) को बूस्ट का डोज दिया था. उन्होंने कॉरपोरेट जगत (Corporate Sector) को 1.5 लाख करोड़ का राहत पैकेज की घोषणा की थी. सरकार ने कॉरपोरेट टैक्स (Corporate tax) को घटाने का प्रस्ताव रखा और MAT को पूरी तरह खत्म करने का ऐलान किया. बिना किसी छूट के कॉरपोरेट टैक्स 22 फीसदी कर दिया गया है. सेस और सरचार्ज (surcharge) के साथ यह टैक्स 25.17% होगा. पहले कंपनियों को 30 फीसदी कॉरपोरेट टैक्स देना पड़ता था. टैक्स पर सरचार्ज 10 फीसदी और सेस 4 फीसदी लगता है.
वित्त मंत्री ने बताया कि इक्विटी कैपिटल गेन्स (Capital gain) पर सरचार्ज नहीं लगेगा और FPIs पर कैपिटल गेन्स टैक्स नहीं वसूला जाएगा. सरकार ने मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों के लिए टैक्स घटाया है और शेयर बायबैक पर लगने वाले 20 फीसदी का टैक्स को हटा लिया है.
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— Zee Business (@ZeeBusiness) September 23, 2019
किसे मिलेगा फायदा
सरकार के इस कदम से उन घरेलू कंपनियों को फायदा मिलेगा जो 30 फीसदी कॉरपोरेट टैक्स स्लैब में आती हैं. कंपनियों को अपनी कमाई पर कॉरपोरेट टैक्स देना पड़ता है. इसके दायरे में दायरे में प्राइवेट, लिमिटेड या लिस्टेड, अनलिस्टेड कंपनियां आती हैं. हां, इतना जरूर है कि टैक्स छूट का फायदा लेने वाली कंपनियों को सरकार से अन्य लाभ नहीं मिलेंगे.
नए निवेश पर राहत
नया निवेश करने वाली घरेलू कंपनियों को भी राहत मिलेगी. जो कारोबारी 1 अक्टूबर, 2019 के बाद मैन्युफैक्चरिंग कंपनी स्थापित करते हैं, उन्हें 15% की दर से टैक्स देना होगा. सरचार्ज और सेस लगने के बाद टैक्स की प्रभावी दरें 17.10 फीसदी होंगी. अभी नये निवेशकों को 25% की दर से टैक्स देना होता है. जो घरेलू कंपनी प्रोडक्शन 31 मार्च, 2023 के बाद शुरू करती हैं, ऐसी कंपनियों को नई दरों का फायदा नहीं मिलेगा.
MAT पर राहत
सरकार ने मिनिमम अल्टरनेट टैक्स (MAT) में राहत दी है. मौजूदा 18.5 फीसदी के बदले 15 फीसदी की दर से MAT देना होगा. नई दर के साथ सरचार्ज और सेस भी जुड़ेगा. MAT उन कंपनियों पर लगता है जो रियायतें लेती हैं. ऐसी कंपनियां के मुनाफे पर टैक्स देनदारी कम हो जाती है.
मौजूदा समय में मुनाफे पर 18.5 फीसदी तक MAT देना होता है.
MAT पर राहत से विदेशी कंपनियां को फायदा मिलेगा. विदेशी कंपनियां टैक्स के चलते भारत में निवेश से कतराती हैं. इससे विदेशी निवेशकों का भारतीय बाजार में रुझान बढ़ सकता है.
कैपिटल गेन पर राहत
वित्त मंत्री ने कैपिटल गेन्स (Capital gain) पर भी राहत दी है. कैपिटल गेन्स पर सरचार्ज (surcharge on capital gain) हटा दिया गया है. बजट में लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स (LTCG) पर सरचार्ज बढ़ा दिया था.
सरकार के इस कदम से शेयर/इक्विटी म्यूचुअल फंड (Mutual Funds) में निवेश करने वालों को फायदा मिलेगा. निवेशक जब शेयर या म्यूचुअल फंड बेचता है, उसकी बिक्री पर मुनाफा ही कैपिटल गेन होता है. कैपिटल गेन पर ही सरकार सरचार्ज वसूलती है.
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कैपिटल गेन लॉन्ग टर्म (LTCG) और शॉर्ट टर्म (STCG) होते हैं. 3 साल से कम समय में फंड बेचा तो शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन कहलाता है. 3 साल से ज्यादा वक्त में बेचा तो लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन होता है. शेयर के मामले में लॉग्न टर्म 1 साल से ज्यादा को मानते हैं.
बायबैक पर राहत
वित्त मंत्री ने कंपनियों को शेयर बायबैक (share buyback) पर राहत दी है. शेयर बायबैक टैक्स से छूट देने का ऐलान किया है. शेयर बायबैक पर 20% टैक्स लगता है. 5 जुलाई, 2019 से पहले शेयर बायबैक करने वाली कंपनियों को राहत दी गई है. शेयर बायबैक करने वाली कंपनियों को फायदा मिलेगा.
कंपनियां निवेशकों से अपने ही शेयर खरीदती हैं. प्रक्रिया पूरी होने के बाद इन शेयरों का वजूद नहीं होता है. इसे बायबैक कहते हैं. आमतौर पर बैलेंस शीट में अतिरिक्त नकदी होने पर बायबैक किया जाता है.
नये निवेशक क्या करें
सरकार की घोषणाओं के बाद निवेशकों का मूड बदला है. मौजूदा निवेशक कुछ हद तक बुकिंग कर सकते हैं. पोर्टफोलियो का 15-20% से ज्यादा बुकिंग न करें.
09:16 PM IST