Crude इस साल 58% महंगा, अभी और बढ़ेगा उबाल; कहां बनेंगे निवेश के मौके, किन सेक्टर को होगा नुकसान
Brent Crude अपने 3 साल के हाई पर पहुंच गया है. ब्रेंट क्रूड ने आज के कारोबार में 80 डॉलर प्रति बैरल का स्तर पार लिया है. क्रूड में इस साल 58 फीसदी और बीते 1 साल में 75 फीसदी की तेजी आई है.
एक्सपर्ट और ब्रोकरेज हाउस का कहना है कि यहां से क्रूड में 10 से 12 फीसदी की तेजी संभव दिख रही है. (reuters)
एक्सपर्ट और ब्रोकरेज हाउस का कहना है कि यहां से क्रूड में 10 से 12 फीसदी की तेजी संभव दिख रही है. (reuters)
Brent Crude Latest Price: इंटरनेशनल मार्केट में कच्चा तेल (Brent Crude) अपने 3 साल के हाई पर पहुंच गया है. ब्रेंट क्रूड ने आज के कारोबार में 80 डॉलर प्रति बैरल का स्तर पार लिया है. क्रूड में इस साल 58 फीसदी और बीते 1 साल में 75 फीसदी की तेजी आई है. एक्सपर्ट और ब्रोकरेज हाउस का कहना है कि जिस तरह का माहौल बना है, क्रूड में यह तेजी अभी और बढ़ेगी. यहां से क्रूड में 10 से 12 फीसदी की तेजी संभव दिख रही है. फिलहाल क्रूड का इस्तेमाल कई सेक्टर में किया जाता है. इस वजह से इसके सस्ते या महंगे होने पर वे सेक्टर सीधे तौर पर प्रभावित होते हैं. इससे आपके निवेश पर भी असर होता है. कुछ जगह नए मौके बनते हैं तो कुछ सेक्टर से दूर रहने में भलाई है.
क्रूड 100 डॉलर तक होगा महंगा!
गोल्डमैन सैक्स के मुताबिक साल 2021 के अंत तक ब्रेंट क्रूड का भाव 90 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच सकता है. रिसर्च रिपोर्ट के मुताबिक लॉकडाउन खुलने के बाद बीते कुछ समय में लोगों की आवाजाही बढ़ी है. इससे तेल की मांग भी बढ़ रही है. अमेरिका में आए तूफान आईडा की तबाही से भी क्रूड की सप्लाई पर असर पड़ा है. गोल्डमैन ने अपने अनुमान में कहा है, जितनी उम्मीद की जा रही थी, उससे कहीं ज्यादा मांग और सप्लाई में अंतर बढ़ा है.
वहीं बैंक ऑफ अमेरिका ने अपनी रिपोर्ट में अग्रले 6 महीने में क्रूड के 100 डॉलर प्रति बैरल तक जाने का अनुमान जताया है. रिपोर्ट के अनुसार विंटर सीजन में क्रूड की हमेशा डिमांड बढ़ जाती है. जबकि अभी सप्लाई साइड से चिंता बनी हुई है. सप्लाई का कंसर्न बना रहा तो क्रूड का भाव 100 डॉलर तक पहुंच सकता है.
केडिया कमोडिटी के डायरेक्टर अजय केडिया का कहना है कि क्रूड में मौजूदा भाव से 12 से 15 फीसदी की तेजी संभव है. सितंबर महीने में अमेरिका में 2 बड़े तूफान आए थे, जिससे वहां प्रोडक्शन प्रभावित हुआ है. इन्वेंट्री घटने से सप्लाई का कंसर्न बना है. दूसरी ओर दुनियाभर में इकोनॉमिक एक्टिविटी बढ़ने से डिमांड बढ़ी है. इससे क्रूड की कीमतों को सपोर्ट मिल रहा है.
क्रूड महंगा होने से क्या होगा असर
क्रूड महंगा होता है तो भारत के लिए इसका आयात महंगा पड़ेगा. भारत अपनी जरूरतों का 80 फीसदी से ज्यादा क्रूड आयात करता है. इससे आने वाले दिनों में तेल कंपनियां पेट्रोल और डीजल महंगा करने के लिए मजबूत होंगी. इससे माल ढुलाई महंगा होगा तो इनफ्लेशन बढ़ेगा. महंगाई दर बढ़ना सबसे बड़ी चिंता होगी. यह ओवरआल इकोनॉमी के लिए निगेटिव है.
क्रूड महंगा होने पर सीधे तौर पर वे कंपनियां या सेक्टर प्रभावित होंगे जहां इसका इस्तेमाल किया जाता है. जो कंपनियां प्रोडक्शन या अन्य कामों के लिए रॉ मटेरियल के रूप में इसका इस्तेमाल करती हैं, उन्हें नुकसान होगा. इसमें पेंट कंपनियां, बैटरी बनाने वाली कंपनियां, टायर कंपनियां, एफएमसीजी कंपनियां, एविएशन कंपनियां, सीमेंट कंपनियां, लॉजिस्टिक कंपनियां, स्टील कंपनियां शामिल हैं.
वहीं ऑयल एक्सप्लोरेशन कंपनियों को इससे फायदा होगा. जबकि रिफाइनरी कंपनियों पर कोई असर नहीं होगा. जबकि आयल मार्केटिंग कंपनियां यानी OMC को इसके चलते नुकसान होगा. कई आटो कंपनियां अब इलेक्ट्रिक व्हीकल पर फोकस कर रही हैं. ऐसे मे क्रूड की कीमतें बढ़ने से उन पर असर कुछ कम होगा.
12:16 PM IST