अनिल सिंघवी ने Rakesh Jhunjhunwala को दी श्रद्धांजलि, बताई 46 हजार करोड़ के साम्राज्य बनाने की कहानी
Rakesh Jhunjhunwala: जी बिजनेस के मैनेजिंग एडिटर अनिल सिंघवी ने कहा कि राकेश झुनझुनवाला ने ट्रेडिंग को हमेशा इन्वेस्टमेंट से अलग रखा. वे लंबी अवधि के लिए निवेश पर भरोसा करते थे. उन्होंने सही तरीक से बाजार से पैसा कमाया.
Rakesh Jhunjhunwala: भारतीय शेयर बाजार के बिग बुल राकेश झुनझुनवाला की मौत की खबर से बाजार में सन्नाटा है. वे रिटेल निवेशकों के लिए मसीहा कहे जाते थे. उनके लिए यह बहुत बुरी खबर है. उनको याद करते हुए जी बिजनेस के मैनेजिंग एडिटर अनिल सिंघवी ने अपने दिल की बात शेयर की. उन्होंने कहा कि झुनझुनवाला सही मायने में उन लोगों के लिए एक प्रेरणा की तरह थे जो सही तरीके से और लंबी अवधि के लिए निवेश करके बाजार से अच्छा पैसा कमाना चाहते थे. निवेशकों को उनकी सबसे बड़ी शिक्षा सही तरीके से पैसा कमाना है. झुनझुनवाला ऐसे निवेशकों में एक थे, जिन्होंने सही तरीके से बाजार से पैसा कमाया. उन्होंने एक बड़ा साम्राज्य खड़ा किया और वे अभी भी वेल्थ बनाने में सक्षम थे. वर्तमान में उनकी दौलत करीब 46 हजार करोड़ की है.
मार्केट गुरु सिंघवी ने कहा कि उनसे एक और बात सीखने लायक है. अगर शेयर बाजार से पैसा कमाना चाहते हैं तो लंबी अवधि के निवेशक बनें. इसके तमाम उदाहरण मौजूद हैं. लंबी अवधि के निवेशक बनकर उन्होंने खूब कमाई की. बाजार में ऐसे निवेशक आते हैं जो जल्दबाजी में होते हैं और शॉर्ट टर्म में पैसा बनाना चाहते हैं.
निवेश को ट्रेडिंग से अलग रखा
बहुत कम ऐसे निवेशक हैं जो सफलतापूर्वक निवेश को ट्रेडिंग से अलग कर पाए. वे न केवल एक लंबी अवधि के निवेशक थे, बल्कि एक बड़े ट्रेडर भी थे. उनका भारत की सफलता पर अटूट विश्वास था. उनका देश की अर्थव्यवस्था पर इतना ज्यादा विश्वास था कि यह विश्वास राजनेताओं में भी कम पाया जाता है.
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— Zee Business (@ZeeBusiness) August 16, 2022
नहीं रहे शेयर बाजार के जानेमाने निवेशक और बिग बुल राकेश झुनझुनवाला
असल जिंदगी में कैसे थे बाजार के बिग बुल राकेश झुनझुनवाला ?
राकेश झुनझुनवाला की जिंदगी से क्या है सीखने वाली बात?#Rakeshjhunjhunwala @AnilSinghvi_ pic.twitter.com/BbbrP8vBAr
प्रमोटर को भांप लेते थे झुनझुनवाला
सिंघवी ने आगे कहा कि वर्तमान में देश में 10 करोड़ से अधिक डीमैट अकाउंट हैं और इनमें से ज्यादातर महामारी के दौरान खोले गए थे. उन्होंने हमेशा कहा है कि भारतीय बाजार अपने घरेलू पैसे से चलेंगे. वे कंपनी के प्रमोटर को जल्दी भांप लेते थे. उनकी सफलता में इसका बड़ा योगदान है. वे उन चुनिंदा निवेशकों में से एक थे जो समय के साथ आगे बढ़ते गए.
प्रफेशनल लोग बाजार में आने लगे
झुनझुनवाला की एंट्री के बाद बाजार में प्रफेशनल लोगों की एंट्री हुई. उससे पहले केवल ट्रेडर्स का बाजार पर दबदबा होता था. रामदेव अग्रवाल और उदयक कोटक इसके दो बड़े उदाहरण हैं. वे अजीम प्रेमजी की तरह एक बहुत बड़े परोपकारी भी थे.
25 फीसदी दौलत दान में दे दी
सिंघवी ने राकेश झुनझुनवाला का वह इंटरव्यू भी याद किया जिसमें उन्होंने कहा था कि वे अपनी दौलत का 25 फीसदी दान दे देंगे. वे हमेशा कहते थे कि उनके चार बच्चे हैं. तीन बच्चों को उन्होंने जन्म दिया है और चौथा उनका परोपकार था. इसलिए परोपकार के काम में उन्होंने 25 फीसदी दान देने का फैसला किया.
03:57 PM IST