भारत ने रूस से बढ़ाई तेल खरीद, पश्चिम एशिया से भी आगे निकला जून में आयात
इजरायल-ईरान संघर्ष और अमेरिकी हमले के बीच भारत ने जून में रूस से सबसे ज्यादा कच्चा तेल खरीदा. यह खरीद सऊदी, इराक, यूएई जैसे पश्चिम एशियाई देशों से अधिक रही. रूस से 20–22 लाख बैरल प्रतिदिन आयात हुआ, जो दो साल में सबसे ऊंचा आंकड़ा है.
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10:00 AM IST
इजरायल और ईरान के बीच बढ़ते तनाव और अमेरिकी सैन्य हस्तक्षेप के बीच भारत ने अपनी तेल खरीद रणनीति में बड़ा बदलाव किया है. जून महीने में भारत ने रूस से जितना कच्चा तेल खरीदा, वह सऊदी अरब, इराक, यूएई और कुवैत जैसे पारंपरिक आपूर्तिकर्ताओं से अधिक रहा. यह एक ऐसा कदम है जो भारत की ऊर्जा रणनीति में भू-राजनीतिक बदलाव को दर्शाता है.
अमेरिका ने किया हमला
13 जून को इजरायल द्वारा ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमले के बाद से हालात और बिगड़े. इसके जवाब में अमेरिका ने भी रविवार सुबह ईरान के तीन ठिकानों पर हमला किया, जिससे वैश्विक तेल आपूर्ति को लेकर चिंता और अस्थिरता बढ़ गई. लेकिन इसी अनिश्चित माहौल के बीच भारत ने रूस से तेल की खरीद को और बढ़ा दिया.
वैश्विक व्यापार विश्लेषक कंपनी केपलर के अनुसार, जून महीने में भारत की रिफाइनरी कंपनियों ने रूस से रोजाना 20 से 22 लाख बैरल कच्चा तेल आयात किया. यह पिछले दो वर्षों का सबसे अधिक स्तर है. मई में यह आंकड़ा 19.6 लाख बैरल प्रतिदिन था. यह स्पष्ट करता है कि रूस से तेल खरीद तेजी से बढ़ रही है, जबकि पश्चिम एशिया से आयात में थोड़ी गिरावट आई है.
रूस से ज्यादा तेल खरीद रहा इंडिया
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रूस से बढ़ती तेल खरीद के पीछे मुख्य कारण उसका सस्ता दाम है. फरवरी 2022 में रूस के यूक्रेन पर हमले के बाद पश्चिमी देशों ने उस पर कई आर्थिक प्रतिबंध लगाए. इसके चलते रूसी कच्चा तेल अंतरराष्ट्रीय बाजार के मुकाबले सस्ते दामों में बिकने लगा. भारत ने इस अवसर का लाभ उठाते हुए अपने आयात का बड़ा हिस्सा रूस से लेना शुरू कर दिया.
एक समय था जब भारत का रूस से तेल आयात कुल खरीद का एक प्रतिशत भी नहीं था. लेकिन अब यह 40 से 44 प्रतिशत तक पहुंच चुका है. इससे भारत को अपने आयात बिल को कम करने में मदद मिल रही है और रिफाइनरियों को लागत में राहत मिल रही है.
क्या कहते हैं आंकड़े?
केपलर के आंकड़ों के अनुसार, जून में पश्चिम एशिया से कुल तेल आयात 20 लाख बैरल प्रतिदिन रहने का अनुमान है, जो पिछले महीने से कम है. वहीं अमेरिका से भी भारत का तेल आयात बढ़ा है. मई में जहां अमेरिका से 2.8 लाख बैरल प्रतिदिन तेल आया था, वहीं जून में यह बढ़कर 4.39 लाख बैरल प्रतिदिन हो गया.
भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा कच्चा तेल आयातक और उपभोक्ता देश है. वह रोजाना लगभग 51 लाख बैरल कच्चा तेल विदेशों से खरीदता है और उसे पेट्रोल, डीजल जैसे ईंधन में बदलता है. रूस से बढ़ती खरीद यह भी दर्शाती है कि भारत बदलती वैश्विक परिस्थितियों में अपने ऊर्जा स्रोतों को लचीले ढंग से मैनेज कर रहा है ताकि कीमतें स्थिर रहें और आपूर्ति में बाधा न आए.
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