विदेशी बाजार में भी लिस्ट हो सकेंगी भारतीय कंपनियां, सरकार का बड़ा फैसला
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने एक बड़े निर्णय के तहत भारतीय कंपनियों को विदेशी बाजारों में शेयर लिस्ट कराने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है.
मौजूदा समय में भारतीय कंपनियों को विदेश से फंड जुटाने के लिए डिपोजिटरी रिसीट की जरूरत पड़ा है.
मौजूदा समय में भारतीय कंपनियों को विदेश से फंड जुटाने के लिए डिपोजिटरी रिसीट की जरूरत पड़ा है.
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने एक बड़े निर्णय के तहत भारतीय कंपनियों को विदेशी बाजारों में शेयर लिस्ट कराने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. इस निर्णय के अनुसार ऐसी भारतीय कंपनयां भी विदेश में लिस्टिंग के लिए आवेदन कर सकती हैं जो भारत में सूचीबद्ध नहीं हैं. मौजूदा समय में भारतीय कंपनियों को विदेश से फंड जुटाने के लिए डिपोजिटरी रिसीट की जरूरत पड़ा है. भारतीय नागरिक सिर्फ भारतीय शेयर बाजार में ही सीधे निवेश कर सकते हैं.
विदेश में डिपोजिटरी रिसीट के जरिए पैसा जुटाने वाली कंपनियों में इंफोसिस, आईसीआईसआई बैंक, एचडीएफसी बैंक और रिलायंस इंडस्ट्रीज जैसे दिग्गज शामिल हैं. इन्होंने एडीआर और जीडीआर के जरिए विदेश से फंड जुटाया है.
इस नयी व्यवस्था के लिये कंपनी कानून, 2013 के तहत उपयुक्त प्रवाधान बनाये जाएंगे. फिलहाल कुछ ही भारतीय कंपनियां केवल अपने अमेरिकी डिपाजिटरी रसीद (ADR) और ग्लोबल डिपोजिटरी रिसीट (GDR) अमेरिका और कुछ अन्य बाजारों में सूचीबद्ध कराती रही हैं. इन कंपनियों के डिपोजिटरी रसीद कंपनी के भारत में सूचीबद्ध शेयरों के आधार पर विदेशी मुद्रा में उल्लेखित प्रतिभूति/उत्पाद होते हैं.
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इससे जो कंपनियां अपने कारोबार का विस्तार करना चाहती हैं उन्हें पैसा जुटाने का अतिरिक्त विकल्प मिलेगा. साथ ही विदेशों में सूचीबद्धता से देश में और पूंजी लाने में मदद मिलेगी.
कॉरपोट मामलों के सचिव इंजेती श्रीनिवास ने कहा कि कानून में सूचीबद्धता तथा भारत गैर-सूचीबद्ध कंपनियों को अपने शेयर विदेशों में सूचीबद्ध कराने को लेकर उयपुक्त प्रावधान होगा. यह प्रावधान कुछ शर्तों पर निर्भर करेगा.
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उन्होंने कहा कि संबंधित नियम में कंपनियों की श्रेणी, उत्पादों का प्रकार जिसे सूचीबद्ध कराया जा सकता है और अन्य चीजों को अधिसूचित किया जाएगा. इस योजना के क्रियान्वयन में कुछ महीने का समय लग सकता है.
05:15 PM IST