Shark Tank India-4: पति-पत्नी ने ₹7 लाख से बनाया ₹1 करोड़ मुनाफे वाला Startup, बोले- ये बिजनेस कराएगा 'चांदी'

ऑनलाइन सोने की ज्वैलरी तो खूब बिकती हैं, लेकिन चांदी की ज्वैलरी कम ही कंपनियां बेचती हैं. शार्क टैंक इंडिया के चौथे सीजन (Shark Tank India Season 4) में एक ऐसा स्टार्टअप (Startup) आया, जो चांदी की ज्वैलरी ऑनलाइन बेच रहा है.
Shark Tank India-4: पति-पत्नी ने ₹7 लाख से बनाया ₹1 करोड़ मुनाफे वाला Startup, बोले- ये बिजनेस कराएगा 'चांदी'

ऑनलाइन सोने की ज्वैलरी तो खूब बिकती हैं, लेकिन चांदी की ज्वैलरी कम ही कंपनियां बेचती हैं. शार्क टैंक इंडिया के चौथे सीजन (Shark Tank India Season 4) में एक ऐसा स्टार्टअप (Startup) आया, जो चांदी की ज्वैलरी ऑनलाइन बेच रहा है. इस स्टार्टअप का नाम है shyle, जिसकी शुरुआत जयपुर के रहने वाली आस्था (Astha Katta Sirohiya) ने अपने पति राधेश (Radhesh Sirohiya) के साथ मिलकर की है.

स्टार्टअप का दावा है कि उनके पास बहुत सारे डिजाइन हैं और उनकी ज्वैलरी 92.5 फीसदी शुद्धता वाली हैं. फाउंडर्स कहते हैं कि वह हर जनरेशन के लिए ज्वैलरी बनाते हैं. यह स्टार्टअप चांदी की राखी, नटरबट्टू, महामृत्युंजय जाप का लॉकेट समेत कई तरह की ज्वैलरी बनाता है. अभी तक यह स्टार्टअप 1.5 लाख ऑर्डर प्रोसेस कर चुका है. इस स्टार्टअप के इंस्टाग्राम पर करीब 3.90 लाख फॉलोअर्स हैं.

2 साल में बनानी है 100 करोड़ की कंपनी

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कंपनी का विजन है कि अगले 2 सालों में 100 कारीगरों के परिवारों को इंपैक्ट किया जाए. बता दें कि अभी कंपनी 30 कारीगरों के साथ काम कर रही है. कंपनी अगले 2 साल में 100 करोड़ रुपये के रेवेन्यू तक पहुंचना चाहती है और इंडिकॉन बनना चाहती है. इंडिकॉन वह स्टार्टअप होते हैं, जिनका रेवेन्यू 100 करोड़ पर पहुंच जाता है और वह मुनाफे में होती हैं.

घर में दूर-दूर तक किसी ने नहीं की नौकरी

दोनों ही फाउंडर जयपुर के ऐसे परिवारों से आते हैं, जहां सभी बिजनेस करते हैं. राधेश कहते हैं कि उनके घर में दूर-दूर तक किसी ने नौकरी नहीं की, सिर्फ उन्होंने ही आईआईटी रुढ़की से पढ़ाई के बाद कुछ वक्त नौकरी की. इस स्टार्टअप से पहले भी वह कुछ बिजनेस कर चुके हैं और उसी दौरान उनकी मुलाकत हुई आस्था से, जो अपने कॉलेज की मिस फ्रेशर थीं. वहां से दोनों में प्यार शुरू हुआ और 2016 में दोनों ने शादी कर ली.

आस्था ने शुरू किया ज्वैलरी बिजनेस

आस्था का परिवार भी बिजनेस ही करता रहा है. आस्था ने अपनी पढ़ाई और ग्रेजुएशन जयपुर से किया. उसके बाद अहमदाबाद की निरमा यूनिवर्सिटी से एमबीए की पढ़ाई की. उसके बाद ही आस्था की मुलाकात राधेश के साथ हुई. जब वह जयपुर वापस आईं तो उन्होंने अपना बिजनेस शुरू करने की सोची. ज्वैलरी को लेकर उनका पर्सनल इंस्ट्रेस्ट था. ऐसे में आस्था ने दिसंबर 2017 में अपना ज्वैलरी स्टार्टअप शाइल शुरू कर दिया.

