5 प्वाइंट में समझिए अडानी ग्रुप का पूरा मामला क्या है- आखिर हुआ क्या, क्यों टूटे शेयर? जानिए सारे जवाब
Adani Group Stocks: अडानी ग्रुप दो दिन से चर्चा में है. दरअसल, सोमवार सुबह शेयर बाजार खुलने से ठीक पहले अडानी ग्रुप के तीन विदेशी निवेशकों के डीमैट अकाउंट को फ्रीज करने की खबर आई.
ग्रुप ने कहा कि यह जान बूझकर निवेशकों को हतोत्साहित करने की खबर प्रकाशित की गई. अकाउंट फ्रीज नहीं किए गए.
ग्रुप ने कहा कि यह जान बूझकर निवेशकों को हतोत्साहित करने की खबर प्रकाशित की गई. अकाउंट फ्रीज नहीं किए गए.
Adani Group Stocks: अडानी ग्रुप दो दिन से चर्चा में है. दरअसल, सोमवार सुबह शेयर बाजार खुलने से ठीक पहले अडानी ग्रुप के तीन विदेशी निवेशकों के डीमैट अकाउंट को फ्रीज करने की खबर आई. इसके बाद ग्रुप की सभी कंपनियों के शेयरों में भारी गिरावट देखने को मिली. दोपहर तक यह गिरावट और ज्यादा हो गई. हालांकि दोपहर बाद ग्रुप ने दोनों एक्सचेंज पर इस खबर का खुलाया किया. ग्रुप ने कहा कि यह जान बूझकर निवेशकों को हतोत्साहित करने की खबर प्रकाशित की गई. अकाउंट फ्रीज नहीं किए गए. लेकिन, नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड (NSDL) की तरफ से ‘फ्रीज’ करने की खबरों के बाद अडानी ग्रुप के शेयर्स 25 फीसदी टूट गए.
गौतम अडानी ग्रुप की तरफ से आए बयान में कहा गया उसके पास NSDL ई-मेल में स्पष्टीकरण है कि इन तीन विदेशी खातों को फ्रीज नहीं किया गया है. ऐसी खबरें पूरी तरह से भ्रामक और गलत हैं. ये तीन विदेशी फंड ग्रुप कंपनियों में टॉप शेयरहोल्डर हैं. अब सवाल उठता है कि अडानी ग्रुप की कंपनियों के इस तरह के अभूतपूर्व स्टॉक लॉस के पीछे क्या कारण थे? हम यहां 5 डिटेल पॉइंट्स में पूरे घटनाक्रम को समझाने की कोशिश कर रहे हैं.
1. अडानी समूह की कंपनियों के शेयरों में गिरावट क्यों? क्या है बड़ा कारण?
दरअसल, इस गिरावट के पीछे सबसे बड़ा कारण वो मीडिया रिपोर्ट्स हैं जिनमें कहा गया कि अडानी ग्रुप की कंपनियों में हिस्सेदारी रखने वाले कुछ FPIs अकाउंट को नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड (NSDL) ने ‘फ्रीज’ कर दिया है.
- इन खबरों के बाद अडानी एंटरप्राइजेज BSE पर 24.99 फीसदी की गिरावट के साथ 1,201.10 रुपए, अडानी पोर्ट्स और स्पेशल इकोनॉमिक जोन 18.75 फीसदी की गिरावट के साथ 681.50 रुपये पर बंद हुआ था.
- अडानी ग्रीन एनर्जी 5 प्रतिशत गिरकर 1,165.35 रुपये, अडाणी टोटल गैस 5 प्रतिशत गिरकर 1,544.55 रुपये, अडाणी ट्रांसमिशन 5 प्रतिशत गिरकर 1,517.25 रुपये और अडाणी पॉवर 4.99 प्रतिशत गिरकर 140.90 रुपये पर आ गया. इन सभी शेयरों ने अपनी-अपनी लोअर सर्किट लिमिट को पार कर लिया.
इसका बड़ा कारण था - वह मीडिया रिपोर्ट्स जिसके मुताबिक NSDL ने तीन विदेशी फंड्स (FPIs) के खातों को फ्रीज कर दिया, जिसके पास अडानी समूह की 6 कंपनियों में हिस्सेदारी है. रिपोर्ट में कहा गया कि इन खातों को 31 मई या उससे पहले फ्रीज कर दिया गया था.
2. कौन से हैं वे 3 विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों के डिपाजिटरी खाते?
- मॉरीशस बेस्ड फंड
1- Albula इन्वेस्टमेंट फंड लिमिटेड
(पैन नंबर AAHCA3597Q)
2- APMS इन्वेस्टमेंट फंड लिमिटेड
(पैन नंबर AAECM5148A)
3- Cresta फंड लिमिटेड
(पैन नंबर AADCC2634A)
- कंपनी की एनुअल प्रेजेंटेशन के मुताबिक, 31 मार्च 2020 तक अडानी ग्रुप की पांच कंपनियों में तीनों फंड्स की 2.1 फीसदी से 8.91 फीसदी हिस्सेदारी है. तीनों फंड्स कंपनी के 12 टॉप निवेशकों में शामिल हैं. सोमवार को आई शेयरों में भारी गिरावट से पहले तीनों फंड्स की अडानी ग्रुप की 5 कंपनियों में कुल वैल्यू होल्डिंग करीब 7.78 अरब डॉलर है.
