LIC IPO: सरकार LIC के लिए चाहती है 8 से 10 लाख करोड़ रुपये का वैल्यूएशन, 5-10 फीसदी हिस्सेदारी बेचने पर विचार
LIC IPO: सरकार एलआईसी में 5-10 फीसदी हिस्सेदारी बेचने पर विचार कर रही है.
माना जा रहा है कि यह देश का अब तक का सबसे बड़ा IPO होगा. (फोटो: DNA)
माना जा रहा है कि यह देश का अब तक का सबसे बड़ा IPO होगा. (फोटो: DNA)
LIC IPO: सरकार लाइफ इंश्योरेंस कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (LIC) के लिए 8 लाख करोड़ रुपये (109 अरब डॉलर) से 10 लाख करोड़ रुपये के बीच वैल्यूएशन चाहती है. माना जा रहा है कि यह देश का अब तक का सबसे बड़ा IPO होगा. मामले की जानकारी रखने वाले लोगों के मुताबिक, सरकार कंपनी में 5- 10 फीसदी हिस्सेदारी बेचने पर विचार कर रही है, जो 400 अरब रुपये से 1 लाख करोड़ रुपये तक जुटा सकती है.
10 लाख करोड़ रुपये का वैल्यूएशन चाहती है सरकार
रिपोर्ट में कहा गया है कि संभावित मूल्यांकन (LIC Valuation) प्रारंभिक बातचीत पर आधारित है और आगे की चर्चा, उचित परिश्रम और एक आधिकारिक वैल्यूएशन रिपोर्ट के बाद बदल सकता है. वहीं यह वैल्यूएशन जेफरीज के 19 ट्रिलियन रुपये के अनुमान से काफी कम है, लेकिन आरबीएसए एडवाइजर्स सहित दूसरे के अनुरूप लगभग 10 ट्रिलियन रुपये से 11.6 ट्रिलियन रुपये है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार LIC के आईपीओ को आगे बढ़ा रही है, जिससे राजकोषीय घाटे के अंतर को कम करने में मदद मिल सके. दरअसल सरकार का लक्ष्य मार्च तक विनिवेश के जरिए 1.75 ट्रिलियन रुपये जुटाना है. एलआईसी की बिक्री सरकार के इस लक्ष्य के लिए अहम है. वहीं सरकार इसमें प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) की अनुमति दे सकती है.
पिछले दिनों 10 मर्चेंट बैंकर हुए नियुक्त
पिछले दिनों सरकार ने गोल्डमैन सैक्स (इंडिया) सिक्योरिटीज, सिटीग्रुप ग्लोबल मार्केट्स इंडिया और नोमुरा फाइनेंशियल एडवाइजरी एंड सिक्योरिटीज इंडिया सहित 10 मर्चेंट बैंकरों को नियुक्त किया है. इसमें एसबीआई कैपिटल मार्केट, जेएम फाइनेंशियल, एक्सिस कैपिटल, बोफा सिक्योरिटीज, जेपी मॉर्गन इंडिया, आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज और कोटक महिंद्रा कैपिटल कंपनी लिमिटेड भी शामिल हैं.
इंश्योरेंस सेक्टर में FDI को मिली थी मंजूरी
गौरतलब है कि इससे पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने केंद्रीय बजट 2021-22 में ही इंश्योरेंस सेक्टर में 74 फीसदी FDI की मंजूरी दी थी. पहले ये लिमिट 49 फीसदी थी. हालांकि इसका LIC पर कोई प्रभाव नहीं होने वाला था, क्योंकि LIC सरकार के स्वामित्व वाली कंपनी है, जिसका गठन संसद में पास एक कानून के जरिए हुआ है. ऐसे में LIC में FDI की मंजूरी के लिए सरकार को अलग से मंजूरी लेनी होगी.
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09:39 PM IST