Editor's Take: ये बाजार चलता क्यों नहीं? अनिल सिंघवी ने क्यों कहा- ये बिकवाली कॉन्फिडेंस हिलाने वाली?
Editor's Take: मार्केट गुरु अनिल सिंघवी ने कहा कि आज के बड़े सवाल हैं कि ट्रंप के मेटल पर नए टैरिफ का क्या होगा असर? मिड-स्मॉलकैप शेयरों में कोहराम कब तक दिखेगा? किसी भी अच्छी खबर पर ये बाजार चलता क्यों नहीं? क्यों फिर बेचने आ गए FIIs?
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Editor's Take: घरेलू शेयर बाजारों में बड़ा दबाव बनता हुआ नजर आ रहा है. ग्लोबल बाजारों में ट्रेड वॉर के चलते अनिश्चितता बनी हुई है. और इसके चलते घरेलू बाजारों में अच्छी खबरों के बावजूद तेजी नहीं आ रही है. वहीं, FIIs (विदेशी संस्थागत निवेशक) फिर से बिकवाली कर रहे हैं. ऐसे में निवेशकों के मन में सवाल है कि आगे का मार्केट आउटलुक कैसा है. मार्केट गुरु अनिल सिंघवी ने कहा कि आज के बड़े सवाल हैं कि ट्रंप के मेटल पर नए टैरिफ का क्या होगा असर? मिड-स्मॉलकैप शेयरों में कोहराम कब तक दिखेगा? किसी भी अच्छी खबर पर ये बाजार चलता क्यों नहीं? क्यों फिर बेचने आ गए FIIs?
ट्रंप के मेटल पर नए टैरिफ का क्या होगा असर?
अमेरिकी बाजार बंद होने के बाद टैरिफ लगाने का ऐलान हुआ. ट्रंप ने स्टील और एल्युमीनियम के सभी इंपोर्ट पर 25% टैरिफ लगाया है. इस बार टैरिफ किसी एक देश पर नहीं बल्कि प्रोडक्ट्स पर लगाया है. जो भी देश अमेरिका को ये प्रोडक्ट बेचते हैं उन्हें नुकसान होगा. इस बार मामला ज्यादा गंभीर है. जो कहा वो तुरंत कर दिया. पूरा 25% टैरिफ लगाया है. किसी भी देश को नहीं छोड़ा. एक महीने की मोहलत पाने वाले कनाडा, मेक्सिको पर भी टैरिफ लगेगा
मिड-स्मॉलकैप शेयरों में कोहराम कब तक?
अनिल सिंघवी ने कहा कि एक दिग्गज फंड मैनेजर के वीकेंड पर डराने वाले भाषण से नया दबाव बना. फंड मैनेजर्स का मानना इतना गिरने के बाद भी मिड-स्मॉलकैप सस्ते नहीं हैं. रिटेल निवेशक जो शेयर अभी भी प्रॉफिट में हैं, उन्हें बेच रहे हैं. बड़ी समस्या मार्जिन फंडिंग वाले शेयरों में बिकवाली की. मार्जिन कॉल आने से प्रोमोटर, HNI इन्वेस्टर, प्रोपराइटरी ब्रोकर्स के शेयरों को फाइनेंसर्स बेच रहे हैं. ये सब बड़े लोग बेचें तो खरीदे कौन. बिकवाली का दबाव और खरीदारी का अभाव भारी पड़ रहा है.
किसी भी अच्छी खबर पर ये बाजार चलता क्यों नहीं?
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मंदी के मार्केट का ये बड़ा लक्षण है. हर अच्छी खबर पर बिकवाली होती है, ठीक वैसे ही जैसे तेजी में हर बुरी खबर पर खरीदारी होती है. कभी ट्रंप, कभी FIIs, कभी खराब नतीजे, बाजार गिरने की वजह ढूंढ ही लेता है.
क्यों फिर बेचने आ गए FIIs?
FIIs की बार-बार लौटती बिकवाली कॉन्फिडेंस हिलाने वाली है. कल भी कैश, इंडेक्स और स्टॉक फ्यूचर्स मिलाकर ₹6300 करोड़ की बिकवाली की. छोटी बिकवाली पर भी अब बाजार में असर ज्यादा दिख रहा है. घरेलू फंड्स ने भी खरीदारी की मात्रा कम की है.
EDITOR'S TAKE
RBI का OMO की राशि दोगुना करना बैंकों के लिए पॉजिटिव है. ट्रंप का टैरिफ लगाना मेटल्स के लिए निगेटिव है. कल आए नतीजे भी ज्यादा दमदार नहीं है. निफ्टी 23300, बैंक निफ्टी 49700 के नीचे बंद हो तो कमजोरी बढ़ेगी.
09:08 AM IST