28 दिन बाद तैयार हो सकती है कोरोना वायरस की दवा! भारत की इस फार्मा कंपनी को मिली बड़ी मंजूरी
भारत की एक कंपनी कोरोना वायरस की दवा तैयार करने में जुट गई है. कंपनी को दवा का क्लिनिकल ट्रायल करने भी मंजूरी मिल गई है. कंपनी ने अपने बयान में कहा कि उसने इस दवा के लिए कच्चा माल (API) आंतरिक तौर पर तैयार कर लिया है.
ग्लेनमार्क फार्मा ने दावा किया कि DCGI से ऐसी मंजूरी पाने वाली वह देश की पहली कंपनी है.
ग्लेनमार्क फार्मा ने दावा किया कि DCGI से ऐसी मंजूरी पाने वाली वह देश की पहली कंपनी है.
महामारी कोरोना वायरस की दवा जल्द बनने की उम्मीद है. दुनियाभर में कई जगह अलग-अलग ड्रग के क्लिनिकल ट्रायल चल रहे हैं. इस बीच भारत के लिए काफी अच्छी खबर है. भारत की एक कंपनी कोरोना वायरस की दवा तैयार करने में जुट गई है. कंपनी को दवा का क्लिनिकल ट्रायल करने भी मंजूरी मिल गई है. ग्लेनमार्क फार्मास्युटिकल (Glenmark Pharmaceuticals) को ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) से कोविड-19 मरीजों के इलाज के लिए फैविपिराविर (Favipiravir) एंटीवायरस टैबलेट के क्लिनिकल ट्रायल की मंजूरी मिली है.
मंजूरी पाने वाली देश की पहली कंपनी
ग्लेनमार्क फार्मा ने दावा किया कि DCGI से ऐसी मंजूरी पाने वाली वह देश की पहली कंपनी है. फैविपिराविर एक वायरल-रोधी दवा है. इंफ्लूएंजा वायरस के खिलाफ इस दवा ने सही प्रतिक्रिया दिखाई है. क्लिनिकल ट्रायल मिलने की खबर से गुरुवार को कारोबार के दौरान ग्लेनमार्क के शेयरों में 9 फीसदी की तेजी देखने को मिली है. कंपनी ने मंजूरी मिलने की जानकारी BSE को दी है.
API और फॉर्मूलेशन भी तैयार
कंपनी ने अपने बयान में कहा कि उसने इस दवा के लिए कच्चा माल (API) आंतरिक तौर पर तैयार कर लिया है. इसका यौगिक (फॉर्मूलेशन) भी उसने ही विकसित किया है. कंपनी ने DCGI से क्लिनिकल ट्रायल की मंजूरी मांगी थी. यह मंजूरी कोरोना वारयस से आंशिक तौर पर संक्रमित मरीजों पर परीक्षण के लिए मांगी गई थी. फैविपिराविर एक वायरल-रोधी दवा है. इंफ्लूएंजा वायरस पर यह दवा काफी कारगार है. जापान में इंफ्लूएंजा वायरस के इलाज के लिए इस दवा के इस्तेमाल की अनुमति है.
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28 दिन का होगा ट्रायल
नियमों के मुताबिक, कंपनी कोरोना वायरस से संक्रमित चुनिंदा 150 मरीजों पर इसका परीक्षण करेगी. मरीज पर परीक्षण की अवधि 14 दिन से ज्यादा नहीं होगी. क्लिनिकल ट्रायल का पूरा प्रोसेस 28 दिन से ज्यादा नहीं होगा. पिछले कुछ महीनों में चीन, जापान और अमेरिका में कोरोना वायरस के मरीजों पर इस तरह के कई प्रायोगिक परीक्षण किए गए हैं. अगर ग्लेनमार्क फार्मा का यह ट्रायल सफल होता है तो निश्चित तौर पर एक महीने बाद मतलब जून में इस दवा की मैन्युफैक्चरिंग शुरू हो जाएगी. साथ ही बेचने के लिए एमरजेंसी मंजूरी ली जा सकेगी.
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33 हजार हुए मरीज
भारत में कोरोना वायरस के संक्रमित मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है. स्वास्थ्य मंत्रालय की ताजा जानकारी के मुताबिक, देश में कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़कर 33050 हो गई है. इनमें 23651 एक्टिव केस हैं. कोरोना से अब तक 1074 लोगों की जान जा चुकी है और 8324 मरीज ठीक होकर घर लौट चुके हैं.
03:35 PM IST