3. NSDL वेबसाइट ने क्या कहा और अडानी ग्रुप का क्या दावा है?
PTI की एक रिपोर्ट के मुताबिक, NSDL वेबसाइट ने कथित तौर पर अल्बुला इन्वेस्टमेंट फंड, क्रेस्टा फंड और APMS इन्वेस्टमेंट फंड के खातों को बिना कारण बताए फ्रीज कर दिया था.
- इसने अल्बुला इन्वेस्टमेंट फंड लिमिटेड (पैन नंबर AAHCA3597Q), APMS इन्वेस्टमेंट फंड लिमिटेड (पैन नंबर AAECM5148A) और क्रेस्टा फंड लिमिटेड (पैन नंबर AADCC2634A) को ‘एकाउंट लेबल फ्रीज’ के रूप में लिस्ट किया. ये फंड्स मॉरीशस में एक ही पते पर रजिस्टर्ड हैं.
अडानी ग्रुप का दावा
- PTI की एक रिपोर्ट के मुताबिक, ग्रुप के एक सूत्र ने कहा कि रजिस्ट्रार ने लिखित में बताया है कि जिन खातों में अडानी समूह के शेयर हैं, उन्हें जब्त नहीं किया गया है.
- NSDL ने अडानी समूह को भेजे एक ईमेल में कहा, 'इस बात की लिखित पुष्टि की गई है कि फंड्स जिन डीमैट खातों में कंपनी के शेयरों को रखते हैं उन डीमैट खातों को फ्रीज (प्रतिबंधित) नहीं किया गया है.
4. स्पष्टीकरण: खातों पर रोक की खबरों पर अडानी समूह का क्या कहना है?
अरबपति गौतम अडानी के समूह ने कहा कि उसके टॉप शेयरधारकों में से 3 विदेशी फंड्स के खाते फ्रीज नहीं किए गए हैं और मीडिया रिपोर्ट 'स्पष्ट रूप से गलत और भ्रामक' हैं.
- FPIs (विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक) एक दशक से ज्यादा समय से अडानी एंटरप्राइजेज में निवेशक हैं और कंपनी की अलग-अलग कारोबार वाली इकाइयों के अस्तित्व में आने के बाद उसकी पोर्टफोलियो कंपनियों में भी उनकी हिस्सेदारी आ गई.
- स्टेटमेंट के मुताबिक, सभी बिजनेस को 1994 में स्थापित प्रमुख कंपनी अडानी एंटरप्राइजेज लिमिटेड के साथ शुरू किया गया था और पिछले 7 साल के दौरान अडानी पोर्ट्स, अडानी ट्रांसमिशन, अडानी ग्रीन एनर्जी और अडानी गैस लिमिटेड को अलग कर भारतीय शेयर बाजारों में लिस्ट कराया गया.
- अडानी एंटरप्राइजेज अभी भी एयरपोर्ट, सड़क, डेटा केंद्र, सौर विनिर्माण जैसे नए कारोबार को बढ़ाने के लिए काम कर रही है और इन कारोबारों के अलग इकाई के तौर पर सूचीबद्ध होने के बाद निवेशकों को काफी फायदा मिलेगा.
- अडानी ग्रुप के अलग-अलग बिजनेस में निवेशकों का आकर्षण बना हुआ है. प्राइमेरी और सेकेंड्री मार्केट में निवेशक दिलचस्पी रखते हैं.
अदानी ग्रुप में कल क्या हुआ?
— Zee Business (@ZeeBusiness) June 15, 2021
कहां से आई खबर?
अनिल सिंघवी- आज शेयरों में दिख सकती है रिकवरी...
ऐसी खबरों को लेकर अलर्ट रहें... निवेशक सोच-समझकर, रिस्क मैनेजमेंट के साथ अपनी पोजीशन लें#EditorsTake #AdaniGroup #Adani @AnilSinghvi_ pic.twitter.com/dkiuVTUOox
5. Adani Group FPI Accounts: अभी क्या स्थिति है?
ज़ी बिज़नेस (Zee Business) ने पाया कि ये अकाउंट्स एक्टिव हैं, फ्रीज नहीं हैं
- PTI की एक रिपोर्ट के मुताबिक, जिस डीमैट अकाउंट का दावा किया गया उनमें अडानी ग्रुप की क्रेस्टा फंड के 10.76 करोड़ शेयर हैं और अल्बुला इंवेस्टमेंट के 8.59 करोड़ शेयर 'एक्टिव' हैं.
- APMS इन्वेस्टमेंट फंड के अकाउंट में पांच कंपनियों के 15.52 करोड़ शेयर हैं (उसके पास APSEZ के शेयर नहीं हैं) भी 'एक्टिव' है.
09:14 PM IST