रात के अंधेरे में सूरज की रोशनी बेचेगा ये Startup, बनाया है ऐसा प्लान जो किसी चमत्कार से कम नहीं
जरा सोच कर देखिए कि रात का घना अंधेरा हो और अचानक आसमान में चांद की जगह सूरज की किरणें चमकने लगें. सुनने में यह बेशक एक सपना या चमत्कार जैसा लग रहा हो, लेकिन असल में यह सपना जल्द ही हकीकत में बदल सकता है.
जरा सोच कर देखिए कि रात का घना अंधेरा हो और अचानक आसमान में चांद की जगह सूरज की किरणें चमकने लगें. सुनने में यह बेशक एक सपना या चमत्कार जैसा लग रहा हो, लेकिन असल में यह सपना जल्द ही हकीकत में बदल सकता है. जल्द ही रात के अंधेरे में भी सूरज की किरणें आपकी छत पर नजर आएंगी. एक स्टार्टअप ने सूरज की रोशनी बेचने का प्लान बनाया है. इस पर वह तेजी से काम भी कर रहा है. आइए जानते हैं क्या है इस स्टार्टअप का प्लान.
इस स्टार्टअप का नाम है रिफ्लेक्ट ऑर्बिटल, जो अमेरिका के कैलिफोर्निया में है. कंपनी का प्लान अंतरिक्ष में कई सैटेलाइट लॉन्च करने का है, जिनकी मदद से सूरज की रोशनी को धरती पर रिफ्लेक्ट किया जा सकेगा. इसका सबसे ज्यादा फायदा तो सोलर से एनर्जी पैदा करने में होगा, क्योंकि इस तरह सोलर सिर्फ दिन में ही नहीं, बल्कि रात में भी काम करते रहेंगे. रिफ्लेक्ट ऑर्बिटल के CEO बेन नोवाक ने हाल ही में लंदन में ‘इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस ऑन एनर्जी फ्रॉम स्पेस’ में इस आइडिया के बारे में लोगों को बताया.
सनलाइट ऑन डिमांड
इस स्टार्टअप ने इस प्रक्रिया को ‘सनलाइट ऑन डिमांड’ नाम दिया है. इसके तहत सूरज की रोशनी को दिन-रात के बंधन से मुक्त कर दिया जाएगा. इस तरह अब सूरज की रोशनी के लिए दिन होने का इंतजार नहीं करना होगा, बल्कि रात में भी सूरज की रोशनी हासिल कर सकेंगे. ये काम करेंगे इस स्टार्टअप की तरफ से लॉन्च किए जाने वाले सैटेलाइट, जो सूरज की रोशनी को धरती पर रिफ्लेक्ट करेंगे.
कितने सैटेलाइट करेंगे ये काम?
TRENDING NOW
FD पर Tax नहीं लगने देते हैं ये 2 फॉर्म! निवेश किया है तो समझ लें इनको कब और कैसे करते हैं इस्तेमाल
8th Pay Commission: केंद्रीय कर्मचारियों के लिए ताजा अपडेट, खुद सरकार की तरफ से आया ये पैगाम! जानिए क्या मिला इशारा
नोवाक के अनुसार इस योजना में करीब 57 छोटे सैटेलाइट लॉन्च किए जाने की तैयारी है. इनमें हर सेटेलाइट 33 वर्ग फुट अल्ट्रा रिफ्लेक्टिव मायलर मिरर यानी शीशों से लैस है. इन शीशों को धरती पर सोलर प्लांट्स में सूर्य के प्रकाश को वापस रिफ्लेक्ट करने के लिए डिजाइन किया गया है. यह सैटेलाइट 600 किलोमीटर की ऊंचाई पर चक्कर लगाएंगे.
7 लोगों की टीम कर रही है काम
मौजूदा वक्त में इस स्टार्टअप में 7 लोगों की टीम काम करती है. यह स्टार्टअप एक हॉट एयर बैलून में 8x8 फुट का मायलर मिरर जोड़कर अपने कॉन्सेप्ट को पहले ही टेस्ट कर चुका है. कंपनी इसे साल 2025 में लॉन्च करने की योजना बना रही है. रिफ्लेक्ट ऑर्बिटल कैलिफोर्निया स्थित एक स्टार्ट-अप है, जिसके को-फाउंडर और सीईओ बेन नोवाक हैं. वहीं दूसरे को-फाउंडर और सीटीओ त्रिस्टन सेमेलहैक हैं. कंपनी की वेबसाइट के अनुसार, रिफ्लेक्ट ऑर्बिटल शुरू करने से पहले नोवाक ने सैकड़ों टेक्नोलॉजी प्रोजेक्ट में सालों बिताए, ताकि उस दिन के लिए ट्रेनिंग प्राप्त कर सकें जब सही विचार सामने आए.
रूस भी कर चुका है ऐसा
रिफ्लेक्ट ऑर्बिटल का ये आइडिया भले ही चमत्कार जैसा लग रहा हो, लेकिन रूस भी इसे आजमा चुका है. 1992 में रूस ने ज़नाम्या 2 मिशन लॉन्च किया था. रूस ने अंतरिक्ष में एक मिरर तैनात किया, जिसने कुछ समय के लिए धरती की ओर सूरज की रोशनी चमकाई. हालांकि, वैज्ञानिक इस सफलता को दोहराने में कामयाब नहीं हुए, क्योंकि उस दौर में उपग्रहों को अंतरिक्ष में भेजना बहुत महंगा था.
08:00 AM IST