18 करोड़ की कमाई करेगी कंपनी!

कंपनी ने इस साल नवंबर तक करीब 11 करोड़ की कमाई की है और साल के अंत तक करीब 18 करोड़ की कमाई का टारगेट है. वहीं पिछले साल कंपनी का रेवेन्यू 15 करोड़ था. 2022-23 में कंपनी ने 13 करोड़ कमाए, जबकि उससे पिछले साल कंपनी का रेवेन्यू 10.5 करोड़ रुपये था. अभी तक ये कंपनी बूटस्ट्रैप्ड है और बैंक में भी करीब 50 लाख रुपये है.

7 लाख से बनाया 1 करोड़ के मुनाफे वाला बिजनेस

इस बिजनेस को आस्था ने सिर्फ 7 लाख रुपये से शुरू किया था. इस साल उनका मुनाफा करीब 1 करोड़ रुपये रह सकता है. यानी 7 लाख रुपये से करीब 7 साल में इस स्टार्टअप ने 1 करोड़ रुपये के मुनाफे वाला बिजनेस खड़ा कर दिया है. अभी यह कंपनी पूरी तरह से आस्था की है, राधेश इससे एक कंसल्टेंट की तरह जुड़े हैं.

कंपनी की 82 फीसदी सेल खुद की वेबसाइट से आती है. वहीं 8 फीसदी एक्सपोर्ट से, 7 फीसदी अमेजन से और बची हुई सेल्स दूसरे मार्केटप्लेस से आती है. कंपनी का रिपीट रेट 15 फीसदी के करीब है. अगले 3 महीने में यह स्टार्टअप एक्सक्लूसिव ब्रांड आउटलेट भी शुरू करने की योजना बना रहा है.

1 फीसदी के बदले मांगे 70 लाख रुपये

फाउंडर्स ने इस स्टार्टअप के लिए 1 फीसदी इक्विटी के बदले 70 लाख रुपये की फंडिंग मांगी. फाउंडर्स ने कहा कि इसमें निवेश कर के होगी चांदी ही चांदी. नमिता और रितेश ने साथ मिलकर 1.5 फीसदी इक्विटी के बदले 70 लाख रुपये और 70 लाख रुपये वापस मिलने तक 1 फीसदी रॉयल्टी की डील दी. वहीं दूसरी ओर अनुपम ने 5 फीसदी इक्विटी के बदले 1.4 करोड़ रुपये का ऑफर दिया. विनीता और कुणाल इस डील से आउट हो गए.

रितेश का कहना है कि उनके बहुत सारे होटल में ज्वैलरी शॉप भी है, जिसका इस स्टार्टअप को फायदा हो सकता है. नमिता ने कहा कि उन्हें तो बना बनाया डिस्ट्रीब्यूशन मिल जाएगा. वहीं अनुपम ने कहा कि रितेश आपको जीरो वैल्युएशन दे रहे हैं. वह बोले कि एनआरआई के साथ बिजनेस बनाना है तो मैं सबसे सही हूं. नमिता-रितेश ने ऑफर रिवाइस करते हुए रॉयल्टी 0.5 फीसदी कर दी.

इसी बीच दोनों फाउंडर आपस में कुछ बात कर रहे थे, जो सुनने में कुछ ऐसा लगा कि वह कह रहे हैं रॉयल्टी हम बाद में देख लेंगे. ये सुनते ही अनुपम डील से आउट हो गए, उन्हें लगा कि फाउंडर्स अपनी बात से मुकरने का प्लान कर रहे हैं. नमिता ने भी इस पर थोड़ी चिंता जताई, जिस पर फाउंडर्स बोले कि उनके कहने का ये मतलब नहीं है. आखिरकार शाइल ने 1.5 फीसदी इक्विटी के बदले 70 लाख रुपये और 70 लाख रुपये वापस मिलने तक 0.5 फीसदी रॉयल्टी की डील की.

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अनुज मौर्या

अनुज मौर्या

Assistant News Editor

बिजनेस जर्नलिज्म में एक लंबे अनुभव के साथ अनुज मौर्या मुख्य रूप से स्टार्टअप कल्चर की बारीकियों को जनता तक पहुंचाते हैं. साथ ही वह शेयर बाजार और

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